मनमोहक पर्यटन स्थल ‘विशाखापटनम |Tourist Places | Visakhapatnam
विशाखापटनम, आंध्रप्रदेश राज्य में एक प्रसिद्ध बंदरगाह शहर (पोर्ट टाउन) है। इसे ‘विजाग’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत के दक्षिण-पूर्व समुद्र तट पर स्थित विशाखापटनम, आंध्रप्रदेश का दूसरा बड़ा शहर है। विशाखापटनम वैसे तो मुख्य रूप से एक औद्योगिक शहर है, पर अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति, हरे-भरे परिदृश्यों, सुंदर समुद्री किनारों और खूबसूरत पहाड़ियों के कारण यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है। देश में पर्यटन के विषय में आंध्र प्रदेश को वर्ष 2019 में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला है। यदि हम आंध्र प्रदेश के पर्यटन स्थलों की बात करें तो विशाखापटनम जिले का नाम सबसे पहला आता है।
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इतिहास:
विशाखापटनम को इसका नाम, शौर्य (वीरता) के देवता विशाखा से मिला है। पवित्र किताबें यह बताती हैं कि लगभग 2000 वर्ष पहले विशाखापटनम शहर पर राजा विशाखा वर्मा का राज्य था। इस शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है। 260 ई. पूर्व यह शहर कलिंग राज्य के अंतर्गत आया और इस पर तब सम्राट अशोक का राज्य था। इसके बाद 1600 ईस्वी तक यह उत्कल राज्य के अंतर्गत था। इसके बाद इस पर आंध्र के वेंगी राजाओं और फिर बाद में पल्लव राजाओं ने राज्य किया।
पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में मुगलों ने भी हैदराबाद के निजाम द्वारा इस पर शासन किया। अठारहवीं शताब्दी में विशाखापटनम पर फ्रेंच लोगों का शासन था। वर्ष 1804 में विशाखापटनम बन्दरगाह के पास अंग्रेजों और फ्रेंच स्क्वाड्रन के बीच लड़ाई हुई और यह शहर अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया। अंग्रेजों के शासन के दौरान हैदराबाद के बन्दरगाह ने ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए बहु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रिटिश शासन के दौरान विशाखापटनम मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब विशाखापटनम भारत का सबसे बड़ा जिला था। बाद में इस जिले को तीन जिलों में विभाजित कर दिया गया, श्रीकुलम, विजिÞअनगरम और विशाखापटनम।
दर्शनीय स्थल:
विशाखापटनम का नाम सुनने पर सबसे पहले वहां के बीचों की याद आती है जो पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं। इसके अलावा विशाखापटनम में एक प्रमुख तीर्थस्थल, जिसका नाम कैलाशगिरी है। कैलाशगिरी पहाड़ से न सिर्फ विशाखापटनम की खूबसूरती बल्कि समुद्री तट की प्राकृतिक सौंदर्य को भी देखा जा सकता है। आंध्र प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त इस क्षेत्र में विभिन्न राज्यों के अलावा देश-विदेश के पर्यटक आते हैं।
कैलाशगिरी-
अगर आपको विशाखापटनम का सबसे खूबसूरत व्यू देखना है तो कैलाशगिरी जरूर जाएं। कैलाशगिरी एक छोटी सी पहाड़ी का नाम है, जिस पर एक खूबसूरत पार्क बना है। इस पार्क की चोटी पर शिव-पार्वती की धवल प्रतिमा आपको आकर्षित करती है। पहाड़ी से एक दिशा में विशाखापटनम का विहंगम दृश्य नजर आता है। चारों ओर हरियाली और ऊपर साफ नीला आकाश देखने लायक दृश्य बनता है। कैलाशगिरी तक केबल कार द्वारा भी जाया जा सकता है। पहाड़ी पर ही चिल्ड्रन पार्क, टाइटैनिक व्यूप्वाइंट, फूलघड़ी, टेलीस्कोपिक प्वाइंट भी हैं। यहां बच्चों के लिए एक टॉय ट्रेन भी मौजूद है। जब आप बोटिंग करने समुद्र में जाएंगे, तो वहां से भी कैलासगिरी नजर आता है। दूर से ही पहाड़ी पर सफेद अक्षरों में लिखा कैलाशगिरी सुंदर लगता है। यहां से बंगाल की खाड़ी का दृश्य बहुत खूबसूरत नजर आता है।
डॉल्फिन नोज पहाड़ी-
अगर आप रामकृष्ण बीच पर खड़े हैं, तो आपके दार्इं ओर क्षितिज पर एक अनोखी संरचना दिखाई देगी। यह एक गोलाकार पहाड़ी है, जिसे ‘डॉल्फिन नोज’ कहा जाता है। इसकी ऊंचाई 350 मीटर है। आजादी से पहले ब्रिटिश आर्मी इस ऊंचे स्थान का उपयोग पूरे बंदरगाह और शहर पर निगरानी करने के लिए करती थी। यहां एक लाइटहाउस, चर्च, मजार और मंदिर भी मौजूद है।
तीन पहाड़ियां-
कहते हैं विशाखापटनम की आत्मा उसकी तीन पहाड़ियों में निहित है। इन तीन पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी को ‘रॉस हिल’ कहा जाता है, जहां ‘मदर मेरी’ नाम का सफेद रंग का एक खूबसूरत चर्च है। यह वर्ष 1864 में बना था। दूसरी चोटी पर बाबा इश्क मदीना की दरगाह है और तीसरी पर भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर। ये तीनों पहाड़ियां विशाखापटनम के लोगों के बीच के सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक हैं।
सबमरीन संग्रहालय-
सबमरीन संग्रहालय, रामकृष्ण समुद्रतट पर स्थित है और यह संपूर्ण एशियाई महाद्वीप में अपनी तरह का एक ही संग्रहालय है। इसे ‘स्मृतिका’ के नाम से भी जाना जाता है। इस संग्रहालय को वर्ष 2001 में पहले आईएनएस कुसुर्रा पनडुब्बी, जो कि रूस में बनाई गई एक पनडुब्बी थी, इसके द्वारा पनडुब्बी संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया। यह दुनिया में केवल दूसरा ऐसा संग्रहालय है, जहां आप पनडुब्बी के अंदर जा सकते हैं और कुछ समय के लिए उन लोगों के जीवन को महसूस कर सकते हैं, जो पानी में उनके नीचे रहते हैं।
अराकू वैली-
अराकू वैली विशाखापटनम से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य का बेहतरीन नमूना है, जो आंध्र प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। इसका एक समृद्ध सांस्कृतिक-पारंपरिक अतीत भी है। भौगोलिक रूप से अराकू वैली को अनंतगिरि और संकरीमेट्टा आरक्षित वन की नैसर्गिक सुंदरता का वरदान मिला है। यह वैली गलीकोंडा, रक्तकोंडा, चितामोगोंडी और संकरीमेट्टा के पहाड़ों से घिरी हुई है। गलीकोंडा पहाड़ी को आंध्र प्रदेश के राज्य की सबसे ऊंची पहाड़ी होने का गौरव प्राप्त है। अराकू वैली कॉफी प्लांटेशन, जनजातीय संग्रहालय, टाइडा, बोर्रा गुफाएं, सांगडा झरने और पदमपुरम बॉटनिकल गार्डन आदि के लिए प्रसिद्ध है। यहां की आॅर्गेनिक कॉफी ‘अराकु इमेराल्ड’ विदेशों तक में धूम मचा चुकी है।
ग्लास ट्रेन का अनूठा सफर-
अराकू वैली के सौंदर्य को बेहतर ढंग से निहारने के लिए भारतीय रेल ने एक स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन चलाई है। इसे ग्लास ट्रेन भी कहते हैं, जिसमें बैठकर आप वैली का अवलोकन कर सकते हैं। विशाखापटनम से अराकू वैली तक के रास्ते में 10-12 सुरंगें पड़ती हैं। जंगल से होकर गुजरती ट्रेन से अराकू वैली का नजारा देखने लायक होता है।
बोरा गुफाएं-
बोरा गुफाएं विशाखापटनम से 90 किलोमीटर की दूरी पर अराकु वैली के रास्ते में स्थित हैं। ये गुफाएं लगभग 10 लाख साल पुरानी मानी जाती हैं। इनकी संरचनाओं पर भूवैज्ञानिक निरंतर शोध कर रहे हैं। ये गुफाएं गोस्थनी नदी से निकले स्टैलक्टाइट व स्टैलग्माइट के रिसाव से बनी हैं। इन गुफाओं में जाने का रास्ता बहुत छोटा है, जबकि गुफाएं अंदर से काफी विराट हैं। अंदर घुसकर वहां एक अलग ही दुनिया नजर आती है। कहीं आप रेंगते हुए किसी सुरंग में घुस रहे होते हैं तो कहीं अचानक विशालकाय बीसियों फीट ऊंचे हॉल में आ खड़े होते हैं। आंध्र प्रदेश टूरिच्म ने गुफाओं में अलग से रंग-बिरंगी रोशनियों का प्रबंध किया है, जिससे पर्यटक आसानी से इनका अवलोकन कर पाते हैं।
खानपान-
विशाखापट्टनम का खाना अपने तेल और तीखे मसालों के लिए जाना जाता है। पूरे आंध्र प्रदेश के खानों में मिर्ची का अहम रोल होता है। मूंग की दाल से बना यह व्यंजन नारियल और टमाटर की चटनी के साथ खाया जाता है। रामकृष्ण बीच पर शाम का मजा जरूर लें। यहां पर भुट्टे, चाट, पानीपूरी, मूड़ी, कच्चा आम मसालेदार आदि जरूर ट्राई करें। यहां मिर्ची और केले के पकौड़े भी बहुत स्वादिष्ट मिलते हैं। इसके अलावा यहां कई अनोखे स्वाद मिलते हैं, जैसे-कर्ड राइस, गुट्टी वानकाया कुरा (भरवां बैगन की करी) पुलिहोरा, उपमा, मेदूवड़ा आदि।
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