परोपकारों की मिसाल -सम्पादकीय
परमपिता परमात्मा के सच्चे रूहानी संत, पीर-फकीर धुर दरगाह से जीवात्मा की मोक्ष-मुक्ति के लिए ही संसार में आते हैं। बाहरी क्रियाओं एवं देखने में वो बेशक हमारी तरह इन्सान नजर आते हैं और हमारे दरमियान रहते हैं, लेकिन अपने असल उद्देश्य सृष्टि व जीवोद्धार के कार्य को वो दिलो-जान से निभाते हैं।
जिन्होंने विश्वास किया असल जिंदगी उन्हीं की है।
सतगुरु जी के परोपकार गिनाए नहीं जा सकते। प्यारे सतगुरु परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज का पूरा जीवन परोपकारों की मिसाल है। समाज व इन्सानियत की भलाई के लिए आप जी बचपन से लेकर पूरी जिंदगी प्रयत्नशील रहे। नूरी बचपन पर गौर करें, तो आप जी का हर अंदाज उदाहरण बना। कोई भी दर पर आया, सवाल किया, भूखा हूं कुछ खाने को मिल जाए, आप जी ने अपनी पूजनीय माता जी के पवित्र संस्कारों के फलस्वरूप उस प्रार्थी को पेटभर भोजन कराया। उसकी समस्या का समाधान भी किया।
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कोई अपने पशुओं के लिए तूड़ी-चारा लेने आया तो आप जी ने उसकी इच्छा से बढ़कर मदद की। कोई अपनी बेटी की शादी के लिए कुछ रुपयों की जरूरत की इच्छा लेकर आया तो आप जी ने पूजनीय माता जी से उनकी जरूरत को हल करने के लिए आग्रह किया कि माता जी, ये समझ लेना कि मेरी अपनी बहन की शादी है, इन्हें निराश बिल्कुल भी नहीं करना। कोई परमपिता परमात्मा का दूत, ईश्वरीय स्वरूप ही ऐसा कर सकता है, ऐसा सोच सकता है। इशारा उस सच्चे फकीर ने पूजनीय माता-पिता जी को आप जी के अवतार धारण कर लेने से पहले ही कर दिया था कि आपके घर खुद ईश्वरीय अवतार आएगा।
28 फरवरी 1960 को पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने आप जी को डेरा सच्चा सौदा में बतौर दूसरे पातशाह गद्दीनशीन किया। आप जी ने अपने रहमो-करम से डेरा सच्चा सौदा को बुलंदियों पर पहुंचाया। मानवता व समाज भलाई का आप जी के रहमो-करम का यह कारवां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी आदि राज्यों के दूर-दराज के इलाकों, सैकड़ों गांव-शहरों तक फैलता ही गया। आप जी की रहमत से घर-घर में राम-नाम का प्रकाश फैला। आप जी ने 1990-91 तक 30-31 वर्षों में लाखों लोगों का राम-नाम के द्वारा नशे आदि बुराइयों से छुटकारा कराया और करोड़ों लोग हैं, जो आज आप जी की पावन शिक्षाओं को धारण किए हुए हैं।
समाज व मानवता के प्रति आप जी के अतुलनीय, अनगिनत परोपकार हैं, जो कभी भुलाए नहीं जा सकते। उन्हीं महान परोपकारों में पूज्य मौजूदा गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां एक प्रत्यक्ष मिसाल हैं। आप जी ने पूज्य गुरु जी को 23 सितम्बर 1990 को स्वयं डेरा सच्चा सौदा में बतौर तीसरे पातशाह गद्दीनशीन करके साध-संगत पर बहुत बड़ा उपकार किया है। पूज्य गुरु जी की प्रेरणा व पवित्र मार्ग-दर्शन में डेरा सच्चा सौदा व छ: करोड़ से अधिक सारी साध-संगत मानवता व समाज भलाई के कार्यों के प्रति हर समय प्रयत्नशील है।
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी का सम्पूर्ण जीवन मानवता की एक शानदार मिसाल है। आप जी के महान परोपकारों का बदला कई जन्मों तक भी नहीं चुकाया जा सकता, जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा की रहनुमाई अदा की। आप जी के परोपकारों की बदौलत ही आज डेरा सच्चा सौदा का नाम विश्व स्तर पर गूंज रहा है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आप जी के ज्योति-जोत समा जाने के इस दिवस (13-14-15 दिसम्बर) को चिरस्थाई बनाए रखने के उद्देश्य से इन दिनों डेरा सच्चा सौदा में आंखों का नि:शुल्क चैकअप कैंप का आयोजन शुरु करवाया, जो आज तक कायम है। याद-ए-मुर्शिद के तहत 30 कैंप आयोजित हो चुके हैं।
इन कैंपों में सैकड़ों जरूरतमंद लोगों का ईलाज किया जा चुका है। ऐसे कैंप समाज के वंचित लोगों को नई रोशनी दे रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा का यह प्रयास देश में अंधता निवारण अभियान में अहम् भूमिका निभा रहा है, जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है। याद-ए-मुर्शिद के इस अवसर पर हमारी यही कामना है कि हर किसी का जीवन उजाले से भर उठे।