ताकि घर को मिले नया लुक : अपने घर को खूबसूरत और नया-नया बनाने की चाह किस गृहिणी को नहीं होती। प्रत्येक महिला यही चाहती है कि उसका घर नया-नया सा और सबसे अलग दिखे।
जो भी उसे देखे तो यही कहे कि क्या बात है! त्योहरों और नववर्ष के मौके पर तो यह चाहत और भी बढ़ जाती है। घर को नया लुक कैसे दिया जाए? पूरे घर को तो ऐसे में बदला नहीं जा सकता, न ही हर साल हर आइटम बदला जा सकता है। घर को बदलना तो बेहद कठिन काम है किंतु सोफे के कवर, कुशन कवर, चादरें, परदे, तकिये आदि बदले जा सकते हैं। घर का पूरा फेब्रिक बदल देंगे तो घर में अपने आप नयापन आ जाएगा।
दरवाजों और खिड़कियों के परदे खरीदते समय ध्यान रखें कि वे न तो ज्यादा भारी हों, और न ही ज्यादा हल्के, बल्कि ऐसे हों जिससे घर के अंदर बाहर के मौसम का भी एहसास हो जाये।
परदे जहां घर की प्राइवेसी बनाए रखते हैं वहीं सुंदरता भी बढ़ाते हैं। अपने घर पर परदे लगाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि परदे ऐसे हों, जिन्हें धुलते समय आपको परेशानी भी न हो! क्योंकि परदे भी जल्दी-जल्दी नहीं बनवाए जाते है।
परदों का कपड़ा अर्थात् फैब्रिक ऐसा चुनें जो आपके फर्नीचर, बेड कवर, कमरे के आकार इत्यादि से मैच करता हो। कमरे के अनुसार ही उसके परदे हों। वैसे तो पूरे घर के परदे एक समान हों तो बहुत अच्छा लगता है किंतु कुछ कंडीशन के अनुसार भी अच्छे लगते हैं, जैसे बेडरूम में रैड कलर के परदे, ड्राइंग रूम में फूल-पत्तेदार परदे, तो डाइनिंग रूम में हरे रंग के परदे हों। इससे खुशनुमा एहसास घर में रहेगा।
कमरा चाहे कोई भी क्यों न हो, किंतु परदे भारी वैलवेट के नहीं होने चाहिए। इससे इन्हें धोने, उठाने आदि में परेशानी होगी। बच्चों के कमरे में कार्टून बाक्स या चेक इत्यादि के परदे ज्यादा अच्छे लगेंगे। बच्चों के कमरे में फ्रिल या रिबन लगे हुए परदे और भी सुंदर लगेंगे।
परदों के फैब्रिक में ऐसा चुनाव करें जो धोने-सुखाने में परेशानी न करें तथा टंगे हुए भी सुंदर लगें एवं घर में ताजगी का एहसास दिलायें। ज्यादातर लोग सिंथेटिक, साटिन, पापलीन, वैलवेट आदि के परदे पसंद करते हैं, इसके अलावा सिल्क और मलमल आदि के परदे काफी पसंद किये जाते हैं। पारदर्शी परदों की अपनी रौनक है। जो लोग हल्की-सी रोशनी भी पसंद करते हों उनके लिए पारदर्शी परदे बेहद बढ़िया रहते हैं। पारदर्शी परदे के आगे अन्य फैब्रिक का परदा भी लगा सकते हैं और जब चाहे उसे हटा भी सकते हैं।
परदे तो आपने बहुत बढ़िया खरीद लिए किंतु उन्हें ढंग से नहीं टांगा तो सुंदर लगने के बजाय फूहड़ लगेंगे। इसलिए परदों को सलीके से सिलवा कर ही टांगना चाहिए। यदि वे मोटे हैं तो उनमें प्लीट् बनवाएं, किंतु यदि वे हल्के हैं तो उनमें प्लीट्स की कोई आवश्यकता नहीं है।
अब आती है फर्नीचर की बारी। फर्नीचर भी हर तीसरे-चौथे साल नहीं बदला जा सकता, इसलिए ध्यान रखें जब भी अपहोलस्ट्री यानी कि गद्दियां कुशन कवर आदि बदलें तो सोच समझकर ही उनके रंग, फैब्रिक आदि का चुनाव करें जिससे फर्नीचर को एकदम नया लुक मिले।
फर्नीचर में सबसे आगे नाम आता है ‘सोफे’ का। अब सोफे को हर साल बदलवा भी नहीं सकते! लकड़ी के सोफे की वार्निश करवा सकते हैं। इससे उसे नयापन तो मिलता ही है, मजबूती भी मिलती है। सोफे का कपड़ा बदलवा सकती हैं जिससे उसे और मजबूती मिलती है। कुशन जहां सोफे की सुंदरता में इजाफा करते हैं, वहीं बैठने में भी सहारा प्रदान करते हैं। जूट, रबर, फोम, और स्प्रिंग कुशंस आदि की कई वैरायटी बाजार में उपलब्ध हैं। यह आपके बजट और आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप क्या खरीदेंगी।
टेबल-मैट्स भी ड्राइंगरूम की खूबसूरती बढ़ाने में पीछे नहीं हैं। टेबल मैट भी सस्ते और महंगे हर तरह के बाजार में मौजूद है। एक सस्ते टेबल मैट को भी आप खूबसूरत लुक दे सकती हैं। टेबल मैट आपकी मेज को सुरक्षित तो रखता ही है, साथ ही उसकी शोभा भी बढ़ाता है।
परदे नये टंगवा लिए, सोफे के कवर भी नए बनवा लिए किंतु इनकी साफ-सफाई पर यदि ध्यान नहीं दिया जायेगा तो ये जल्दी ही पुराने लगने लगेंगे। इसलिए अपने घर को नया लुक देने के लिए जहां उसके अंदर की साफ-सफाई जरूरी है, वहीं आपके घर का बाहरी वातावरण लॉन, बगीची आदि भी सुंदर व आकर्षक हों।
– शिखा चौधरी