Is your workplace affecting your waistline -sachi shiksha hindi

कहीं आपका कार्यस्थल आपकी कमर को तो नहीं प्रभावित कर रहा

अगर आप दिन भर में 6 से 8 घंटे कंप्यूटर, लैपटॉप या आॅफिस में डेस्क-जॉब पर काम करते हुए बिताते हैं तो ऐसा करने से आपकी कमर प्रभावित होती है। इसी प्रकार आप गाड़ी में या प्लेन में ज्यादा सफर करते हैं, घंटों उनमें बैठे रहने से भी कमर प्रभावित होती है। क्योंकि इन सब से कमर पर बहुत जोर पड़ता है और कमर से जुड़ी रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियों और नसों में दर्द होने लगता है।

व्यायाम जरूर करें:-

डेस्क जॉब करने वाले या कंप्यूटर,लैपटॉप पर काम करने वाले अधिकतर समय अपने काम से चिपके रहते हैं। शारीरिक रूप से उन लोगों की सक्रियता काफी कम हो जाती है जिसके कारण मांसपेशियां, हड्डियां, टिश्यू, लिंगामेंटस कमजोर पड़ने शुरू हो जाते हैं। जितनी हड्डियां, मांसपेशियां कमजोर होंगी उतना दर्द या जरा चोट लगने पर अधिक नुकसान होना स्वाभाविक होगा। प्रतिदिन व्यायाम करें विशेषकर कमर,रीढ़ को स्ट्रांग बनाने वाले, तभी आपकी रीढ़ की सेहत ठीक रहेगी।

काम करते समय थोड़ा ब्रेक लें:-

अगर आप दिन में 7 से 9 घंटे काम में लगे रहते हैं तो हर एक घंटे बाद ब्रेक लें, थोड़ा टहलें, स्ट्रेचिंग करें ताकि मांसपेशियों में अकड़न न हो। आप कार, टेÑन, बस या हवाई जहाज में लंबा सफर कर रहे हैं तो भी बीच में उठकर चहलकदमी कर लें ताकि एक ही मुद्रा में अधिक देर तक बैठने से राहत मिले।

सीट बेल्ट लगा कर सफर करें:-

सफर करते समय अपनी गाड़ी में लगी सीट बेल्ट का पूरा लाभ उठाएं। भारतीयों को सीट बेल्ट लगाने की आदत कम है। जब रास्ते में गड्ढे आते हैं या ब्रेक लगती है तो सीट बेल्ट आपका संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। आपके शरीर को कम झटके सहने पड़ते हैं। इस प्रकार आप इंजरी से बच सकते हैं।

सही पाश्चर में बैठें-उठें:-

बैठने-उठने और सोते, झुकते मुड़ते समय अगर हमारा पॉश्चर ठीक नहीं तब भी हमारी पीठ दर्द होने लगती है। आॅफिस में काम करते समय सीधा बैठें। गलत तरीके से कमर को न मोड़ें। सही मुद्रा बनाए रखने से रीढ़ की सेहत लंबे समय तक ठीक रहेगी। सही मुद्रा में बैठना,उठना, सोना, झुकना, मुड़ना कमर-दर्द की समस्या से आपको राहत दिलाता रहेगा।

भारी बैग न उठाएं:-

कंधे पर भारी बैग न उठाएं। यह आदत गलत है। भारी बैग को उठाने से कमर पर अधिक दबाव पड़ता है जो दर्द का कारण बनता है।

घुटनों को खोलते रहें:-

लंबे समय तक कुर्सी पर या सीट पर बैठे रहने से टांगों, जांघों और घुटनों की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है। इसलिए थोड़े समय के अंतराल के बाद अपने पैर, टांगें, घुटने खोलते रहें ताकि मांसपेशियां रिलेक्स हो सकें।

पानी पीते रहें:-

शरीर को हाइडेÑट बनाए रखने के लिए पानी पीना जरूरी है। अपने साथ कार्यस्थल और सफर में पानी रखें और थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहें। पर्याप्त पानी पीने से हमारे जोड़,रीढ़ भी हाइडेÑट रहती है और स्वस्थ भी।

  • शरीर का निचला भाग हमारे शरीर का ज्यादा वजन उठाता है इसलिए थोड़ी सी लापरवाही हमारी कमर-दर्द का कारण बन सकता है।
  • खराब सड़कें भी पीठ और गर्दन दर्द का कारण बनती हैं। ऐसी सड़कों पर चलने से कतराएं। अगर जाना जरूरी है तो कार ध्यान से चलाएं और आॅटो को थोड़ा स्लो चलाने को कहें।
  • अधिक देर तक एक स्थान पर बैठने से बचें। थोड़ा-बहुत हिलते डुलते रहे।
  • आफिस में काम करते समय कुर्सी की बैक पर कुशन वगैरह रख लें ताकि रीढ़ सीधी रहें।
  • कमर, रीढ़, गर्दन स्वस्थ रखने वाले योगासन अवश्य करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!