बचाव में ही बचाव
सम्पादकीय : बचाव में ही बचाव Rescue only rescue
जैसे कि सबको पता ही है कि कोरोना-कोविड-19 की महाबीमारी से केवल भारत देश ही नहीं, पूरा विश्व जूझ रहा है। हालांकि सरकारें इससे बचाव (दवाई...
जज्बे को सैल्यूट | सेवादारों ने बांधा 40 फुट का कटाव
जज्बे को सैल्यूट सेवादारों ने बांधा 40 फुट का कटाव Salute the spirit. 40 feet erosion tied by servicemen
जिला करनाल के गांव रांवर वासियों के लिये आवर्धन नहर आफत का मंजर लेकर आई। 17...
वेलडन! कोरोना वारियर्स, वेलडन!
वेलडन! कोरोना वारियर्स, वेलडन! Wellden! Corona Warriors, Wellden!
पूरी दुनिया एक सूक्ष्म व अदृश्य शत्रु से जंग लड़ रही है। इससे पार पाने को बड़े-बड़े देश ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। हर कोई इस...
Save Human Life: दुर्गम पहाड़ों पर इंसानी जीवन को बचाने की जद्दोजहद
Save Human Life कुछ विरले शख्स ऐसे होते हैं जो खुद की सुरक्षा के बजाय दूसरों की सुरक्षा को ज्यादा अहमिसत देते हैं। अमरनाथ, चारधाम जैसी दुर्गम यात्राओं के दौरान तीर्थयात्रियों के समक्ष सबसे...
घातक है कोरोना वायरस
घातक है कोरोना वायरस Corona virus
बचाव के लिए डाइट व सावधानियां जरूरी
इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रही है। चीन, इटली, ईरान जैसे देश इस खतरनाक वायरस से सबसे ज्यादा...
सर्वधर्म की मिसाल है सच्चा सौदा
सम्पादकीय
सर्वधर्म की मिसाल है सच्चा सौदा sacha sauda
अनेकता में एकता का नाम ही भारत देश है। ऐसा अक्सर कहा जाता है कि यह विविधताओं का देश है। चाहे कोई हिंदू है या मुस्लिम, सिख...
…हम पागल ही अच्छे हैं शहीदी दिवस (23 मार्च) विशेष
...हम पागल ही अच्छे हैं शहीदी दिवस (23 मार्च) विशेष Martyr's Day
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव का नाम आदरपूर्वक लिया जाता है जो अंतिम सांस तक आजादी...
जिसका बादशाह बादशाहत भी सारी उसी की
जिसका बादशाह बादशाहत भी सारी उसी की
रूहानियत में यह नियम अटल है कि जो अपने गुरु सच्चे मुर्शिदे कामिल के वचनों को दृढ़ता से मान लेता है वही परमपिता परमात्मा की हर खुशी का हकदार बनता है। ‘जो तेरी रमज पछाण गया उह कुल इलमां नूं जाण गया’। बादशाह ने एक बार नुमाइश लगाई।
खुशी का इजहार बसंत पंचमी
भारत त्यौहारों का देश है। देशवासी प्रत्येक ऐसे अवसर को त्यौहार के रूप में मनाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं। हमारे देश के त्यौहार केवल धार्मिक अवसरों को ध्यान में ही रखकर नही मनाये जाते बल्कि ऋतु परिवर्तन के मौके का भी पर्व के रूप में ही स्वागत किया जाता है।
अवर्णनीय परोपकार
जो सतगुरु जीवन ही बख्श दे, मुर्दे को जिन्दा कर दे, जो चौरासी के कैदखाने में बंदी रूहों को अपने रहमो-करम से मुक्त कर दे और उन्हें एक-एक को, सबको अपने घर निज देश, सतलोक, सचखण्ड में पहुंचा दे, क्या इससे बड़ा कोई परोपकार हो सकता है?