God removes all tensions and worries - Editorial - Sampadakiya - Sachi Shiksha

No Tensions पूजनीय परम पिता जी शाह सतनाम जी महाराज परोपकारों की गणना नहीं हो सकती। जब तक जीवात्मा इस संसार (मात-लोक) में रहे और जब वह यहां से विदा ले वो यहां दु:ख, परेशानियों में ना तड़पे और मौत के समय और मौत के बाद भी किसी तरह का डर उसे न सताए। बल्कि परम पिता परमात्मा में समा कर वो परमानन्द को हासिल करे। परम पिता परमात्मा के सच्चे रूहानी सन्त, पीर-फकीर धुर-दरगाह से जीवात्मा के मोक्ष-मुक्ति के लिए ही संसार में आते हैं। बाहरी क्रियाओं एवं देखने में वे बेशक हमारी तरह इन्सान नजर आते हैं और हमारे दरमियान रहते हैं लेकिन अपने असल उद्देश्य को वो दिलो-जान से निभाते हैं। जिन्होंने विश्वास किया असल जिंदगी उन्हीं की ही है।

जिस तरह कहा जा सकता है कि हॉस्पिटल में जहां मरीज अपना इलाज करवाने के लिए दाखिल (भर्ती) होते हैं और डॉक्टर साहिबान भी वहीं उसी हॉस्पिटल में रहते हैं। मरीज अपने इलाज के लिए भर्ती होते हैं और डॉक्टर उनका इलाज करने, उन्हें स्वस्थ करने के लिए वहां रहते हैं। यही स्थिति संसार में भी हम सबकी है। जीव अपनी चौरासी लाख जोनियों के कारण संसार में आता है और संत-महापुरुष जीव की चौरासी को खत्म करने के लिए मनुष्य रूप में संसार पर आते हैं। वे हमारी तरह ही संसार में विचरते हैं लेकिन उनकी दिनचर्या, क्रिया-कलापों व आमजीव के क्रिया-कलापों में जमीन आसमान का अन्तर रहता है।

सत्संगियों का अनुभव: जब परछाई साथ रहती है, उसी प्रकार भगवान भी साथ रहता है

परम पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज सृष्टि के उद्धार के लिए आज के इस कलियुगी, स्वार्थी युग में परोपकरों की मिसाल बन कर आए। पूजनीय परम पिता जी ने अपने रहमो-करम के द्वारा करोड़ों घरों को स्वर्ग-जन्नत से बढ़कर सुखमय बनाया। आप जी की पवित्र प्रेरणा से करोड़ों लोग खुशियों व सुख-भरा जीवन जीअ रहे हैं। आप जी ने लोगों के दैविक, शारीरिक, मानसिक, आत्मिक आदि हर तरह के दु:खों, उनके जन्मों-जन्मों के कष्टों का निवारण करके उन्हें सुखमय जीवन जीने का सरल व सीधा रास्ता दिखाया। केवल रास्ता दिखाया ही नहीं, बल्कि उस सुखमय-ईश्वरीय भक्ति के मार्ग पर सफलता पूर्वक चलने के लिए उनका मार्ग-दर्शन भी खुद किया।

और सबसे महान परोपकार यह भी कि सच्चे सतगुरु मुर्शिदे-कामिल ने अपने स्वरूप को हमेशा साध-संगत के सामने रखा है। पूजनीय परम पिता जी स्वयं पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के जाहरा स्वरूप में आज भी साध- संगत को अपना रूहानी आसरा प्रदान कर रहे हैं। विश्व-भर में करोड़ों श्रद्धालु सतगुरु प्यारे की इस अनमोल बख्शिश से मालामाल हो रहे हैं ‘फिक्र चिंता मिटा दित्ते, कि साडे भ्रम मुका दिते, बेअंत उपकार ने कीते..।’

सच्चे रहबर पूजनीय परम पिता जी के परोपकारों की गणना हो ही नहीं सकती। धन-धन सच्चे रहबर परम पिता जी, आप जी को शत-शत नमन् है जी।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!