आइसक्रीम का नाम आते ही क्या बड़े, क्या बच्चे, क्या बूढ़े सभी चटकारे लेने लगते हैं क्योंकि आइसक्र ीम का स्वाद ही कुछ ऐसा होता है।
जब मौसम हो गर्मी का तो क्या कहने। इसका कूल कूल अहसास नाम लेने से ही होने लगता है।
आइसक्र ीम अन्दर से कूल और बाहर से क्रीम वाली होती है पर सबका आइसक्र ीम खाने का अपना ही अंदाज होता है। कोई इसे पूरे मजे लेकर खाता है तो कोई जल्दी जल्दी ताकि पिघलने से पहले ही उसे खा लिया जाए। कुछ लोग जब तक मुंह, नाक और कपड़ों को न खिला लें, उन्हें लगता ही नहीं कि उन्होंने आइसक्र ीम खाई है या नहीं।
आइए देखें, रेस्टोरेंट में या घूमते समय आइसक्रीम किस अंदाज से खाएं ताकि उसका पूरा मजा ले सकें।
- यदि आप परिवार के साथ घर पर आइसक्रीम खा रहे हैं तो प्लेट चम्मच का प्रयोग करें और नेपकिन लेना न भूलें। बातें करते हुए आइसक्र ीम कब खत्म हो जाएगी, पता ही नहीं चलेगा।
- यदि आप आइसक्र ीम किसी फ्रेंड के साथ खा रहे हैं और घूम भी रहे हैं तो कोन वाली आइसक्र ीम ही खाएं। उसे लिक करते हुए धीरे-धीरे खाएं ताकि अधिक समय तक और दूरी तक आइसक्र ीम आपका साथ निभा सके।
- रेस्टोंरेंट में आइसक्र ीम को इस अंदाज से सजा कर दिया जाता है कि उसे देखते ही लार-टपकने लगती है। ऐसे में प्लेट में सजी आइसक्र ीम फ्लैट स्टील स्पून के साथ खाएं।
- साफ्टी खाते समय उसके कोने पर टिश्यू पेपर लगा लें। टिश्यू पेपर एक खास तरीके से लगाएं ताकि क्र ीम मुंह के चारों ओर न फैले, न ही मूंछों और नाक पर लगे।
- आइसक्र ीम खाने के बाद हाथ अवश्य धोएं नहीं तो हाथों में चिपचिपाहट बनी रहेगी। यदि पानी उपलब्ध न हो तो टिश्यू पेपर से हाथ साफ करें।
- यदि आप स्टिक वाली आइसक्र ीम खा रहे हैं तो उसके रेपर को इस तरह से नीचे की ओर खिसकाएं कि वो स्टिक के चारों ओर लिपटा रहे ताकि आइसक्र ीम पिघले तो हाथ ज्यादा खराब न हों। उसी रेपर पर ही गिरे।
- बच्चों को कप वाली आइसक्र ीम दिलवाएं ताकि पिघली आइसक्र ीम उनके कपड़े खराब न करे।
- रात्रि में यदि आइसक्र ीम खा रहे हैं तो सोने से पहले ब्रश करना न भूलें नहीं तो बैक्टीरिया पनपेंगे और दांत खराब होंगे। वैसे दिन में भी आइसक्र ीम खाने के कुछ समय बाद कुल्ला अच्छी तरह करें ताकि दांतों को नुकसान न पहुंचे।