फिटनेसका बेहतरीन फार्मूला‘रस्सी कूद’ The best formula for fitness
आज फिटनेस का महत्त्व सभी जान गए हैं और उन्हें लगता है फिट रहने के लिए बस एक ही उपाय है हेल्थ क्लब ज्वाइन करना क्योंकि एक्सरसाइज के लिए उपकरणों की जरूरत पड़ती है और उन्हें खरीदना मुश्किल है।
हेल्थ क्लब में एक्सरसाइज के लिए विभिन्न आधुनिक उपकरण उपलब्ध होते हैं पर एक्सरसाइज के लिए हेल्थ क्लब जाने के लिए व्यक्ति के पास वक्त नहीं है और हेल्थ क्लबों के फिटनेस पैकेज भी काफी महंगे होते हैं इसलिए हेल्थ क्लब ज्वाइन करना हर किसी के बस की बात नहीं है।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं एक्सरसाइज का एक आसान तरीका जो आपको शारीरिक व मानसिक लाभ भी देगा और जिसे करने के लिए आपको पैसा भी व्यय करने की जरूरत नहीं। जिन व्यक्तियों के पास समय की कमी है, उनके लिए भी यह उपयुक्त व्यायाम है।
यह आसान व्यायाम या खेल है रस्सी कूदना। रस्सी कूदने से शरीर में स्फूर्ति आती है, शरीर सुडौल व छरहरा बनता है। रस्सी कूदने से शरीर के वजन पर नियंत्रण रखा जा सकता है और मोटापे जैसे भयंकर रोग जो कई गंभीर रोगों का कारण है, से छुटकारा पाया जा सकता है। रस्सी कूदने से शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी छट जाती है।
रस्सी कूदना एक ऐसा व्यायाम है जिसे बच्चे, वयस्क व महिलाएं सभी आसानी से कर सकते है। रस्सी कूदने से हमारे हृदय तंत्र को लाभ पहुंचता है। हृदय तेजी से धड़कता है जिसके फलस्वरूप आक्सीजन अधिक मात्रा में फेफड़ों में जाती है व पूरे शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। इससे शरीर का तनाव कम होता है और शरीर के सभी अंग अधिक कार्यक्षमता से कार्य करते है।
हम जब भी कोई व्यायाम करते हैं तो शरीर से पसीना अधिक मात्रा में निकलता है और रस्सी कूदते समय भी तेजी से पसीना बाहर निकलता है। पसीने के रूप में शरीर से अनावश्यक पदार्थ बाहर निकलते हैं। इसके अतिरिक्त रस्सी कूदने से आपके हाथों पैरों व अन्य अंगों का व्यायाम भी होता है या यह कहा जाए कि शरीर के सभी अंग रस्सी कूदते समय काम करते हैं तो गलत नहीं होगा। इस व्यायाम को नियमित रूप से करने से आप चुस्त व फुर्तीले रह सकते हैं।
बच्चों के लिए यह व्यायाम से अधिक एक अच्छा खेल है क्योंकि उन्हें रस्सी कूदना मनोरंजक लगता है। बच्चों को तो प्रारंभ से ही इस खेल के प्रति रूचि पैदा करनी चाहिए ताकि वे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। विशेषज्ञों के अनुसार दिन भर में केवल पन्द्रह मिनट रस्सी कूदने से अनुमानत: उतना ही लाभ होता है जितना आधा घंटा दौड़ने या तैरने से, साईकिल चलाने से।
रस्सी कूदने के लिए जहां 15 मिनट का समय ही बहुत है, वहीं इस व्यायाम को करने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं। घर के किसी खुले कोने में यह किया जा सकता है और उपकरण के रूप में सिर्फ आपको चाहिए रस्सी। अगर पार्क में रस्सी कूदें तो आप इस व्यायाम का दुगुना लाभ उठा सकते है। प्रकृति के समीप रहकर व्यक्ति अधिक अच्छा महसूस करता है व उसे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
वह प्रसन्नचित्त महसूस करता है।
रस्सी कूदने समय कुछ बातों का ध्यान रखें। रस्सी हमेशा खाली पेट कूदें। सुबह रस्सी कूदना सबसे अधिक लाभप्रद है। वस्त्र चाहें जो भी पहनें पर वे खुले व आरामदेह होने चाहिए। रस्सी कूदने से पहले हल्के व्यायाम कर लें ताकि मांसपेशियों से कसाव कम हो जाए व उनको नुक्सान न पहुंचे। बहुत ऊंचा कूदने की जरूरत नहीं। इससे आप गिर भी सकते हैं। रस्सी कूदने की गति भी धीमी रखें। शुरूआत में थोड़ा रस्सी कूदें, फिर धीरे-धीरे गति व सीमा बढ़ाएं।
अगर पहली बार ही में आप अधिक लक्ष्य रखेंगे तो थकान अधिक होने पर पुन: आप इस व्यायाम को नियमित नहीं कर पाएंगे।
रस्सी कूदने के तुरंत पश्चात न तो कुछ खाएं और न ही पानी पिएं। 15-20 मिनट पश्चात् ही कुछ खाएं या पिएं। रस्सी कूदने का सही तरीका भी सीख लें। रस्सी कूदते समय लोग अपनी बाजुओं को अधिक घुमाते हैं जबकि इसमें कलाई को अधिक घुमाना चाहिए। रस्सी कूदते समय कमर सीधी होनी चाहिए। रस्सी को नहीं बल्कि सामने देखें। घुटने बिल्कुल सीधे हों लेकिन एक दूसरे से सटे हुए नहीं। आपने पंजे के अगले हिस्सों के बल पर कूदना है।
रस्सी कूदना एक बहुत ही आसान व्यायाम है और अभ्यास से आप इससे पारंगत हो सकते हैं। अगर आप 15 मिनट रस्सी कूदें तो शरीर की अनुमानत: 200 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है।
तो इस आसान व्यायाम को करके आप भी सुन्दर स्वस्थ व सुडौल शरीर पाइये। अगर आप हृदय रोग, पीठ से सबंधित रोग से पीड़ित हैं या गर्भवती हैं तो डॉक्टर से परामर्श किए बिना रस्सी नहीं कूदें क्योंकि इससे आपको लाभ के स्थान पर हानि पहुंच सकती है।
-सोनी मल्होत्रा
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