experiences of satsangis

आपके घर बेटा होगा, जो सबसे अलग ही होगा! -सत्संगियों के अनुभव

पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत

प्रेमी प्रकाश इन्सां सुपुत्र श्री बनवारी लाल इन्सां गाँव डाबड़ी तहसील भादरा जिला हनुमानगढ़ (राज.) से पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने पर हुई रहमत का वर्णन करता है:-

प्रेमी जी बताते हैं कि हमारे यहां एक लड़का तथा एक लड़की थी। लड़का जन्म से ही बीमार यानि थोड़ा भोला था। जब घर में तीसरे बच्चे ने जन्म लेना था तो हम किराए की गाड़ी (टैक्सी) लेकर हिसार हस्पताल में पहुंचे। पत्नी की डिलिवरी होने के बाद नर्स ने बाहर आकर मुझे बताया कि आपके लड़की हुई है। यह सुनकर मुझे टेंशन हो गई। गाड़ी के ड्राईवर ने मुझसे पूछा कि प्रकाश, क्या बात है, तू इतना उदास क्यों है! मैंने कहा कि लड़की हुई है। तो ड्राईवर ने कहा कि चिंता करने की क्या बात है! हर कोई अपनी किस्मत लिखवाकर लाता है। मेरे भी तो तीन लड़कियां हैं।

उसकी बातों से मुझे कुछ ढांढस बंधा। मुझे मेरे मालिक सतगुरु पूज्य हजूर पिता जी ने अंदर से यह ख्याल दिया कि हम सारा परिवार अपने सतगुरु पूज्य गुरु जी से अर्ज करेंगे कि पिता जी हमें एक लड़का देना। मेरे दिमाग में यह बात घूमने लगी कि हम सरसा दरबार में जाकर अर्ज करेंगे। पूज्य सतगुरु हजूर पिता जी के पास मेरी ये फरियाद पता नहीं कैसे बिना किसी चिट्ठी-पत्र या टेलीफोन के ही पहुंच गई। रात को सपने में पूज्य हजूर पिता जी मेरे सामने आकर खड़े हो गए और मुझे आशीर्वाद देते हुए प्यारे सतगुरु जी ने फरमाया, ‘बेटा! चिंता मत करो। आपके घर एक ऐसा लड़का होगा जो सबसे अलग ही होगा।’ पूज्य हजूर पिता जी के दर्शनों एवं वचनों से मुझे इतनी खुशी हुई कि जिसका बयान नहीं हो सकता।

पूज्य गुरु जी के वचनानुसार 14 जून 2007 को हमारे घर में बेटे ने जन्म लिया। पूज्य गुरु जी से बेटे का नाम रखवाने के लिए हम पूरा परिवर डेरा सच्चा सौदा दरबार में गए और पूज्य गुरु जी से बच्चे का नाम रखने की अर्ज़ की। पूज्य पिता जी ने पूछा, ‘बेटा, कौन-कौन आए हो?’ मैंने पूज्य पिता जी से अर्ज की कि पिता जी, एक ही परिवार है और परिवार के बारे में मैंने बताया कि यह मेरे माता जी, बापू जी और हम छह भाई तथा चार बहनें हैं जी। पूज्य पिता जी ने सारे परिवार की राज़ी-खुशी पूछी, ‘बेटा, सब ठीक-ठाक हो।

’ हम सबने ‘हां जी, पिता जी’ कहते हुए अर्ज़ की कि पिता जी, आपजी की दया-मेहर है जी। पूज्य पिता जी ने फरमाया, ‘बोलो, बेटा क्या बात है, कैसे आए हो? मैंने अर्ज की कि पिताजी, आपजी ने हमें बेटे की दात बख्शी है, आपजी ही इसका नाम रखो जी। पूज्य पिता जी ने हमें एक अक्षर दे दिया कि इस पर नाम रख लो। तो हम सबने अर्ज़ की कि पिता जी, आप जी पूरा नाम रख दो जी। तो कुल मालिक सतगुरु पिता जी ने बेटे का नाम सत्यदीप रख दिया और बेटे को अपने कर-कमलों से एक खिलौने की दात भी बख्शी और इस तरह सतगुरु दाता पूज्य पिता जी ने अपनी दया-मेहर, रहमत करते हुए परिवार की दिली इच्छा को पूरा करके हमें सारे परिवार को प्रशाद व खुशियां बख्शी।

जैसे कि पूज्य हजूर पिता जी ने फरमाया था कि बेटा! आपके घर ऐसा लड़का होगा जो सब से अलग ही होगा, उसके कुछ प्रमाण निम्नानुसार हैं:-

  • जब बेटा सत्यदीप डेढ़ साल का हुआ तो सुबह उठते ही हर रोज कहता, पिता जी की कैसेट लगाओ, मैं तो शब्द सुनूंगा। हर रोज सुबह शब्दों की कैसेट लगवाता और शब्द सुनता।
  • फरवरी 2010 को हम हिसार से फतेहाबाद जा रहे थे। पूज्य हजूर पिता जी ने किसी टाईम फतेहाबाद में जिस जगह पर सत्संग किया था, वह जगह आते ही बेटा अपनी मम्मी को कहने लगा कि मम्मी, इस जगह पर पिता जी ने सत्संग किया था और हम भी उस सत्संग पर आए थे। जबकि पूज्य हजूर पिता जी ने फतेहाबाद में जब सत्संग फरमाया था तो उस समय सत्यदीप पैदा भी नहीं हुआ था। यह तो उसके जन्म से काफी समय पहले की बात है।
  • जब वह तीन साल का हुआ तो कहने लगा कि मुझे तो नाम लेना है, और जाम भी पीना है। हर सत्संग पर जिद्द करता कि मुझे नाम लेना है और जाम पीना है।
  • जब पांच साल का हुआ यानि 15 अगस्त 2012 को हमने उसे नाम दिलवा दिया और जाम भी पिलवा दिया। नाम लेते ही उसने अपनी मम्मी से कहा कि यह नाम तो मुझे पहले से ही याद था।

हमारे सारे परिवार की पूज्य हजूर पिता जी दाता सच्चे रहबर के पवित्र चरण-कमलों में हाथ जोड़कर यही अरदास है कि हमारे सारे परिवार पर इसी तरह अपनी दया-मेहर बरसाते रहना जी और हम हर स्वास, हर दम आप जी द्वारा बख्शे अनमोल नाम-गुरुमंत्र का हमेशा सुमिरन करते रहें और आप जी द्वारा दर्शाए सच के मार्ग पर बेरोक व बेटोक चलते ही जाएं जी।