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डॉ. एमएसजी की फिल्म ‘हिंद का नापाक को जवाब’ (एमएसजी लायनहार्ट-2) का धमाकेदार ग्रैंड प्रीमियर शो बुधवार 8 फरवरी सायं आमची मुंबई के सहारा स्टार होटल में आयोजित हुआ। बॉलीवुड हस्तियों के साथ मौजूद 5 हजार से भी ज्यादा फैंस इन ऐतिहासिक लम्हो के गवाह बने।
प्रीमियर शो के दौरान रैड कारपेट पर बेहद ही खूबसूरत पोशाक में जैसे ही डॉ. एमएसजी पहुंचे, फैंस ने तालियों तथा सीटियों से जोरदार स्वागत किया। पूज्य गुरू जी के साथ फिल्म की सह निर्देशक व अभिनेत्री आदरणीय साहिबजादी बहन हनीप्रीत जी इन्सां व फिल्म की प्लेबैक सिंगर आदरणीय बहन साहिबजादी बहन अमरप्रीत जी इन्सां एवं शाही परिवार के आदरणीय सदस्य भी प्रीमियर शो में पहुंचे।
प्रीमियर शो के दौरान बॉलीवुड हस्तियों ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान फिल्म ‘हिंद का नापाक को जवाब’ को देश के लिए एक बेहतरीन तोहफा बताया। प्रीमियर-शो में पूज्य गुरू जी ने मीडिया के सवालों के जवाब बेबाकी से दिए और फिल्म से संबंधित तमाम पहलुओं पर विस्तार से बात की। प्रीमियर शो में पहुंचे फैंस फिल्म के गानों पर जमकर थिरके।
होटल सहारा स्टार के बैंकवेट हॉल को बहुत ही खूबसूरत अंदाज में सजाया गया था। चारों तरफ ‘हिंद का नापाक को जवाब’ के जांयट साइज़ के पोस्टर्स सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। वहीं फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए तीन बड़ी स्क्रीनें लगाई गई थीं।
ग्रैंड प्रीमियर शो में ये सिने स्टार रहे मौजूद :
इस गैंड प्रीमियर शो में बॉलीवुड से अभिनेता शेखर सुमन, निर्माता-निर्देशक अजय कपूर, दादा साहब फाल्के फाउंडेशन के चेयरमैन अशफाक खोपेकर, फाइट मास्टर मोहन बागड़, आर्ट आॅफ लिविंग फाउंडेशन के चेयरमैन दर्शक हाथी, डायरैक्टर दीपक भानुशाली, डायरैक्टर व प्रोड्यूसर नारायण भानुशाली, उद्योगपति विवेक नायर, उद्योगपति विनय वाकरमानी , डायरैक्टर किट्टू, गायक हिमेश रेशमिया के पिता सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही।
उरी में शहीद परिवार को एक लाख आर्थिक सहायता :
ग्रैंड प्रीमियर शो के दौरान डॉ. एमएसजी ने उरी हमले में शहीद सैनिक के परिवार को सम्मान देते हुए एक लाख रूपए आर्थिक सहायता का चैक भेंट किया और उन्हें ढ़ांढस बंधाया। शहीद सैनिक की पत्नी एवं पिता ने बातचीत में बताया कि उन्हें अपने शहीद सैनिक पर गर्व है और वे पूज्य गुरू जी के आभारी हैं, जिन्होंने उनकी वित्तीय सहायता की।
प्रीमियर शो देखने के बाद बॉलीवुड हस्तियों की प्रतिक्रिया :-
बहुत ही खूबसूरत मूवी है। फिल्म के प्रीमियर के दौरान जो तालियां और सीटियां बजीं, वो इस बात का सबूत हैं कि यह फिल्म दिल से बनाई गई है। फिल्म में हर हिंदुस्तानी को संदेश गया है और साथ ही दुश्मनों को भी करारा जवाब है कि जो भारत से टकराएगा वो चूर-चूर हो जाएगा। इस फिल्म में एक्शन, रोमांस, ड्रामा सब कुछ है, यानि पूरा पैकेज है फिल्म। और इतना काम गुरू जी ने खुद किया है, जिससे साबित हो गया है कि वे ‘वन मैन इंडस्ट्री हैं’। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, फोटोग्राफी और म्यूजिक कमाल का है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि यहां फिल्म बनाने के लिए सैकड़ों लोगों की जरूरत पड़ती है, लेकिन मुझे लगता है कि गुरु जी अकेले ही फिल्म को बनाने के लिए काफी हैं। – शेखर सुमन, अभिनेता
जब फिल्म इंडस्ट्री शुरू हुई थी, तब दादा साहब फाल्के ने हर तरह की भूमिका अदा की थी। वे फिल्म को डायरैक्ट भी करते थे, प्रोड्यूस भी करते थे, एक्टिंग, आर्ट डायरैक्शन के साथ-साथ कैमरामैन का रोल भी अदा करते थे। वहीं आज इस फिल्म को देखकर मुझे लगा कि दादा साहब फाल्के से भी आगे एक शख्सियत ऐसी आई है, जो इतने काम एक साथ कर सकती है। गुरु जी लोगों में जोश पैदा कर रहे हैं तथा इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने मनोरंजन के साथ-साथ देशभक्ति का संदेश दिया है, जो नौजवानों को बेहद पसंद आएगा।
– बी.एन. तिवारी, फिल्म डायरैक्टर
मैं तीसरी बार गुरु जी की फिल्म के प्रीमियर शो को देखने आया हूं। यह फिल्म काफी हट कर है, इसमें सीधा-सपाट तथा दमदार देशभक्ति का संदेश है। जिस जज्बे के साथ गुरू जी ने फिल्म में काम किया है, वह काबिलेतारीफ है। मुझे काफी हैरानी हुई यह सुनकर कि फिल्म में सभी कलाकार नए हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में कभी काम नहीं किया। वहीं नौजवानों को इस फिल्म से देश की सेना में भर्ती होने की भी प्रेरणा मिलेगी तथा फिल्म देखकर भारतीय सेना के लिए सभी के दिल में और सम्मान बढ़ेगा।
– दीपक भानुशाली, फिल्म डायरैक्टर
फिल्म हर हिंदुस्तानी को अच्छी लगेगी, क्योंकि यह सर्जीकल स्ट्राइक पर बनी है, जोकि बिल्कुल हॉट टॉपिक है। फिल्म में गुरू जी ने बड़ा साफ सा संदेश उन लोगों को दिया है, जिन्होंने सर्जीकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। गुरू जी मल्टीटैलेंटिड पर्सनेलिटी हैं और उन्हें ये चीजें गॉड गिफ्टिड हैं।
– अशफाक खोपेकर,
दादा साहब फिल्म फाउंडेशन के चेयरमैन
बहुत ही अच्छी फिल्म है और फिल्म में हर किरदार ने अपनी भूमिका बाखूबी निभाई है। खासतौर पर गुरु जी को देखकर बहुत प्रभाव पड़ा। एक गुरु होते हुए इतनी सहजता से इतने किरदार निभाना वाकई में ही कमाल है। फिल्म में साफ संदेश है कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। फिल्म में किसी देश, मजहब, धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं है, बल्कि लड़ाई आतंकवाद से है और आतंक का कोई धर्म नहीं होता।
– दर्शक हाथी, आर्ट आॅफ लिविंग के डायरैक्टर
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