न्यूनतम सामान्य ज्ञान के बिना इस तेज गति के वातावरण में रहना बहुत मुश्किल है। इसलिए आज हम How to Develop Common Sense के बारे में कुछ सुझावों पर चर्चा करेंगे |
यह माना जाता है कि हम सारा जीवन पांच प्रतिशत दिमाग ही प्रयोग कर पाते हैं, बाकी 95 प्रतिशत दिमाग निष्क्रिय ही रहता है। यदि हम बाकी दिमाग भी प्रयोग करें तो कई मूर्खताओं से बच जाएंगे। हर काम सोच कर करें, हर बात सोच कर करें तो हम बुद्धिमान कहलाएंगे। यदि हम थोड़ी दूरदर्शिता का ध्यान रख कर जीवनचर्या करें तो बहुत सी परेशानियों से बच जाएंगे।
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How to Improve Common Sense | सामान्य ज्ञान कैसे सुधारें
यदि हम दूसरों के अनुभवों से सीख कर वो गलतियां न करें तो भी बहुत परेशानियों से बच जाएंगे। कामन सैंस का अभिप्राय तो यही है कि हर काम में हम अपनी सोच, अपनी अक्ल का प्रयोग करें।
ॅ कहा गया है कि अच्छे विचार किसी दीवार पर भी लिखे हों तो वो पढ़ कर जीवन में उतार लेने चाहिए। मित्रता अक्लमंद लोगों से ही करें और उनके अनुभवों से सीखें।
सुपर युक्तियाँ तुरंत अपने कामन सेंस में सुधार करने के लिए
Super Tips to Improve Your Common Sense Immediately: जो भी कहें, सोच कर कहें। जो कहें वो करें। करने से पहले सोचें ताकि बाद में आपको पछताना न पड़े। जो संकल्प करें, उसका विकल्प मत ढूंढें। संकल्प पूरा करने का आत्मविश्वास डवल्प करें।
कभी आपका नुकसान हो, जेब कट जाए, आप ठगे जाएं अपनी निजी व्यथा के बारे में दूसरों को मत बताएं, आप इस हंसी का पात्र बन सकते हैं। कभी भूल कर भी आवेश में मुंह से गलत बात मत निकालें। कम बोलें, ज्यादा सुनें। जब तक अगला पांव जम न जाए, तब तक पिछला कदम जमाए रखें, उठाएं नहीं। यह नियम जीवन के हर क्षेत्र में लागू करें। दूसरे स्थान की परीक्षा लिए बिना पहला स्थान न छोड़ें।
कोई भी काम करने से पहले अपने से बुद्धिमान लोगों से राय परामर्श जरूर ले लें। सबकी सुन कर फिर मन की करें। दूसरों के परामर्श का लाभ उठाना भी एक कला है।
अक्लमंदी, बुद्धिमत्ता व समझदारी कहीं बाजार में नहीं मिलती। इसको डवल्प करना पड़ता है। जो लोग दिल की बजाय, दिमाग की ज्यादा सुनते हैं, उन्हें हम इतिहास में स्थान देते हैं।
आप थोड़ी सी समझदारी से अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं। अपनी गलती को समझ कर मान लेना, उसे ठीक करना ही अक्लमंदी का खजाना है। जुबान छोटी और कान लंबे रखें। आदमी का दिमाग उसकी दाढ़ी या सफेद बालों में नहीं, सोच शक्ति एवं कार्य-कुशलता में होता है। हो सके तो आप अपने मालिक स्वयं बनें।
अपने फैसले लेने के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें। अपना रिमोट अपने हाथों में रखें। जब कोई काम आपके विचारों एवं असूलों के विपरीत आपको करना पड़े तो आप उसके लिए इनकार करने के पूरे हकदार हैं। विपरीत के लिए अपने आप को बाध्य मत करें। छोटी-छोटी बातों पर क्र ोधित न हो जाएं, परेशान न हों, विचलित न हो जाएं। लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह किए बिना जो अच्छा है, वो करें। जो अनुचित है उसे त्याग दें। यदि आप अपना 50 प्रतिशत वक्त अच्छा बिताते हैं, दिमाग प्रयोग करते हैं, सोच समझ कर हर काम करते हैं तो आप सचमुच जीनियस और इंटेलिजेंट व्यक्तित्व के मालिक हैं।
-विजन्द्र कोहली गुरदासपुरी
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