सरकारी योजना : मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों की आज की आवश्यकता
Soil Health Card Scheme in Hindi: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, साल फरवरी 2015 में भारत सरकार द्वारा लाई गई योजना है। इस योजना के तहत सरकार की किसानों के लिए एक सोइल कार्ड जारी करने की योजना है, जिससे किसान को मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने में सहायता मिल सके। फसल के लिए सबसे ज्यादा जरुरी होती है मिट्टी, यदि मिट्टी की क्वालिटी ही सही नहीं होगी तो फसल भी सही से नहीं होगी।
इसलिए भारत सरकार ने किसानों के लिये यह कार्ड जारी किया है। इस योजना के अनुसार सरकार का पूरे भारत में लगभग 14 करोड़ किसानों को यह कार्ड जारी करने का उद्देश्य है। इस कार्ड में एक रिपोर्ट छपेगी, जोकि किसानों को अपने खेत या जमीन के लिए तीन साल में एक बार दी जाएगी। सोइल हेल्थ कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। भारत में ऐसे बहुत से अशिक्षित किसान हैं, जो यह नहीं जानते कि अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए किस तरह की फसलों को विकसित करना चाहिए।
मूल रूप से, वे मिट्टी के गुण और उसके प्रकार नहीं जानते हैं। वे अपने अनुभव से फसलों का बढ़ना और फसलों का असफल होना जान सकते हैं, किन्तु वे यह नहीं जानते कि मिट्टी की हालत को कैसे सुधारा जा सकता है। इसके लिए भारत सरकार ने एक सोइल हेल्थ कार्ड योजना जारी की है। इस योजना के तहत किसानों को एक सोइल हेल्थ कार्ड दिया जायेगा, जिसमें किसानों के जमीन की मिट्टी किस प्रकार की है इसकी जानकारी दी जाएगी।
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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की विशेषता
सोइल हेल्थ कार्ड योजना की विशेषता इस प्रकार है। Soil health card scheme
- भारत सरकार का इस योजना के तहत कम से कम 14 करोड़ किसानों को इसमें शामिल करना है।
- देश के सभी भाग में यह योजना शामिल की जाएगी।
- सोइल कार्ड के रूप में, किसानों को एक रिपोर्ट दी जाएगी, एवं इस रिपोर्ट में उनकी जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी।
- एक खेत के लिए हर 3 साल में एक सोइल कार्ड दिया जायेगा।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में शामिल कुछ तथ्य
सोइल हेल्थ कार्ड योजना में मिट्टी के नमूने (सैंपल) का पूरी तरह से निरिक्षण किया जायेगा। पूरा निरिक्षण करने के बाद सोइल हेल्थ कार्ड में रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसमें निन्म चीजें शामिल हैं।
- मिट्टी का स्वास्थ्य।
- मिट्टी की कार्यात्मक विशेषताएं।
- मिट्टी में पानी और विभिन्न पोषक तत्वों की सामग्री।
- यदि मिट्टी में अतिरिक्त गुण पाए जाते हैं तो कार्ड में उसकी अलग सूची दी जाएगी।
- कुछ सुधारात्मक उपाय, जिससे किसान अपनी मिट्टी की खामियों को सुधारने के लिए उपयोग कर सकेगा।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्यों जरूरी है
कुछ राज्यों में किसानों को उनकी मिट्टी के बारे में रिपोर्ट पहले से ही दी जा रही थी। कुछ किसान शिक्षित थे जोकि अपनी मिट्टी को बेहतर समझ सकते थे। किन्तु पूरे भारत में यह करने के लिए इस योजना को लाना जरुरी था। कुछ किसान जो शिक्षित नहीं हैं उन्हें यह पता नहीं होता कि इसके लिए क्या दृष्टिकोण होना चाहिए और क्या करना चाहिए। इस कारण सरकार ने सोइल हेल्थ कार्ड योजना लाँच की। अब, किसान मिट्टी की प्रकृति की जानकारी के साथ यह जान जायेगा कि उसे कितनी खाद की जरुरत है। यदि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा हो या वे सुधारात्मक सुझाव को समझने में असमर्थ हों तो वे विशेषज्ञों की सलाह ले सकते हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के फायदे Soil health card scheme
- इस योजना के तहत किसानों की मिट्टी की पूरी तरह से जाँच की जाएगी और उन्हें इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। जिससे वे यह निश्चय कर सकेंगें कि किस फसल को विकसित करना चाहिए और किसे छोड़ देना चाहिए।
- अथॉरिटी नियमित आधार पर मिट्टी की जांच करेगी। जैसे लवणीयता क्षारीयता और अम्लीयता की पूरी जाँच होगी। हर 3 साल में किसानों को इसकी एक रिपोर्ट दी जाएगी। यदि कुछ फैक्टर्स के दौरान मिट्टी में बदलाव होते हैं तो किसान को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमेशा उनकी मिट्टी के बारे में डेटा को अपडेट किया जायेगा।
- सरकार का यह काम बिना रुके मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपायों की सूची बनाता रहेगा। यहाँ तक कि विशेषज्ञ किसानों को सुधारात्मक उपाय देने में सहायता भी करेंगे।
- नियमित रूप से मिट्टी की जाँच होने से किसानों को लम्बे समय तक मिट्टी को स्वस्थ रखने का रिकॉर्ड पाने में मदद मिलेगी। इसके अनुसार वे इसका अध्ययन कर अलग मिट्टी के मैनेजमेंट के तरीकों के परिणामों का मुल्यांकन कर सकेंगे।
- यह कार्ड बहुत ही मददगार और प्रभावशाली बन सकता है जब समय की अवधि में एक ही व्यक्ति द्वारा यह नियमित रूप से भरा जाये।
यह सोइल कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी में होने वाली कमी भी बतायेगा, जिससे वे यह समझ सकेंगे कि किस फसल का निवेश करना चाहिए, और वे यह भी बतायेंगे कि मिट्टी को किस खाद की जरुरत है जिससे अंत में फसल की उपज की वृद्धि हो सके। - इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्टिकुलर मिट्टी के प्रकार को खोजना है और विशेषज्ञों द्वारा इसमें जो सुधार की आवश्यकता है उसे उपलब्ध कराना है। साथ ही उसमे यदि कुछ कमी है तो उसे भी पूरा करना है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना कैसे कार्य करती है
- सबसे पहले अथॉरिटी विभिन्न मिट्टी के सैंपल को इकठ्ठा करेगी।
- इसके बाद वे इसे लैब में परिक्षण के लिए भेजेगी। और लैब के अंदर विशेषज्ञ इसकी जाँच करेंगे।
- जाँच के बाद, विशेषज्ञ जाँच के परिणाम का विशलेषण करेंगे।
- इसके बाद वे विभिन्न मिट्टी के सैंपल की ताकत और कमजोरी की सूची बनायेंगे।
- यदि मिट्टी में कुछ कमी है तो उसके सुधार के लिए सुझाव देंगे और उसकी एक सूची बनायेंगे।
- इसके बाद सरकार किसानों के लिए सोइल कार्ड में फोमेर्टेड तरीके से पूरी जानकारी डाल देगी। यह जानकारी ऐसे तरीके से दी जाएगी जिससे किसान इसे अच्छी तरह एवं सरलता से समझ सकें।
Soil health card scheme आवेदन कैसे करें:
देश के जो इच्छुक लाभार्थी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो वह नीचे दिए गए तरीके को फॉलो करें। सर्वप्रथम आवेदक को योजना की आॅफिशियल वेबसाइट (https://soilhealth.dac.gov.in/) पर जाना होगा, जिसके बाद उसका होम पेज खुल जाएगा। होम पेज पर आपको लॉगिन के आॅप्शन पर क्लिक करना होगा। इस आॅप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जायेगा। इस पेज पर आपको अपने राज्य का चयन करना करना होगा । सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम राज्य का चयन करने के बाद आपको कंटीन्यू के बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जायेगा।
इस पेज पर आपको लॉगिन फॉर्म खुल जायेगा इसमें आपको नीचे ‘न्यू रजिस्ट्रेशन’ के आॅप्शन पर क्लिक करना होगा। आॅप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जायेगा। इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको सभी पूछी गयी जानकारी भरनी होगी। फिर आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा। सफल रजिस्ट्रेशन के बाद आपको लॉगिन करना होगा। आपको होम पेज पर लॉगिन फॉर्म को खोलना होगा। लॉगिन फॉर्म में आपको अपना यूजर नेम, और पासवर्ड भरना होगा। इस तरह आप मृदा स्वास्थय कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सैंपल ट्रैक करने की प्रक्रिया:
सबसे पहले आपको सॉइल हेल्थ पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खोलकर आएगा। होम पेज पर आपको फार्मर कॉर्नर के अंतर्गत ट्रैक यूअर सैंपल के लिंक पर क्लिक करना होगा। अब आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमें आपको अपने राज्य, जिले, मंडल तथा गांव का चयन करना होगा तथा फार्मर का नाम, विलेज ग्रिड नंबर तथा सैंपल नंबर दर्ज करना होगा। इसके पश्चात आपको सर्च के बटन पर क्लिक करना होगा। आप का सैंपल स्टेटस आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगा।
सॉइल टेस्टिंग लैबोरेट्री लोकेट करने की प्रक्रिया:
सर्वप्रथम आपको सॉइल हेल्थ पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खोलकर आएगा। होम पेज पर आपको फार्मर्स कॉर्नर के अंतर्गत लोकेट् सॉइल टेस्टिंग लैबोरेट्री के लिंक पर क्लिक करना होगा। उसके बाद आपके सामने एक नया पेज खोलकर आएगा जिसमें आपको अपने राज्य तथा जिला का चयन करना होगा। अब आपको व्यू रिपोर्ट या फिर व्यू मैप के बटन पर क्लिक करना होगा। यदि आप व्यू रिपोर्ट के बटन पर क्लिक करेंगे, आपके सामने सॉइल टेस्टिंग लैब की सूची खुलकर आ जाएगी और यदि आप व्यू मैप के बटन पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने मैप खुलकर आएगा जिसमें आपको सारे नजदीकी सॉइल टेस्टिंग लैबोरेट्री मिल जाएंगी।
Soil health card scheme नया अपडेट:
सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम के तहत किसानों के लिए सुविधा विस्तार और तेजी लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह निकट भविष्य में देशभर में 10,845 सॉयल टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी।
हेल्पलाइन नंबर:
011-24305591, 011-2430548,
ईमेल आईडी: soil@gov.in
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