रेस्तरां में आना जाना हमारे जीवन का अभिन्न अंग है Restaurant
इसलिए हमें वहां के नियम कायदों का पालन करना भी आना चाहिए। यदि हम शिष्टाचार नहीं जानेंगे तो लोगों में अशिष्ट कहलाए जायेंगे।
आइये जानें किस प्रकार हम शिष्ट लगें रेस्टोरेन्ट्स में:-
- रेस्टोरेन्ट Restaurant में जाने से पूर्व जान लीजिए कि वहां का वातावरण व खाना कैसा है। ऐसा न हो कि आपका मूड खराब हो जाये।
- यदि मेहमान और मेजबान ने अलग-अलग पहुंचना हो तो समय सीमा निर्धारित कर लें। सभी मिलकर ही अंदर जाएं। यदि पार्टी में अधिक लोग हैं तो मेजबान को समय से कुछ पहले ही स्वागत हेतु पहुंच जाना चाहिए।
- आप शॉपिंग करने के बाद रेस्टोरेन्ट जा रहे हैं तो अपने खरीदारी वाले बैग टेबल पर न रख कर उन्हें टांगों के पास नीचे कुर्सी के सहारे रखें।
- रेस्टोरेंट में अपना स्थान ले लेने के बाद इंतजार करें। वेटर आपसे आॅर्डर लेने स्वयं आएगा। उसे आवाज देकर या बर्तन से आवाज कर न बुलाएं। यह अशिष्टता को दर्शाता है।
- मेजबान को खाने का आॅर्डर तभी देना चाहिए, जब वह आमंत्रित लोगों से उनकी रूचि के बारे में पूरी जानकारी ले ले। जो भी आर्डर दे रहा है, उसके लिए दूसरों की पसंद को भी जानना जरूरी है। कभी-कभी मेन्यू कार्ड में आपको नाम से स्पष्ट नहीं होता तो वेटर से उसकी जानकारी लेकर आॅर्डर करें।
- जब आॅर्डर किए खाद्य पदार्थ मेज पर आ जाएं तो मेजबान को ध्यान रखना चाहिए कि सबको उनकी पसंद के अनुसार खाना मिला है या नहीं। यदि शेयर कर खाना हो तो बच्चों की प्लेट मे पहले थोड़ा डालें। मेजबान को अंत में अपनी प्लेट में खाना डालना चाहिए। यह अच्छे शिष्टाचार को दिखाता है।
- होटल, रेस्टोरेंट में खाना खाते समय हाथों से खाना न खाकर चम्मच, छुरी व कांटे का प्रयोग करें। खाने के टुकड़े छोटे लें। चम्मच ऊपर तक भर कर न खाएं। नैपकिन का प्रयोग करें, खाना धीरे खाएं, चबाते समय आवाज न निकालें। ये छोटी-छोटी बातें शिष्टाचार होती है।
- रेस्टोरेन्ट में ऊंची आवाज से बात न करें, न ही पास की मेज पर बैठे लोगों की बातें सुनने का प्रयास करें।
- बच्चों को घर पर समझा कर ले जायें कि वे रेस्तरां में शैतानी न करें। यदि वे कर रहे हों तो उन्हें प्यार से न करने के लिए समझाएं।
- खाने का बिल मेजबान को देना चाहिए। अब कभी सहभागिता की पार्टी हो तो बिल की जिम्मेदारी एक पर ही सौंपें। पहले या बाद में अपना हिस्सा शेयर करें, रेस्तरां में नहीं।
- रेस्तरां में यदि कोई परिचित मिल जाए तो उसे नजरअंदाज न करें। उन्हें विशेष सम्मान देकर अभिवादन करें और खाने के लिए निमंत्रण दें।
- अंत में बिल के साथ वेटर को ’टिप‘ देना न भूलें। टिप का निर्णय स्वयं करें। वैसे उसकी सर्विस को देखते हुए टिप दें। यदि उसकी सेवा से असंतुष्ट हैं तो बाहर निकलने से पहले प्रबंधक को शिकायत न करते हुए सलाह दें।
-सारिका