ब्लोटिंग्एक आम समस्या
खान-पान की गलत आदतों से यह समस्या होती है। जो लोग सॉफ्ट ड्रिंक्स, चाय-काफी का ज्यादा सेवन करते हैं उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। ज्यादा नमक और मीठा खाने से भी समस्या होती है।
पेट फूलने की समस्या से सभी को कभी न कभी जूझना पड़ता है। इससे पेट टाइट और फूला-फूला लगता है। जैसे गुब्बारे में गैस भरने पर गुब्बारा टाइट हो जाता है उसी प्रकार पेट की स्थिति होती है। ऐसा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट में गैस भरने के कारण होता है। इसे ब्लोटिंग कहा जाता है।
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कारण:-
ॅ कब्ज, फूड एनर्जी इत्यादि कारणों से पेट फूल जाता है। ऐसे में मल बड़ी आंत में इकट्ठा हो जाता है जिससे ब्लोटिंग और बेचैनी की समस्या होने लगती है। इस स्थिति में पेट में ज्यादा गैस इकट्ठी हो जाती है।
ॅ दूसरा कारण खान-पान की गलत आदतों से यह समस्या होती है। जो लोग सॉफ्ट ड्रिंक्स, चाय-काफी का ज्यादा सेवन करते हैं उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। ज्यादा नमक और मीठा खाने से भी समस्या होती है। वॉटर रिटेंयशन और हार्मोंन संबंधी बदलाव भी इस समस्या का कारण हैं।
ॅ सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पेट में गैस ज्यादा बनाते हैं। इनका सेवन न करें। इनमें मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर पेट को फुलाता है। च्यूइंगम का सेवन करने से भी पेट फूलता है और गैस की समस्या होती है क्योंकि उसमें मौजूद शक्कर नुकसान पहुंचाती है और उसे चबाते चबाते हवा भी पेट में जाती है जिससे पेट फूलने की समस्या होती है।
नमक का अधिक सेवन भी शरीर में वाटर रिटेंशन करता है जिससे पेट तथा शरीर के अन्य हिस्से फूल जाते हैं। नमक का सेवन भी कम करें। कुछ दवाइयां भी हमारा और कब्ज पैदा करती हैं। डाक्टर से परामर्श कर बताएं कि इन दवाइयों से उन्हें क्या साइड इफेक्ट हो रहे हैं।
क्या करें:-
पेट की मालिश करें:-
पेट की मालिश से आंतों में सक्रियता बढ़ती है ऐसा करने से बड़ी आंत को राहत मिलती है। मालिश हल्के हाथों से दबाव देते हुए करें। दाईं हिप बोन के ठीक ऊपर हाथ रखकर हल्का दबाव देते हुए गोल गोल घुमाएं।
थोड़ा टहलें:-
गैस की समस्या होने पर थोड़ा टहलें ताकि चलने से आंतों पर प्रभाव पड़े और वह सक्रिय हो सकें। गैस में तुरंत आराम मिलेगा। अधिकतर लोग निष्क्रिय जीवनशैली बिताते हैं। सक्रिय रहकर आप अपनी आंतों को भी सक्रिय कर सकते हैं और समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
पिपरमेंट आॅयल कैप्सूल खाएं:-
ब्लोटिंग की समस्या होने पर पिपरमेंट आयल कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं। इसके लेने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं जिससे गैस और मल आसानी से बाहर निकलता है। सीने में जलन होने पर इसका सेवन न करें। डाक्टर के परामर्श और उस पर लिखे निर्देशानुसार समस्या होने पर सेवन करें।
व्यायाम और योगासन करें:-
नियमित रूप से व्यायाम आपको सक्रिय रखता है। ऐसे लोग ब्लोटिंग का शिकार कम होते हैं। कुछ ऐसे योगासन हैं जो पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हैं जिससे अतिरिक्त गैस आसानी से बाहर निकलती है और पेट में हल्कापन महसूस होता है। नियमित व्यायाम और योगासन करने से आप इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।
गर्म पानी से नहाएं:-
गुनगुने पानी से स्रान करने पर शरीर रिलैक्स होता है और तनाव भी कम होता है।
नियमित समय पर खाएं:-
खाना नियमित समय पर सीमित मात्रा में खाएं। अधिक खाना खाने पर भी पेट फूलता है क्योंकि हमारे पाचन तंत्र पर अधिक भार पड़ता है। जल्दी जल्दी खाने से, स्ट्रा से पानी पीने से भी पेट फूलता है। नियमित अंतराल में आराम आराम से खाना चबा चबा कर खाएं। खाने के बीच में पानी न पिएं।
नाश्ते में फाइबर की मात्र बढ़ाएं:-
पुरूषों को रोजाना 35 ग्राम फाइबर और महिलाओं को 25 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। नाश्ते में फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ लें जैसे दलिया, ओट्स, दूध, सब्जियों से भरी ंचपाती, सब्जियों वाला सैंडविच, सेब, केला, स्प्राउट्स आदि लें। ऐसा करने से पेट नियमित साफ होगा और पेट फूलने की समस्या से भी राहत मिलेगी।
आवश्यकता से अधिक फाइबर भी पेट पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए सीमित मात्रा में फाइबर लें और धीरे धीरे मात्रा बढ़ाएं ताकि पेट उसे एडजस्ट कर सके।
इसके अतिरिक्त दही का सेवन करें। दही में गुड प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट को शांत रखते हैं। प्रोबायोटिक्स के सेवन से पेट में गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। – नीतू गुप्ता
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