The magical use of fragrance -sachi shiksha hindi

सुगंध का जादुई प्रयोग

आधुनिक समय में सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग काफी बढ़ गया है। इन प्रसाधन सामग्रियों में सुगंधियों का अपना विशेष स्थान है। मुख्य रूप से सुगंधों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है, प्रथम प्राकृतिक सुगंधियां तथा दूसरी कृत्रिम सुगंधियां। हां, पाश्चात्य देशों में विकसित कुछ किस्म की सुगंधियों को इधर कुछ खासी लोकप्रियता प्राप्त हुई है।

यह आपकी अपनी रूचि पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की सुगंध का चुनाव करते हैं, किंतु ध्यान रखें कि बहुत तेज सुगंध की अपेक्षा भीनी सुगंध का अपना ही असर होता है। तेज सुगंध का प्रयोग प्राय: फूहड़पन की सीमा में आता है। विभिन्न परिस्थितियों, अवसरों और मौसम के अनुसार सुगंध का बदल-बदल कर प्रयोग करना चाहिए। सदैव एक ही सुगंध का प्रयोग भद्दी रूचि का प्रतीक माना जाता है।

सुगंध के संबंध में यहां कुछ उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रख कर आप आकर्षण का जादुई प्रभाव पैदा कर सकते हैं।

  • दैनिक उपयोग के लिए प्राय: प्राकृतिक सुगंधियां कृत्रिम सैन्ट की अपेक्षा अधिक प्रयोग की जाती हैं। हां, पार्टी आदि में विदेशी सुगंधों का प्रचलन है। इनकी सुगंध तेज होती है। आप अपनी रूचि के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।
  • रूम कूलर के पानी में किसी मोहक सुगंध की बूंदें डाल दीजिए, (इसके लिए अब विशेष प्रकार की सुगंधियों का निर्माण होने लगा है)। कमरा सुगंधित बना रहेगा।
  • परफ्यूम के कुछ छींटे बिजली के बल्ब और ट्यूबलाइट पर छिड़क दीजिए। बल्ब जलने पर गर्मी से परफ्यूम की सुगंध घर भर में फैल जायेगी।
  • परफ्यूम की खाली शीशियों को कपड़े की अलमारी या बक्सों में कपड़ों के नीचे दुबका कर रख दें। उन शीशियों से बचे परफ्यूम से सारे कपड़े भी महक उठेंगे।
  • रूमाल आदि को धोने और प्रेस करने के उपरांत उन पर किसी रूचिकर सुगंध का हल्का छिड़काव करें। इससे जब भी वह प्रयोग में आएगा अपनी सुगंध बिखेरेगा। तौलियों व नैपकिन आदि पर भी यह प्रयोग आजमाया जा सकता है।
  • इसी प्रकार टेबल फैन के पीछे या आगे जाल में सुगंध से भीगा फाहा लगा दीजिए और फिर लीजिए सुगंधित वायु का आनंद।
  • सुबह आॅफिस जाने से पूर्व अपनी मनपसंद परफ्यूम कॉलर में या दुपट्टे पर लगाइये, दिन भर ताजÞगी महसूस करेंगी।
  • स्रान के पानी में कुछ बूंद यूं. डी. कोलोन की मिलाइये। इससे न सिर्फ आपको ताजÞगी अनुभव होगी बल्कि शरीर भी दुर्गंध से मुक्त रहेगा अन्यथा शारीरिक दुर्गंध आपके प्रति लोगों में अरूचि पैदा करेगी। हां, यदि आप कृत्रिम सुगंध के स्थान पर प्राकृतिक सुगंध को अपनाना चाहें तो स्रान से कुछ समय पूर्व आधा बाल्टी पानी में गुलाब, चम्पा या चमेली आदि कुछ फूलों की पंखुड़ियां डाल दीजिए। नहाते समय अंतिम बार (साबुन आदि धो डालने के उपरांत) इस पानी से नहाइये। इससे आपका शरीर भीनी खुशबू से महक उठेगा।
  • मेहमानों के स्वागत कक्ष (ड्राइंग रूम में) खुशबूदार फूलों को फूलदान में सजाकर रखना, विभिन्न वस्तुओं पर स्प्रे का छिड़काव करना आदि भी वातावरण को सुखद बनाता है।
  • कृत्रिम पौधों और फलों पर परफ्यूम का हल्का सा स्प्रे छिड़क दीजिए। हवा के झोंकों के साथ घर भर में आपकी मनपसंद सुगंध फैल जाएगी।
  • घर के पायदान और गलीचे उठाकर उसके नीचे परफ्यूम छिड़क कर देखिये, घर का कोना-कोना महक उठेगा।
  • परफ्यूम को रूई के फाहों में भरकर तकिये के चारों ओर रख दीजिए। सारे बिस्तर में सुगंध फैल जायेगी।
  • वस्त्रों में प्रयोग किये जाने वाली सुगंधियों को ऊपरी वस्त्रों पर न छिड़क कर अंदर पहने जाने वाले वस्त्रों पर छिड़किये।
  • लकड़ी से बनी पुस्तकों की अलमारी में किताबों और सजायी गयी वस्तुओं के पीछे परफ्यूम छिड़क दीजिए। लकड़ी में सुगंध कई दिनों तक बनी रहती है।
  • सुगंध का प्रयोग शरीर के अलग-अलग नाड़ी केंद्रों पर करें। घुटनों के पीछे गर्दन के पीछे भाग, कोहनी, एड़ी कमर, नाभि पर सुगंध लगाने से कहीं ज्यादा आकर्षक प्रभाव पैदा होता है। -आनंद कु. अनंत

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