happiness -sachi shiksha hindi

हर रोज मिलेगी जीने की खुशी happiness

इस दुनिया में दो चीजें हर किसी को चाहिए- लंबी आयु और खुशहाली। ये दोनों ही चीजें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। सेहत विज्ञानी मान चुके हैं कि जो लोग जिंदादिल और खुशहाल होते हैं, वे दीर्घायु भी होते हैं लेकिन इन दोनों चीजों को हासिल करने के लिए आपको चाहिए एक तीसरी और अहम् चीज- ईकीगाई। नहीं समझे न ?

दरअसल यह एक जापानी शब्द है जिसका मतलब है- मकसद। जी हां, जापान सहित कई देशों के हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर आपने अपने जीने का उद्देश्य या मकसद ढ़ूंढ लिया तो आप दूसरे लोगों की तुलना में दीर्घायु होंगे। जब भी आप सो कर उठें तो आपके पास जागने का एक मकसद होना चाहिए यानी आपको पता होना चाहिए कि आगे आपको क्या-क्या काम करने हैं और आप किसलिए जागे हैं। लंबी आयु के मामले में जापान के लोग दुनिया-भर में चर्चित हैं और वे इस बात से पूरी गंभीरता से इत्तफाक रखते हैं।

कई अध्ययनों से हुई पुष्टि- Happiness

40 से 79 वर्ष आयु के हजारों जापानी वयस्कों पर किए गए अध्ययन में पता चला है कि जिन लोगों ने अपने जीने का मकसद तय कर लिया है या जानते हैं, उनकी जिंदगी में स्ट्रेस कम होता है और इसी वजह से उनकी आयु लंबी होती है। चूंकि ये सारे लोग जापान के ओकीनावा द्वीप से थे, इसलिए इनकी राय काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहां कई दुनिया के सबसे ज्यादा दीर्घायु लोग रहते हैं।

अमेरिका में हुई एक अन्य स्टडी में भी पाया गया कि जिन लोगों ने अपने जीने का मकसद जान और समझ लिया, उनमें बिना लक्ष्य या बिना किसी खास मकसद के जीने वालों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 15 फीसदी तक कम होता है।

अगर आप अपने जीवन का मकसद यानी लक्ष्य सही ढंग से जान जाते हैं, तो इससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के साथ-साथ असमय मृत्यु की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है। माउंट सिनी सेंट ल्यूक एवं माउंट सिनाई रूजवेल्ट के शोधकर्ताओं ने अपने गहन अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

अध्ययन में बताया गया है कि जीने का मकसद स्पष्ट रूप से समझने वालों की मृत्यु में अन्य सभी कारणों से 23 फीसदी और हार्ट डिजीज या स्ट्रोक से मृत्यु की 19 फीसदी संभावना कम हो जाती है। अध्ययन के मुखिया रैंडी कोहेन कहते हैं, जीने का उद्देश्य जानने और मृत्यु से सुरक्षा पाने के बीच बड़ा गहरा संबंध है। उनकी अगुवाई में रिसर्च टीम ने 1,37,000 से ज्यादा लोगों पर किए गए ऐसे कई अध्ययनों की बारीकी से समीक्षा की और पाया कि जिन लोगों के जीने का कोई मकसद नहीं था या उन्हें इसका पता नहीं था, उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज ज्यादा पाया गया।

कनाडा की कार्लेटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दीर्घ आयु पर अध्ययन करते हुए पाया कि जिन लोगों ने अपने जीवन की दिशा तय कर रखी है और लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं, वे लम्बी आयु पाते हैं भले ही यह लक्ष्य अधेड़ अवस्था में ही क्यों न तय किया गया हो। ‘साइकोलाजिकल साइंस’ में प्रकाशित इस अध्ययन के मुखिया पैट्रिक हिल हैं।

शिकागो की रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर द्वारा किए गए अध्ययन के नतीजे में जीवन के उद्देश्य निर्धारण से अल्जीमर्स डिजीज से मस्तिष्क की सुरक्षा का फायदा बताया गया है।
दर्शन शास्त्र और कई बेस्टसेलर सेल्फ हेल्प बुक्स के लेखक जेम्स एलन ने कहा है कि जिन लोगों के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं होता,वे बहुत जल्दी छोटी-मोटी चिंताओं,डर, मुसीबतों और अपने प्रति दयाभाव रखने के भाव से ग्रस्त हो जाते हैं.

फायदा लक्ष्य या मकसद निर्धारण का-

प्लानिंग करने और आने वाले समय में हासिल करने के लिए तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने की जद्दोजेहद आपके दिमाग को व्यस्त रखती हैं और आपके तन को एक्टिव व फिट रखती है। इससे आप बेवजह की चिंताओं में उलझकर मानसिक रूप से परेशान होने या आलस्य के वशीभूत होने से बच जाते हैं। ये दोनों ही चीजें तन-मन की सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। जब हम सुबह किसी काम को करने के उत्साह और लगन से उठते हैं तो हमारा मन प्रसन्न रहता है और लक्ष्य हासिल करने के लिए हम जल्दी जल्दी एक के बाद एक काम निपटाते चले जाते हैं।

फार्मूला मकसद तय करने का

इकीगाई या अपनी जिंदगी का मकसद तय करने के लिए आपको खुद से कुछ सवाल पूछने होंगे और ईमानदारी से उनका जवाब देना होगा-

मुझे क्या करना अच्छा लगता है?

यहां आपको अपना सबसे खास शौक जानना होगा। ये शौक एक या उससे अधिक भी हो सकते हैं। इन्हें आप कभी न छोड़ें बशर्ते ये अच्छे, सकारात्मक और रचनात्मक शौक हों। हर अच्छा शौक आपको कोई न कोई फायदा जरूर देता है चाहे वह तन को दुरूस्त रखता हो या मन को सुकून देता है। जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन, कबड्डी जैसे स्पोर्ट्स, कैरम, चेस, लूडोज से इंडोर गेम्स, बागवानी, फोटोग्राफी, ट्रेवलिंग, आदि। आप चाहे जितने व्यस्त रहें इन्हें पूरा करने के लिए आपको अपना कुछ वक्त जरूर देना चाहिए।

मैं क्या अच्छा कर सकता हूं? यह आपके बिजनेस या पेशे से संबंधित है। आप किस काम को अच्छी तरह कर सकते हैं और किस काम को करने में आपकी अधिक दिलचस्पी है, यह आपको जरूर मालूम होना चाहिए। अगर आप अपनी क्षमता व दिलचस्पी से संबंधित काम करेंगे तो आपको हर दिन कुछ न कुछ जरूर हासिल होगा जिससे आपका उत्साह बना रहेगा। सबसे बड़ी बात यह कि आप इस काम को कभी बोझ समझ कर नहीं करेंगे जिससे आपकी सफलता के चांसेज भी बढ़ेंगे।

लोग मुझसे क्या चाहते हैं? इस सवाल का जवाब देते समय आपको पूरी दुनिया के लिए नहीं सोचना है बल्कि सिर्फ उन लोगों के बारे में सोचना है जो आपके लिए वास्तव में महत्व रखते हैं। इनमें दो तरह के लोग होंगे- पहले वे जो आपको शिद्दत से चाहते हैं और आप हमेशा उनका साथ व खुशी चाहते हैं और दूसरे वो लोग जिनसे आपको फाइनेंशियल फायदा होता है यानी जिनसे आपकी आजीविका चलती है। इससे आपको अपने दैनिक कामों व क्रि याकलापों को तय करने की दिशा भी मिलेगी और उन्हें करने में मजा भी आएगा क्योंकि आपके काम से या तो आपके अपनों को खुशी मिलेगी या फिर आपको वित्तीय लाभ होगा। ये दोनों ही स्थितियां आपको उत्साह और प्रसन्नता देने वाली होंगी।
इन्हीं 3 सवालों और उनके जवाबों में आपके जीने का मकसद छिपा है।

ये भी हो सकती हैं हर सुबह जागने की वजह

  • अपनी संतान को सही ढंग से पाल-पोस कर बड़ा करना, उनके साथ कुछ अच्छे पल बिताना और उनका भविष्य संवारने का प्लान बनाना आदि उन्हें अच्छे संस्कार देना।
  • कोई अच्छी सी किताब पढ़ना चाहे वह कोई सेल्फ हेल्थ बुक हो, आध्यात्मिक पुस्तक हो, कहानियों की किताब हो, रेसिपी बुक हो या फिर हेल्थ संबंधी।
  • दिन भर हाउसहोल्ड वर्क, आफिस ड्यूटी या बिजनेस डील करने के बाद शाम को पसंदीदा टीवी प्रोग्राम देखना या दोस्तों के साथ जमकर गपशप और हंसी ठट्ठा करना।
  • किसी के प्रति आभार व्यक्त करना। जो कल आपके काम आया था और आपकी मदद की थी, उसके प्रति आज धन्यवाद ज्ञापन करना है।
  • अपनी मां, बहन, पत्नी, पति या किसी अन्य निकट संबंधी के लिए कुछ करना है। परिवार को समय देना है। उनके साथ खुशी बांटनी है। उन्हें खुश करना है और खुद भी खुश रहना है तथा ईश्वर की भक्ति के लिए समय देना।
    -शिखर चंद जैन

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