मीठीबाई क्षितिज छात्रों की यह पहल ऑटिस्टिक बच्चों के मासूम चेहरों पर बिखेर गयी मुस्कान
नव वर्ष व क्रिसमस का यह पावन त्यौहार बहुत से लोगों के लिए खुशियाँ लेकर आता है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से मुरझाये चेहरे होते हैं जिन्हे ख़ुशी का इंतजार होता है।
किसी ने कहा है कि जरूरतमन्द चेहरों पर ख़ुशी लाना परमात्मा की सच्ची इबादत है। इसी बात को चरितार्थ करते हुए मीठीबाई क्षितिज (Mithibai Kshitij) के छात्रों ने नव वर्ष व क्रिसमस समारोह कॉलेज परिसर में आयोजित न कर ऑटिस्टिक बच्चों के साथ बनाने का निर्णय लिया। इसका मुख्य कारण ऐसे बच्चों के लिए इन पलों को यादगार बनाना था, इस पहल के तहत छात्रों ने पुनर्वास एजुकेशन सोसाइटी का दौरा किया।
टीम प्रतिनिधि पाल गाँधी ने सच्ची शिक्षा को बताया कि “टीम क्षितिज द्वारा आयोजित इस कार्य्रकम में सभी उम्र के बच्चों ने एक साथ आकार एक तरह से प्यार और करुणा का न भूलने वाला माहौल संजो दिया। इस दौरान कलरिंग का एक मजेदार सत्र भी आयोजित किया गया।”
गाँधी ने आगे बताया कि टीम क्षितिज द्वारा इस दौरान पेश किये डाँस को इन बच्चों की तरफ से उत्साहवर्धक साथ मिला। खुशियों की गठरी के रूपों में सेंटा क्लॉज ने वहाँ मौजूद सभी बच्चों को उपहार देकर सभी के चेहरों पर मुस्कान बाँटी।
इस प्रकार टीम क्षितिज ने संकीर्णता की सभी दीवारों को गिराते हुए ऑटिस्टिक बच्चों के साथ नव वर्ष तथा क्रिसमस का यह त्यौहार मनाया। यहां, टीम क्षितिज अपने संस्थान के शिक्षकों का आभार व्यक्त करती है जिनके सहयोग बिना यह कार्य संभव नहीं हो पाता। साथ टीम क्षितिज ने इस सामाजिक कार्य के लिए मिले सहयोग के लिए अपने शिक्षकों को प्रशंसा चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बता दें, राष्ट्रीय पत्रिका सच्ची शिक्षा मीठीबाई क्षितिज उत्सव का मीडिया पार्टनर है।