Papaya makes diet worthwhile

आहार को सार्थक बनाता है पपीता

100 ग्राम पपीते से 56 कैलोरी ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

यह शर्करा, साइट्रिक एसिड, विटामिन ए, बी, सी, डी आदि का अच्छा स्रोत है। इसमें कई पाचक रस होते हैं, विशेषकर पेप्सिन नाम का रस जो प्रोटीन्स को पचाने में सहायक होता है। विटामिन सी शरीर के लिए विशेष रूप से आवश्यक है। यह अनेक रोगों से शरीर की रक्षा करता है। विटामिन सी की कमी से मसूड़ों व दांतों से खून रिसने की बीमारी हो जाती है।

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शरीर के लिए अति आवश्यक विटामिन सी पपीते में काफी मात्र में पाया जाता है।

  • 100 ग्राम पपीते से 56 कैलोरी ऊर्जा की प्राप्ति होती है। यह शर्करा, साइट्रिक एसिड, विटामिन ए, बी, सी, डी आदि का अच्छा स्रोत है। इसमें कई पाचक रस होते हैं, विशेषकर पेप्सिन नाम का रस जो प्रोटीन्स को पचाने में सहायक होता है।
  • विटामिन सी शरीर के लिए विशेष रूप से आवश्यक है। यह अनेक रोगों से शरीर की रक्षा करता है। विटामिन सी की कमी से मसूड़ों व दांतों से खून रिसने की बीमारी हो जाती है। शरीर के लिए अति आवश्यक विटामिन सी पपीते में काफी मात्र में पाया जाता है।
  • पपीते में विटामिन ए भी होता है, जो त्वचा के साथ-साथ आँखों के लिए भी अत्यंत लाभदायक है। कैल्शियम, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है, यह भी पपीते में पाया जाता है। इसके अलावा रक्त में वृद्धि करने वाला लोहा भी इसमें प्रचुर मात्र में पाया जाता है।
  • पके पपीते में विटामिन ए अत्यधिक मात्र में होता है। यह आँखों के रोग रतौंधी, अंधापन एवं आँखों की कमजोरी में यह अति लाभदायक है। विटामिन ए की कमी से संक्र मण, तपेदिक व निमोनिया आदि भी हो सकता है मगर पपीते के नियमित सेवन से इस कमी को पूरा किया जा सकता है।
  • पेट के रोगों के लिए पपीता रामबाण औषधि है। प्रात: काल पपीते का सेवन करना अति लाभदायक है। बाजार में उपलब्ध पेटदर्द की अधिकांश दवाइयां बनाने में पपीते का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इन दवाइयों में पपीते के रस व दूध का उपयोग किया जाता है।
  • पपीते में भोजन को पचाने की अत्यधिक शक्ति विद्यमान है। दाल-सब्जी बनाते वक्त यदि कच्चे पपीते का एक टुकड़ा उसमें डाल दिया जाए तो दाल-सब्जी थोडेÞ समय में तैयार हो जाती है। भोजन करने के उपरांत थोड़ा सा पपीता खाना अत्यंत लाभदायक है क्योंकि इससे भोजन को पचने में सहायता मिलती है। बवासीर होने पर सुबह खाली पेट पपीते का सेवन लाभदायक है। इससे अजीर्ण और मंदाग्नि में शीघ्र फायदा होता है।
  • आमतौर पर महिलाओं में खून की कमी के कारण दूध की कमी हो जाती है। इसे दूर करने के लिए 15-20 दिनों तक ताजे पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए।
  • पेट में कीड़े होने पर कच्चे पपीते की सब्जी व रायता खाना अति लाभदायक है। इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं। कच्चे पपीते का रस दाद, खाज, खुजली आदि पर प्रतिदिन लगाने से फायदा पहुंचता है।
  • चेहरे से मुंहासे दूर करने के लिए पके पपीते के गूदे को चेहरे पर रगड़ें। इससे मुंहासे दूर होकर चेहरे पर निखार आता है। पके गूदे को धूप में सुखाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर पैक की तरह इस्तेमाल किया जा सकता हैं ।

सावधानियां:-

यह सदैव ध्यान रखें कि पपीते को जब खाएं, तभी काटें क्योंकि खाने से अधिक समय पूर्व काटकर रखने से उसके पोषक तत्वों में कमी आ जाती हैं। वैसे भी स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे श्रेयस्कर नहीं समझा जाता। -भाषणा बांसल

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