पर्सनल हाइजिन के प्रति रहें सचेत Be aware of personal hygiene
देखा जाये तो अधिकांश लोग अपनी पर्सनल हाइजिन के प्रति लापरवाह होते हैं जिसके अभाव में छोटी बड़ी बीमारियों को बिना बुलाये आमंत्रण मिल जाता है। हालिया कोविड-19 बीमारी ने पर्सनल हाईजिंन को नया आयाम दिया है।
आपको आश्चर्य होगा कि हाइजिन शब्द यूनान की देवी के नाम पर लिया गया है। पर्सनल हाईजिन का सीधा सा अर्थ है व्यक्तिगत स्वास्थ्य का ध्यान रखना। हाइजिन नाम पवित्र देवी के नाम पर होने से पर्सनल हाइजिन की महत्ता स्वयं ही सुस्पष्ट हो जाती है।
मनुष्य के स्वास्थ्य पर वंश तथा वातावरण का प्रभाव खासतौर से पड़ता है। अच्छे स्वास्थ्य हेतु दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिये निम्नलिखित बातों पर सजगता रखनी होगी। मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य हेतु स्वयं पर संयम रखना होगा जिसमें निद्रा, नशीले पदार्थों का सेवन, उत्तेजक पेय, नित्य क्रियाओं की आदत, व्यायाम, वस्त्र, भोजन की बातें सम्मिलित की जाती हैं। शरीर, वस्त्र,
भोजन तथा वातावरण की स्वच्छता जरूरी है।
- नींद शरीर को स्वस्थ रखने तथा थकावट भगाने की औषधि है। व्यस्कों हेतु 8 घंटे तथा बच्चों हेतु 12-14 घंटे नींद पर्याप्त है। वैसे अधिक निद्रा से दिमागी शिथिलता तो अल्पनिद्रा से चिड़चिड़ापन तथा एकाग्रता में कमी होती है। खाने के तुरंत बाद सोने से मंदाग्नि व अपच होती है।
- अफीम, चरस, नींद की गोलियों से हृदयरोग, रक्तचाप, अनिद्रा रोग हो सकते हैं। नशीले पदार्थों से स्रायु ढीले होते हैं, चक्कर आते हैं। उत्तेजक पेयों में चाय, कॉफी, कहवा, धूम्रपान, तम्बाकू भी पर्सनल हाइजिन को खतरा पहुंचाते हैं। इनसे भी स्रायु रोग व अनिद्रा रोग हो सकते हैं।
- प्रतिदिन निश्चित समय पर शौच जायें नहीं तो मितली, सिरदर्द व स्वाद में कमी हो सकती हैं। वैसे शौच जाने से पहले कुल्ला कर खाली पेट पानी पीना अच्छा है।
- पर्सनल हाइजिन के लिये व्यायाम भी जरूरी है। याद रखें, खाने के तुरंत बाद व्यायाम करना हानिकारक हैं। व्यायाम से फेफड़े मजबूत और प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि होती है।
- आपके चलने-फिरने, उठने-बैठने की मुद्रायें भी चुस्त और आकर्षक होनी चाहिये।
- भोजन पौष्टिक एवं संतुलित होना चाहिये। आप हरी सब्जियां खायें तथा खाने के बाद ज्यादा पानी न पियें।
- आंखों को शीतल पानी से धोना चाहिये। पढ़ने के लिये आंख और पुस्तक की दूरी 10-12 इंच होनी चाहिये।
- दांत और नाखूनों की सफाई भी अनिवार्य है। मुंह-दांत साफ न करने से पायरिया रोग हो सकता है। दांत के साथ मसूड़ों की मालिश करने से दंतक्षय रुकता है। बड़े नाखून जाने अनजाने में सैकड़ों हानिकारक सूक्ष्म जीवाणु आपके पेट में पहुंचा देते हैं जिससे कृमि होने की संभावनायें बढ़ जाती हैं।
- त्वचा और शरीर की सफाई भी प्रतिदिन होनी चाहिये। इसके लिये शीतल जल स्रान, कुनकुने पानी से स्रान, सूर्य स्रान कोई भी लाभदायक विधि चुनी जा सकती है। सूर्य स्रान में मालिश करने के बाद ठंडे जल से नहायें।
- अच्छे स्वास्थ्य के लिये भोजन भी स्वच्छ होना चाहिए। आप कच्चे फल खाने के पहले साफ जल से कई बार या पोटेशियम परमेगनेट से धोकर खायें। शीतल जल और बर्फ पर्सनल हाइजिन के लिये घातक हैं।
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य में हाइजिन रखने के साथ रोगों का बचाव भी होना चाहिये। इसके लिये समय-समय पर प्रतिरक्षक टीके लगवाने चाहिये। यदि आप जहां रहते हैं, उस स्थान पर वायरस फीवर, दण्डक फीवर, गर्दन तोड़ फीवर, कंजेक्टिवाइटिस ज्वर का प्रकोप फैला हो तो तरूणताल, जिम, होटल जैसे सार्वजनिक स्थलों से बचें।
पर्सनल हाइजिन की सारी तामझाम को अपनाने एवं दोहराने के बाद भी आप स्वस्थ नहीं रहेंगे जब तक कि आप सदा प्रसन्नचित, चिंतामुक्त नहीं रहेंगे। अपने आप पर तथा ईश्वर में विश्वास रखें।
-राकेश कुमार
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