अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों उपभोक्ता
अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों उपभोक्ता
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है, वहीं अपने देश में यह दिन 24 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिन आग्रह करने...
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
वाणी पर संयम बहुत जरूरी है। शायद इसीलिए कहा भी गया है, ‘कम बोल अच्छा बोल’। बंदूक से निकली गोली वापस नहीं होती, ठीक उसी तरह मुख से निकली...
स्वच्छता संग संगत का सजदा – गुरुग्राम में ‘हो पृथ्वी साफ मिटे रोग अभिशाप’...
स्वच्छता संग संगत का सजदा -
गुरुग्राम में ‘हो पृथ्वी साफ मिटे रोग अभिशाप’ सफाई महाभियान का 33 वां चरण
4घंटे में पूरा शहर किया चकाचक 6 मार्च 2022 को
3 लाख सेवादारों ने 7 घंटे चलाया...
अपनी जड़ों से जुड़े रहिए
अपनी जड़ों से जुड़े रहिए
मनुष्य अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में विश्व के किसी भी देश में रहे परन्तु उसे उसके संस्कार अपनी जड़ों से दूरी नहीं बनाने देते। उनके संस्कार, उनकी सांस्कृतिक विरासत उसे...
Be happy: कर्ज तो किसी न किसी रूप में चुकाना ही पड़ता है
Be happy दो सहकर्मी लंच कर रहे थे। लंच के उपरांत एक सहकर्मी ने अपने बैग में रखे डिब्बे में से कुछ स्वादिष्ट मिष्ठान निकाले और दूसरे सहकर्मी को दिए।
Be happy वे प्राय:
ही कुछ...
शादी में फिजूलखर्ची के बदले धन बेटी के नाम करें
शादी में फिजूलखर्ची के बदले धन बेटी के नाम करें Instead of spending lavishly on marriage, donate money to your daughter
नीरू शादी के वर्ष भर बाद पीहर आई है। माता-पिता ने उसकी शादी बड़े...
Qila Mubarak Bathinda: भारत में बना सबसे प्राचीन किला, जो आज भी वजूद में...
किला मुबारक भारत का सबसे पुराना किला है जो अभी भी खड़ा है। इस किले में कुषाण काल की ईटें पाई गई हैं जब सम्राट कनिष्क का भारत व मध्य एशिया के कई भागों...
संस्कारी होते हैं बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे
संस्कारी होते हैं बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे Children who grow up
बड़े-बुजुर्गों के आशीषों और शुभकामनाआें के साथ ही घर तरक्की करते हैं, लेकिन इनकी उपस्थिति का सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव छोटे...
आपका सबसे बड़ा दुश्मन हैसंकोच
आपका सबसे बड़ा दुश्मन हैसंकोच
संकोची आदमी हमेशा जिंदगी के हर मैदान में फिसड्डी रहता है। शर्म का ही एक और रूप है संकोच। अक्सर यह कहा जाता है, ‘जिसने की शरम, उसके फूटे करम’।...
लड़कों को भी सिखाएं घर के काम
लड़कों को भी सिखाएं घर के काम
घरेलू कार्य के लिए समाज में अब भी केवल लड़की को ही शिक्षित करना अनिवार्य समझा जाता है। किशोरावस्था में पहुंचते ही उसके लिए नसीहतों का सिलसिला शुरू...