साक्षात्कार के समय आपको क्या नहीं करना चाहिए? किसी भी जॉब को हासिल करने के लिए साक्षात्कार में सफल होना अति आवश्यक है। यदि साक्षात्कार के दौरान आपका परिचय सही होता है, तब नौकरी आपकी।
परंतु बहुत से लोग यह तो ध्यान रख लेते हैं कि साक्षात्कार के समय क्या-क्या करना चाहिए। परंतु यह भी जानना जरूरी है कि साक्षात्कार के दौरान क्या नहीं करना।
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तो आइये जानते हैं कि कुछ टिप्स, जो साक्षात्कार के समय आपके काम आएंगे
भड़कीली साज-सज्जा न करें:
साक्षात्कार वाले दिन तड़क-भड़क वाली साज-सज्जा न करें। अनावश्यक साजश्रृंगार और आभूषण न पहनें। जूते सैडिंल आवाज करने वाले न हों। कपड़े न तो ज्यादा तंग हों और न ही ज्यादा ढीले। उचित फिटिंग वाले कपड़े पहनने चाहिए।
चालाकी न दिखाएँ:
साक्षात्कार मण्डल के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ और अनुभवी होते हैं। उनके साथ चालाकी करना या उन्हें धोखा देना कठिन होता है। उन्हें अपने बारे में कोई भी गलत सूचना ने दें क्योंकि वे अपनी पारखी दृष्टि और अनुभव से कहीं न कहीं आपकी सच्चाई को जान जाएंगे, जिससे आपकी छवि अत्यधिक खराब होगी। किसी प्रश्न का उत्तर न आता हो तो विनम्रतापूर्वक अपनी अनभिज्ञता प्रकट कर दें। अनुमान के आधार पर उत्तर देने का प्रयास कदापि न करें। बोर्ड के सदस्यों को बीच में न टोंके। साथ ही यह ध्यान रखें कि सदस्यगण साक्षात्कार लेने के विशेषज्ञ सदस्य होते हैं।
अशिष्टता न करें:
प्रत्याशी साक्षात्कार कक्ष का दरवाजा खटखटाएँ बिना न खोलें। बिना आज्ञा अन्दर प्रवेश न करें। चलते, बैठते, उठते, समय अनावश्यक आवाज न करें। साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के साथ अशिष्ट व्यवहार न करें।
घबराएँ नहीं:
साक्षात्कार के लिए जाने से पूर्व कुछ चिन्ता होना स्वाभाविक है, परन्तु साक्षात्कार को इतनी गम्भीरता से नहीं लेना चाहिए कि घबराहट और चिन्ता के कारण साक्षात्कार के दौरान प्रदर्शन प्रभावित हो। घबराने से बुद्धि और विवेक अस्थिर हो जाते हैं। अत: घबराएँ नहीं।
उत्तर देने में जल्दबाजी न करें:
साक्षात्कार बोर्ड के प्रश्नों का उत्तर देने से पूर्व पूछे गए प्रश्न को भली प्रकार समझकर ही सही उत्तर दिया जा सकता है। उत्तर देते समय जल्दबाजी करने पर उत्तर गलत अथवा आधा-अधूरा हो सकता है। अत: उत्तर देने में कभी भी जल्दबाजी न करें
धैर्य न खोएँ:
प्रत्याशी की धैर्यशीलता का परीक्षण करने के लिए साक्षात्कार बोर्ड अनेक बार एक ही प्रश्न की पुनरावृत्ति करता है। ऐसी स्थिति में धैर्य न खोएँ, विनम्रतापूर्वक प्रश्न का उत्तर दें।
चापलूसी करने का प्रयास न करें:
चापलूसी करने से साक्षात्कार बोर्ड की नजरों में प्रत्याशी की छवि खराब होती है अत: साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष अथवा किसी भी सदस्य की चापलूसी न करें।
प्रति-प्रश्न (क्रॉस-क्वैश्चन) न करें:
साक्षात्कार एक औपचारिक प्रक्रिया होती है जिसमें साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों द्वारा प्रत्याशी के व्यक्तित्व-परीक्षण हेतु प्रश्न पूछे जाते हैं। अत: इस औपचारिक प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखने के लिए बोर्ड के सदस्यों से प्रति प्रश्न न करें, इससे आपका प्रदर्शन प्रभावित होता है।
अशिष्ट अंग-संचालन न करें:
साक्षात्कार के दौरान अशिष्ट अंग संचालन जैसे-पैर हिलाना, हाथ हिलाना, मेज पर हाथ या अंगुली मारना अथवा हाथ फेंक कर वातार्लाप करने से अष्टिता प्रगट होती है अत: अशिष्ट अंग संचालन ना करें।
साक्षात्कार बोर्ड से बहस न करें:
साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों से बहस न करें। इससे अशिष्टता प्रकट होती है। यह साक्षात्कार को गरिमा के विरुद्ध है। साथ ही यह ध्यान रखें कि साक्षात्कार के समय आप किसी सदस्य को बीच में न टोंके। साथ ही सदस्यों की ओर मुखातिब होकर ही जबाव दें।
रूखा बर्ताव न करें:
लगातार कई प्रश्नों का सही उत्तर न दे पाने पर कुछ प्रत्याशी साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों से रूखा बर्ताव करने लगते हैं। उन पर झल्ला उठते हैं। ऐसे प्रत्याशियों की साक्षात्कार में सफलता की सभी सम्भावनाएँ समाप्त हो जाती हैं। अत: साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के साथ रूखा व्यवहार न करें।