just for today

सिर्फ आज के लिए

अगर आप सुख शांति का मानसिक नज़रिया विकसित करना चाहते हैं, तो पहला नियम है :
खुशी के विचार सोचें, खुशी का अभिनय करें, तो आप भी खुशी का अनुभव करने लगेंगे।

  • सिर्फ आज के लिए मैं खुश रहूंगा। इसका आशय है कि अब्राहम लिंकन की यह बात सच थी ‘अधिकांश लोग उतने ही सुखी होते हैं जितने सुखी होने का वे संकल्प करते हैं।’ सुख अंदर से आता है, बाहरी घटनाओं से इसका कोई संबंध नहीं है।
  • सिर्फ आज के लिए मैं यह कोशिश करूंगा कि दुनिया जैसी है, मैं अपने आपको उसके हिसाब से ढाल लूं, बजाय इसके कि मैं दुनिया को अपनी इच्छाओं के हिसाब से ढालने की कोशिश करूं। मेरा परिवार, मेरा बिजनेस और मेरी किस्मत जैसी भी हो, मैं अपने आपको उनके अनुरूप ढालने की कोशिश करूंगा।
  • सिर्फ आज के लिए मैं अपने शरीर का ध्यान रखूंगा। मैं व्यायाम करूंगा, शरीर की देखभाल करूंगा, इसे पोषण दूंगा और इसे नज़रअंदाज़ नहीं करूंगा, ताकि यह मेरी आज्ञा का पालन करने की आदर्श मशीन की तरह काम कर सके।
  • सिर्फ आज के लिए मैं अपने मस्तिष्क को सशक्त बनाने की कोशिश करूंगा। मैं कुछ उपयोगी चीजें सीखूंगा। मैं मानसिक रूप से आलसी नहीं बनूंगा। मैं कुछ ऐसा पढ़ूंगा, जिसमें विचार, प्रयास और एकाग्रता की आवश्यकता हो।
  • सिर्फ आज के लिए मैं अपनी आत्मा को तीन तरह से व्यायाम कराऊंगा। मैं किसी की भलाई करूंगा और इस तरह करूंगा कि उसे मेरा नाम मालूम न पड़े। मैं विलियम जेम्स की सलाह पर चलते हुए सिर्फ अभ्यास के लिए कम से कम दो ऐसे काम करूंगा जिन्हें मैं नहीं करना चाहता।
  • सिर्फ आज के लिए मैं खुश रहूंगा। मैं जितना अच्छा दिख सकता हूँ, दिखूंगा, जितने अच्छे कपड़े पहन सकता हूँ, पहनूंगा, मीठी आवाज में बोलूंगा, शालीन व्यवहार करूंगा, जितनी तारीफ कर सकता हूं, करूंगा। मैं किसी की आलोचना नहीं करूंगा। मैं किसी की गलतियां नहीं निकालूंगा और न ही किसी पर हावी होने की कोशिश करूंगा।
  • सिर्फं आज के लिए मैं केवल इस दिन में जीने की कोशिश करूंगा और अपने पूरे जीवन की समस्याओं से मुकाबला करने की कोशिश नहीं करूंगा। मैं बारह घंटों के लिए ऐसे काम कर सकता हूं जिनसे मैं चमत्कृत हो जाऊंगा, अगर वे मुझे जीवन-भर करना पड़ें।
  • सिर्फ आज के लिए मैं एक योजना बनाऊंगा। मैं यह लिख लूंगा कि मैं हर घंटे में क्या करने वाला हूं। हो सकता है कि मैं इसका पूरी तरह से पालन न कर पाऊं, परंतु मेरे पास ये योजना होगी। इससे मेरे दो राक्षस दूर भाग जायेंगे : जल्दबाजी और अनिर्णय।
  • सिर्फ आज के लिए, मैं अपने लिए आधा घंटा निकालूंगा और शांति से बैठकर आराम (चिंतन-मनन) करूंगा। इस आधे घंटे में मैं कई बार ईश्वर के बारे में सोचूंगा ताकि मेरे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सकें।
  • सिर्फ आज के लिए मैं बिलकुल नहीं डरूंगा। मैं खुश रहूंगा। हर सुंदर चीज़ का आनंद लूंगा और यह विश्वास करूंगा कि मैं जिनसे प्रेम करता हूं, वे भी मुझसे प्रेम करते हैं।
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