ज्यादा संभाल की मांग करता है इलेक्ट्रिक स्कूटर
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की दिशा में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बेहतर विकल्प माना जा रहा है। यही वजह है कि ईवी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इतना ही नहीं केंद्र और राज्य सरकारें भी लोगों को परंपरागत वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
जानकारों की मानें तो ईवी आने वाले समय के बेहतर यातायात विकल्प हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की घटनाएं काफी ज्यादा देखी जा रही हैं। इन घटनाएं के बाद से इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर कई तरह के भ्रम के साथ-साथ डर का माहौल पैदा हो रहा है, इसलिए आपको बताने जा रहे हैं कि किन वजहों से इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लग सकती है और कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है।
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आइए जानते हैं आग लगने वाली घटनाओं को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय।
कठोर नियमों के बाद बाजार में उतरे वाहन
कई हादसों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ई-स्कूटरों में आग क्यों लग रही है। एक्सपर्ट्स सबसे पहले इसके लिए बैटरी को जिम्मेदार बताते हैं। उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैटरी ही ऐसा हिस्सा है, जहां आग लग सकती है। इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिथियम आयन बैटरी वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए। साथ ही गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए।
कंपनियां ग्राहकों को देखभाल करने के टिप्स बताए
हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने एक इंटरव्यू में बताया है कि ई-स्कूटरों की सर्विस बेहद जरूरी है और इसको लेकर ग्राहकों के बीच जागरूकता फैलाई जानी चाहिए। गिल का कहना है कि डीलर और ग्राहक के बीच इसको लेकर जानकारी और जागरुकता का स्तर बेहद कम है, ग्राहकों को यह बताया जाना चाहिए कि बैटरी की देखभाल कैसे करनी है। सोहिंदर गिल कहते हैं कि कई ग्राहक 40 किलोमीटर तक धूप में गाड़ी चलाते हैं और वापस लौटने के तुरंत बाद बैटरी को चार्ज में लगा देते हैं, जिससे बैटरी उबल जाती है। यह हादसे को दावत देने जैसा है।
भारत के वातावरण के अनुसार बनें बैटरियां
भारत जैसे देश में जहां तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है वहां थर्मल रनवे की वजह से बैटरियों का टेंपरेचर 90-100 डिग्री तक पहुंच सकता है, जिससे आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। भारत के मौसम को ध्यान में रखकर डिजाइन नहीं करने और विदेशों से आयात बैटरियों की वजह से आग लगने जैसी समस्याएं सामने आती हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे बचने के लिए इन बैटरियों को भारत के वातावरण को ध्यान में रखकर देश में ही बनाया जाना चाहिए।
चीन से आने वाली बैटिरयां हैं खतरनाक
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ई-स्कूटरों में आग लगने की कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, बाहरी डैमेज या बीएमएस में कमी से इन बैटरियों में आग लगने का खतरा पैदा हो सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता इन बैटरियों को बड़ी संख्या में चीन से आयात करते हैं, जहां से खराब बीएमएस क्वॉलिटी वाली बैटरियां आती हैं, जिससे बैटरियों में आग लगने सहित कई दिक्कतें आती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 2021 में दुनिया में लिथियम-आॅयन बैटरियों का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर था और इस दौरान दुनिया की 79% लिथियम-आॅयन बैटरियां चीन में बनाई गईं।
मौसम से बचाना है जरूरी:
किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को मौसम की वजह से काफी नुकसान हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को कभी भी धूप वाली जगह पर पार्क ना करें और सर्दियों के मौसम में रात के समय इसे गैराज में ही पार्क करें क्योंकि इससे इलेक्ट्रिक स्कूटर को मौसम के प्रभाव से बचाया जा सकता है और इससे रेंज पर भी असर नहीं पड़ता है।
करें फुल चार्जिंग:
कुछ लोग अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को महज 10 या केवल 20 फीसद चार्जिंग के बाद ही इस्तेमाल के लिए ले जाते हैं और फिर दोबारा डिस्चार्ज होने पर इसे चार्जिंग के लिए लगा देते हैं लेकिन ऐसा करना इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इससे धीरे-धीरे करके बैटरी खराब होने लगती है और रेंज पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में हमेशा इलेक्ट्रिक स्कूटर चार्ज करते समय पूरी तरह से चार्जिंग जरुरी होती है और इसे बीच में नहीं निकालना चाहिए।
ओवर लोडिंग से बचे:
जब तक जरूरत ना पड़े अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर पर दो लोगों को ना बिठाएं। ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर का डिजाइन कम लोड उठाने के हिसाब से तैयार किया जाता है। ऐसे में आप चाहते हैं कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी लंबे समय तक अच्छी रेंज आॅफ करे तो इसके लिए जरूरी है कि आप ज्यादातर मौकों पर अकेले ही स्कूटर से सफर करें।
लोकल चार्जर के इस्तेमाल से बचें:
अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करते समय हमेशा कंपनी द्वारा दिए गए चार्जर का इस्तेमाल करें और अगर आप ऐसा ना करके किसी लोकल चार्जर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इससे बैटरी खराब हो सकती है।
चार्जिंग निर्देशों का पालन करना जरूरी
काउंसिल आॅन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर-सेंटर फॉर एनर्जी फाइनांस (सीईईडब्ल्यू-सीईएफ), प्रोग्राम लीड, ऋषभ जैन का कहना है कि यदि कुछ तकनीकी चीजों का ध्यान रखा जाए तो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को आग लगने से बचाया जा सकता है।
- ईवी यूजर्स को उपकरणों के मूल निर्माता की ओर से सुझाए गए चार्जिंग निर्देशों का पालन करना चाहिए।
- ईवी यूजर्स को खराब या कम गुणवत्ता के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- यदि संभव हो तो यूजर्स को एप या व्हीकल डैशबोर्ड के जरिए बैटरी की सेहत की निगरानी करनी चाहिए।
- भले ही फास्ट चार्जिंग से टाइम बचता है, लेकिन जहां तक संभव हो यूजर्स को स्लो चार्जिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि इससे बैटरी की उम्र बढ़ती है।
भारत में लिथियम-आयन बैटरी की स्थिति
बैटरी बनाने वाली कंपनी बैटरिक्स के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डॉयरेक्टर आनंद कब्रा का कहना है कि लिथियम आॅयन बैटरी अत्यधिक रसायन व ऊर्जा से भरी होती है, इसलिए उसका रखरखाव भी अति संवेदनशील है। भारत में व्यावहारिक स्थितियों जैसे- आॅफ रोडिंग, खराब सड़क, गलत ड्राइविंग, अत्यधिक तापमान, जलभराव के संपर्क में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करने हेतु बैटरी निर्माताओं को लिथियम-आयन के संचालन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बहू-मौसमी मॉडल की बैटरियों का निर्माण करना चाहिए।
बैटरी की लाइफ व परफॉर्मेंस बढ़ाएं
भारत में जितने भी इलेक्ट्रिक वाहन हैं उन्हें यदि ठीक ढंग से ना चलाया जाए तो उनकी बैटरी पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके चलते बैटरी कुछ ही समय में खराब हो जाएगी और आपको दूसरी बैटरी लगवाने में पैसे खर्च करने होंगे। बैटरी को फिट रखने के लिए आपको किसी मैकेनिक के पास जाकर इसका चेकअप करवाने या इसकी मरम्मत करवाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको बस कुछ आसान से टिप्स फॉलो करने होंगे, जिसके बाद इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी लंबे समय तक बेहतरीन परफॉर्मेंस आॅफर करेगी साथ ही इससे अच्छी-खासी रेंज भी मिलेगी।