Save electricity and money in the summer

गर्मी में करें बिजली और पैसे की बचत
गर्मी का मौसम प्रचंड रूप धारण कर गया है और दिन का तापमान अब बढ़ने लगा है। देश के कई क्षेत्रों में दिन का तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुंच गया है।

गर्मी बढ़ने का सीधा मतलब है कि पंखे, एसी और फ्रिज जैसे ज्यादा बिजली खपत करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ जाता है। आम तौर पर ठंड की तुलना में गर्मियों के मौसम में बिजली का बिल बढ़कर दो से तीन गुना तक ज्यादा हो जाता है। गर्मियों में बिजली के बिल को लेकर अधिकतर लोग परेशान रहते हैं।

यदि आप इस बढ़े हुए बिजली के बिल को कुछ कम करना चाहते हैं तो अभी से कुछ उपाय सोच सकते हैं,

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जिसे अपनाने से आपके बिजली का बिल 20 से 30 फीसदी तक कम हो सकता है।

एसी पर बिजली बिल:

गर्मियों में घर हो या दफ्तर एयर कंडीशनर चलाने में बिजली का खर्च सबसे ज्यादा होता है। यदि इसे सही तरीके से मैनेज कर लिया जाए तो अच्छी बचत हो सकती है। एसी चलाने से पहले उसकी सर्विसिंग जरूर करवा लें और फिल्टर को अच्छे से साफ कर दें या बदलवा दें। यदि घर में सात या आठ साल पुराना एसी है तो इसे बदल दें।

इनवर्टर बेस्ड एसी बिजली का बिल बचाने के लिए कारगर उपाय है। बीईई-5 स्टार रेटिंग वाले एसी का इस्तेमाल करें। आॅफ टाइमर का इस्तेमाल करें। इसे सुबह सो कर उठने के एक घंटे पहले का समय सेट कर सकते हैं।

एसी पर बचा सकते हैं 1500 रुपये:

यदि आप घर में 1.5 टन का एसी लगा रखा है और रोजाना औसतन आठ घंटे इसे चलाते हैं तो नॉर्मल एसी करीब 9 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करता है, वहीं यदि 5 स्टार रेटिंग का एसी हो तो यह लगभग सात यूनिट की खपत करेगा। यानी रोज दो यूनिट बिजली की बचत। यदि आप चार माह तक रोजाना 8 घंटे एसी चलाते हैं तो 240 यूनिट की बचत होगी। यदि 6.25 रुपए प्रति यूनिट के ही हिसाब से इसे जोड़ा जाए तो 1500 रुपए सालाना बचत हो सकती है।

लाइट जलाने का खर्च हो जाएगा आधा:

गर्मी शुरू होने से पहले घर के पुराने बल्ब और ट्यूब लाइट की जगह सीएफएल या एलईडी लगा लें। पांच वॉट का एलईडी 20 वॉट के सीएफएल के बराबर रोशनी देता है। इसी तरह से 18 वॉट के सीएफएल की रोशनी 40 वॉट के ट्यूबलाइट के बराबर हो सकती है। यानी इन उपायों से आपके लाइट जलाने का खर्च आधा हो सकता है।

पंखा:

लाइट तो केवल रात में जलाते हैं लेकिन गर्मियों में पूरे दिन पंखा चलाना पड़ता है। इससे बिजली के बिल पर बड़ा असर होता है। एक नॉर्मल पंखा 75 वॉट प्रति घंटे खपत करता है। यदि औसतन आठ घंटे रोज पंखा चलाएं तो एक पंखे का खर्च 1000 रुपये सालाना के करीब हो सकता है। यदि बीईई-रेटेड पंखा इस्तेमाल करें तो यह खर्च 700 से 750 रुपये के बीच होगा। सुपर एफिसिएंट पंखा हो तो यह खर्च 500 रुपये के करीब होगा।

सही फ्रिज का करें चयन, इतनी होगी बचत:

कुल बिजली के खपत का करीब 15 फीसदी अकेले फ्रिज में खपत होता है। यह ज्यादातर घरों में हर समय आॅन रहता है। आप अपने फ्रिज को पावर एफिसिएंट बना सकते हैं। सबसे पहले तो इसकी प्लेसिंग सही होनी चाहिए और दीवार और फ्रिज के बीच में दो इंच का गैप रखें। एयर सकुर्लेशन की वजह से इसे फंक्शन के लिए कुछ कम पावर की जरूरत होती है। यदि फ्रिज बदलने की सोच रहे हैं तो बीईई-रेटेड फ्रिज लें।

सालाना बचत:

पुराना 260 लीटर का फ्रिज रोज करीब 3.5 यूनिट बिजली खपत कर सकता है, जबकि इसी साइज का बीईई पांच स्टार रेटिंग वाले फ्रिज पर रोज दो यूनिट बिजली की खपत होगी। यानी फ्रिज बदल कर हर साल 540 यूनिट बिजली की खपत कम की जा सकती है। यानी सालाना 3000 रुपये बचा सकते हैं।

डेस्कटॉप की जगह लैपटॉप:

घर में डेस्कटॉप की जगह लैपटॉप का इस्तेमाल करें। सामान्य तरीके से चलाने पर डेस्कटॉप का सालाना खर्च 4000 रुपये के करीब आ सकता है, जबकि लैपटॉप पर यह खर्च 1200 से 1500 रुपये के करीब होगा। इस तरह से आप 2500 रुपये सालाना बचा सकते हैं।

कूलर:

इनवर्टर टेक्नोलॉजी पर आधारित अच्छी कंपनी का कूलर खरीदें। यह बाजार में सामान्य मिलने वाले कूलरों की तुलना में 50 फीसदी बिजली की कम खपत करेगा, जहां सामान्य 200 वॉट की मोटर वाले कूलर रोज 12 घंटे चलाया जाए तो महीने भर में करीब 100 यूनिट बिजली की खपत करता है, लेकिन यदि इसकी जगह आधुनिक तकनीक का कूलर इस्तेमाल हो तो मंथली करीब 60 यूनिट ही खपत होगा।

उपकरणों पर अपनी निर्भरता को कम करें:

पुराने जमाने में लोगों को अपने घरों को चलाने के लिए बड़े उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ती थी। अलग तरीकों को अजमाएं और केवल उन्हीं उपकरणों का उपयोग करें जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है। अधिकांश लोग अपने कपड़ों को जरूरत से ज्यादा धोते हैं।

प्रत्येक सप्ताह, कपड़ों की संख्या को कम करने की कोशिश करें। पिछवाड़े का आंगन में एक कपड़े सुखाने की रस्सी लगाएं और ड्रायर का उपयोग करने के बजाय उस रस्सी के प्रयोग से कपड़े सुखाएं। डिशवाशर का उपयोग करने के बजाय, बर्तनों को अपने हाथों से धोएं। बेकिंग को सप्ताह में केवल एक दिन के लिए सीमित करें, और कई व्यंजनों को उसी वक्त बनाएं। इस तरह से आपको ओवन को बार बार गर्म नहीं करना होगा। ऐसे छोटे उपकरणों से छुटकारा पाएं जिनकी आपको वास्तव में जरूरत नहीं है, जैसे कि प्लग इन एयर फ्रेशनर। इसके बजाय खिड़कियां खोलें!

अक्षय ऊर्जा का प्रयोग करें:

एक ऐसी कंपनी से ऊर्जा लें जो अक्षय ऊर्जा का उपयोग करती है, जैसे कि और पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा। यह सेवा प्रदान करने वाली कई कंपनियां छोटी हैं, इसलिए आपको उन्हें खोजना पड़ सकता है। शुरूआत में यह परिवर्तन करना महंगा हो सकता है, लेकिन आप समय के साथ पैसे बचा सकते हैं।

नेचुरल लाइट को यूज करें:

अपने पर्दे खोलें और सूरज की रोशनी को अंदर आने दें। जब भी हो सके तो अर्टिफिशियल लाइट पर निर्भर होने के बजाय यदि नेचुरल लाइट का उपयोग किया जाए, तो आप प्रतिदिन बिजली की खपत को कम कर सकते हैं। आप ऐसा हर जगह कर सकते हैं, फिर चाहे आप अपने आॅफिस में हों या अपने घर में हों। नेचुरल लाइट के संपर्क में आने से खुशी भी बढ़ती है, जिससे आपको पर्दे खोलने के लिए और भी ज्यादा प्रेरणा मिलेगी।

अपने काम करने की जगह कुछ इस तरह से व्यवस्थित करें कि आपके डेस्क पर अधिकतम नेचुरल लाइट आ सके। जब भी संभव हो, तब बत्ती को बंद रखें। यदि आपको अतिरिक्त प्रकाश की जरूरत हो, तो एक कम उर्जा वाले टेबल लैम्प का उपयोग करें। हल्के रंग के पर्दे खरीदें। उनसे कमरे में प्रकाश आ सकेगा और आवश्यकता पड़ने पर वे प्राइवेसी भी देंगे ।

बिजली बचत के कुछ अन्य टिप्स:

  • मिक्सर, टीवी, डीवीडी आदि इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट का प्रयोग करने के बाद पावर स्विच आॅफ कर दें।
  • घर से बाहर जाने से पहले लाइट-फैन-गीजर आदि के स्विच, गैस का नॉब और पानी का नल जरूर चेक करें।
  • शैंडेलियर, लैंप आदि का प्रयोग केवल खास ओकेजन पर ही करें।
  • प्रेस करते समय कपड़े बहुत अधिक गीले न करें।
  • गीले कपड़ों पर इस्त्री न करें। इससे भी ऊर्जा की खपत अधिक होती है।
  • कंप्यूटर पर काम करने के बाद पावर स्विच को आॅफ कर दें, क्योंकि फ्रिज की तुलना में कंप्यूटर में बिजली की खपत ज्यादा होती है।
  • कंप्यूटर पर काम करते हुए यदि बीच में ब्रेक ले रहे हैं, तो मॉनिटर को आॅफ कर दें।
  • कंप्यूटर को स्लीप मोड में रखने की बजाय शट-डाउन कर दें।
  • डिजिटल कैमरा, सेलफोन, मोबाइल और लैपटॉप की बैटरी चार्ज करने के बाद स्विच आॅफ कर दें।
  • आॅर्डिनरी शावरहेड में पानी की अधिक खपत होती है। इसलिए आॅर्डिनरी शावरहेड की जगह वॉटर सेविंग शावरहेड लगाएं। इससे पानी और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।

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