वॉकिंग करते समय रखें ध्यान – यह सर्वविदित है कि वॉकिंग मानव शरीर के लिए नितांत आवश्यक है। सूर्योदय के समय वॉक करने से जहां मन को एक असीम शांति मिलती है, वहीं काम, क्र ोध और ईर्ष्या जैसे मनोदोषो का नाश होता है जबकि विद्यार्थियों के लिए यह एकाग्रता बढ़ाने हेतु एक संजीवनी बूटी से कम साबित नहीं होता। ऐसा करने से रात को मीठी गहरी नींद तो आती ही है, शरीर को भी मनचाहा सुखद आराम प्राप्त होता है।

हालांकि वॉकिंग को व्यायाम की दृष्टि से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है किंतु जहां यह एक सरल व्यायाम प्रक्रि या है, वहीं यदि कुछ उचित बातों का खास स्मरण नहीं रखा जाए तो हमारे शरीर हेतु एक मुसीबत खड़ी कर सकता है। इसलिए अगर आप वॉकिंग के द्वारा हमेशा खुशनुमा बना रहना चाहते हैं तो निम्न बातों का विशेष ख्याल रखें।

शारीरिक मुद्रा का विशेष ध्यान रखें

देखने में आया है कि हम अक्सर किसी दूसरे व्यक्ति के कहने मात्र से ही अनायास वॉकिंग करने के लिए एकदम तैयार होकर चल देते हैं। वैसे तो यह गलत कार्य नहीं है लेकिन वॉकिंग करते वक्त शारीरिक मुद्रा का विशेष महत्त्व होता है। इसके अभाव में वॉकिंग रूपी व्यायाम का अभीष्ट लाभ नहीं मिलता। इसीलिए इस दौरान शरीर को बिलकुल सीधी स्थिति में रखें। इससे वाकई सौ फीसदी लाभ होगा। वॉकिंग के दौरान कोशिश करें कि जहां तक हो सके, झुकें नहीं बल्कि शरीर की रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर वाक करें। इससे अवश्य ही शरीर पर उचित प्रभाव पडेÞगा।

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समूह में वाक करें

दरअसल मानव एक सामाजिक प्राणी है और समाज में समूह के बगैर उसके जीवन का अस्तित्व नहीं के तुल्य है इसलिए प्रयास करें कि दो-चार व्यक्तियों के साथ सामूहिक वाक करें तो श्रेष्ठकर साबित होगा। अकेले में वॉक करने से मन अशांत और अवसाद से ग्रसित रहता है और व्यक्ति अकेले में वाक करते समय अपने एक अलग ही विचार में लिप्त रहता है जिसके कारण उसकी वॉक सही मायनों में संपूर्ण नहीं हो पाती है।

दूसरी ओर समूह में वॉकिंग करते समय आपस में हंसी-मजÞाक का माहौल बना रहता है इसकी वजह से मनोदैहिक स्वास्थ्य पर एक खास असर पड़ता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति के स्वास्थ्य में एक अलग ही ताजगी देखने को मिलती है। हंसने से जहां व्यक्ति के शरीर में रक्त संचार की गति अधिक बढ़ जाती है वहीं दिमागी समस्याओं से पीड़ित रोगियों को भी निसंदेह एक विशेष लाभ पहुंचता है।

नाक से ही सांस लें

वॉकिंग के नियम रूपी इस पायदान पर हमें यह जरूर ध्यान में रखना है कि सांस पूरी तरह से नाक के मार्ग से ही शरीर के भीतर प्रवेश करे न कि मुंह के द्वारा क्योंकि ऐसा करने पर मुंह काफी हद तक सूख जाता है और फेफड़ों समेत पूरी बॉडी को ठीक तरह आॅक्सीजन नहीं मिल पाती। फलस्वरूप फेफड़ों में धूल प्रवेश कर जाती है। इस प्रकार व्यक्ति न चाहते हुए भी विपरीत परिस्थितियों में फंसकर बीमार हो उठता है जो स्वास्थ्य के लिहाज से यकीनन बेहद नुक्सानदायक हो सकता है।

एड़ी की जगह पंजों को स्थान दें

जब हम तन और मन की थकान को दूर करने की बात करते हैं तो इसके लिए प्रतिदिन प्रात:काल के समय वॉकिंग का सहारा लेते है। ऐसे में इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिये कि एड़ी की तुलना में पंजों का इस्तेमाल अधिकाधिक करें वरना टखने में दर्द की पीड़ा होने से कोई नहीं रोक सकता। डॉक्टरों के अनुसार, व्यक्ति के पैरों की संरचना दौड़ने की अपेक्षा चलने के लिए अति उत्तम है। सो, वॉकिंग के दौरान पैरों की एड़ी के प्रयोग की जगह पंजों को महत्त्व देना चाहिये।

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पेड़-पौधों को महत्त्व दें

प्रात:काल वॉकिंग करते समय खुले स्थानों, पार्कों के अलावा पेड़-पौधों वाली जगहों का भली-भांति चयन करें। यकीनन, इस तरह से दिमागी तनाव तो कम होगा ही, साथ ही उचित मात्र में शरीर को शुद्ध आॅक्सीजन भी मिलेगी जो स्वास्थ्य के लिए हर दृष्टि से उपयोगी साबित होगा।

मोबाइल के प्रयोग से बचें

उगते सूर्य को नमस्कार करते समय आमतौर पर देखने को मिलता है कि व्यक्ति सहज रूप से वॉक करते समय बीच-बीच में मोबाइल का भरपूर उपयोग करते हुए बातें करते रहते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति का दिमागी संतुलन बंट जाता है और शरीर का बैलेंस लड़खड़ा जाने से नुक्सान होने की संभावना बढ़ जाती है जो हर लिहाज से व्यक्ति के लिए घातक सिद्ध हो सकता है, इसलिये वॉकिंग के दौरान कोशिश करें कि मोबाइल का इस्तेमाल नहीं के बराबर करें। यह आपके हित के लिए सर्वोत्तम रहेगा।

अगर आप उपरोक्त बातों पर ध्यान केंद्रित करके उचित नियमों का सख्ती से पालन करते हैं तो निस्संदेह स्वयं को सदैव सुरक्षित महसूस करेंगे और साथ ही अन्य लोगों की तुलना में एक बेहतरीन वॉकिंग को अंजाम देकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में भी अव्वल साबित होंगे और यह हमारे लिए एक प्लस प्वाइंट का काम करेगा।

एक नवीनतम शोध में बताया गया है कि नियमित सावधानीपूर्वक की जाने वाली वॉकिंग रूपी व्यायाम से चिंता में 20 फीसदी कमी आती है। इसलिए आज से ही रोजाना वॉकिंग कीजिए और शरीर को दुरुस्त बनाइये।
-अनूप मिश्रा

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