गर्मी से रहें बचकर -सम्पादकीय
गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जून का महीना हीटवेव के रूप में जाना जाता है। भयंकर गर्मी के इस मौसम में थोड़ी-सी भी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। अक्सर मौसम वैज्ञानिक और डॉक्टर भी चेतावनी जारी करके आगाह करते हैं, ताकि कोई जोखिम न ले। क्योंकि इस चेतावनी को अनदेखा करना मुसीबत मोल लेने जैसे हो सकता है। खासकर यह उन लोगों को भारी पड़ सकता है जो पहले ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या फिर बुजुर्गों और बच्चों पर हीटवेव का असर भयंकर हो सकता है।
जून में पारा आमतौर पर 40 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है जो हीटवेव के रूप में जाना जाता है। मौसम विभाग 40 डिग्री से पार जाने पर चेतावनी देना शुरू कर देता है। जैसे-जैसे पारा 40 डिग्री से 45 डिग्री पर पहुंच जाता है तो यह हीटवेव का शिखर हो जाता है, जो किसी आफत से कम नहीं हो सकता। अभी हाल ही में सामने आए एक शोध में बताया गया कि दो दिन तक लगातार हीटवेव बने रहने से ही मौत का आंकड़ा आम दिनों से 14-15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। नई दिल्ली के सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज की रिसर्च में यह खुलासा हुआ जो 2008 से 2019 तक होने वाली मौतों में गर्मी के इस मौसम में हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर किया गया था।
इस रिसर्च में हीटवेव व लू से होने वाले जन-धन के नुकसान के बारे अध्ययन किया गया था। शोध के अनुसार जिस प्रकार स्मोकिंग से कैंसर या हृदय-रोग होते हैं, जिसमें मौत हो जाती है, उसी प्रकार हीटवेव भी जान पर भारी पड़ती है। इससे भी मौतों का आंकड़ा बढ़ जाता है। रिपोर्ट में लू के इस मौसम से जान-माल पर होने वाले नुकसान का अध्ययन हुआ जिसमें देश को आर्थिक तौर पर भी भारी हानि का सामना करना पड़ता है। इस अध्ययन में बताया गया कि हीटवेव से 2030 तक देश को लगभग 20 लाख करोड़ रुपए का नुक्सान हो सकता है, जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और जो मौतों का आंकड़ा है वो अलग है।
अर्थात् गर्मी के मौसम में भयंकर नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए इस नुकसान को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। गर्मी से बचने के तौर-तरीकों को अपनाना चाहिए। किसी भी प्रशासनिक चेतावनी को अनेदखा न किया जाए। बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत रहती है। और खुद भी जहां तक संभव हो तेज धूप (हीटवेव) में बाहर न निकलें। हीटवेव की चेतावनी पर स्वयं भी संभलकर रहें और दूसरों को भी सजग रखने में सहयोग करें। क्योंकि छोटी-सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
हीटवेव और गर्मी के इस मौसम में जैसे हम अपने-आपको संभाल कर रखते हैं, वैसे ही हमें बेजुबानों का भी ध्यान रखना चाहिए। पशुओं-परिंदों, जानवरों को भी जितना हो सके गर्मी से बचाने में मदद करें। मानवता के नाते हमारा अहम् फर्ज है कि हम अपने आस-पड़ौस में जहां भी कोई बेजुबान दिखे, उसे गर्मी से बचाएं। उनके लिए भी खाने-पीने, चारा, पानी आदि का इंतजाम कर दें, ताकि भयंकर गर्मी का कहर उन पर भी न टूटे। हम हर किसी की मदद करें, जिससे हीटवेव से निजात मिल सके और यह गर्मी का दौर हंसते-खेलते निकल जाए।
-सम्पादक