पौधों को गर्मी से बचाएं
पूरी दुनिया में धीरे-धीरे बढ़ती जंग और उनमें, धरती की छाती पर और पूरे वायुमंडल में दिन रात जहर घोलते बम बारूद, तेल, पेट्रोल, गैस, धुआँ, कचरा जो नास पीट रहा है वो अलग। ऐसे में फिर यदि मार्च के अंतिम सप्ताह में सबको जून वाली तपिश और भयंकर लू के एहसास का नजारा देखने को मिल रहा है तो हैरानी भी आखिरकार क्यों हो?
इसका सीधा असर सबसे पहले धरती की वनस्पति पर ही पड़ना शुरू होता है। आसपास, सब्जियों, फलों और साग पात के आसमान छूते भाव से इसका अंदाजा लगाना कठिन नहीं है।
ऐसे में, इन शहरों और कस्बों में रह रहे हम जैसे लोग जो, गमलों में मिटटी डाल कर कभी छत तो कभी बालकनी में साग सब्जियों, फूलों, पत्तों को उगाने लगाने का जूनून पाले हैं उनके लिए कोई भी मौसम अपने चरम पर पहुँचते ही उनका मन पौधों के लिए दुरूह हो उठता है।
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चलिए गर्मियों में बात करते हैं -पौधों को गर्मियों और तेज धूप से बचाने की:-
गमलों का स्थान बदलना
कम धूप वाली जगह पर गर्मियों के आते ही मेरा सबसे पहला काम होता है, गमलों को पूरे दिन तेज धूप पड़ने वाले स्थान से हटा कर कम धूप वाले स्थानों पर रखना। यदि ये संभव नहीं हो तो फिर कोशिश ये रहती है कि सभी गमलों को या कहा जाए कि पौधों की जड़ों को आसपास बिलकुल चिपका चिपका कर रखा जाए। गर्मियों में अधिक वाष्पीकरण होने के कारण गमलों की मिट्टी सूखने लगती है जबकि एक साथ रखने पर जड़ों में नमी काफी समय तक बनी रहती है। मैं बड़े पौधों की जड़ों में छोटे-छोटे पौधे रख देता हूँ।
जड़ों में सूखे पत्ते, सूखी घास आदि रखना:
गर्मियों में, पौधों की जड़ों और मिट्टी में नमी बनाए रखना, इसके लिए उपलब्ध बहुत सारे उपायों में से एक सरल और कारगर उपाय यह होता है। पौधे के सूखे पत्तों, घास को अच्छी तरह से तह बना कर पौधे की जड़ में मिटटी के ऊपर बिछा दें। ये गीले पत्ते जड़ों की नमी को बहुत समय तक बनाए रखेंगे।
पानी ज्यादा देना
गर्मियों में अन्य जीवों की तरह वनस्पति को पानी की अधिक जरूरत पड़ती है। विशेषकर गमलों में तो और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। पानी कितना कब,कितनी बार देना ये सब पौधे, मिटटी, स्थान पर की जा रही बागवानी पर निर्भर करता है। मैं कई बार दिन में चार बार और रात को सोने से पहले भी पौधों को पानी देता हूँ। किसी भी, खाद, दवाई, देखभाल से अधिक जरूरी और कारगर पौधों को नियमित पानी देना होता है। गर्मियों में तो ये अनिवार्य हो जाता है।
हरी शीट जाल आदि से ढकना
यदि पौधों के ऊपर तेज तीखी धूप पूरे दिन पड़ती है तो निश्चित रूप से साग, धनिया,पुदीना के अतिरिक्त नरम स्वभाव वाले सभी फूल पौधों के लिए मुश्किल बात है। इससे पौधों को बचाने के लिए या धूप की जलन को कम या नियंत्रित करने के लिए, हरी शीट, जाल, त्रिपाल का प्रयोग किया जा सकता है। मेरे बगीचे में दोनों ही हैं।
ड्रिपिंग प्रणाली का प्रयोग करना
शीतल पेय पदार्थ तथा पानी की बोतलों को गमलों में पौधों की जड़ के पास फिक्स करके ड्रापिंग प्रणाली वाली तकनीक से भी जड़ों में पानी और नमी को बचाए रखने में अचूक उपाय साबित होता है। बोतल में छिद्र के सहारे, धीरे धीरे जड़ों में रिसता पानी, पौधों को हर समय तरोताजा बनाए रखता है।
गर्मियों में खाद, दवा आदि के प्रयोग से यथा संभव बचना चाहिए और सिर्फ और सिर्फ घर के बने खाद को ही जड़ों में डाला जाना चाहिए। जड़ों के साथ साथ, पत्तों टहनियों और पौधे के शीर्ष पर भी पानी का छिड़काव करना चाहिए, किन्तु कलियों फूलों पर पानी डालते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्मियों में पौधों की काट छाँट और निराई गुड़ाई का काम जरूरत के अनुसार ही करना ठीक है। -अजय कुमार झा