कोरोना कॉल में आॅनलाइन शिक्षा: बच्चों को लिखने की आदत डालें
पिछले साल से बच्चे आॅनलाइन पढ़ाई ही कर रहे हैं। कहीं-कहीं एग्जाम आॅनलाइन, तो कहीं पहले की तरह हो रहे हैं। कुल मिलाकर कोरोना के कारण शिक्षा डांवाडोल चल रही है। तो आॅनलाइन पढ़ाई का महत्व बढ़ रहा है। पिछले सत्र में बच्चे पूरे साल स्कूल तो गए ही नहीं।
उन्होंने सारे एग्जाम घर पर ही बिना लिखे दिए हैं। इन सबका कई चीजों पर असर हुआ है और इन्हीं में से एक है लिखने की आदत। बच्चों की लिखने की आदत कम हुई है।
अब जब वो स्कूल जाएंगे तो सबसे बड़ी समस्या यही लिखने की ही रही है। मोबाइल व इंटरनेट के शौक पड़ने के बाद बच्चों को लिखने में बहुत दिक्कत हो रही है। बच्चों को स्कूल में दिए जाने वाले होमवर्क में हो सकता है कि आपको खूब परेशान कर लें। हां, ये बात भी सही है कि बच्चों ने पिछले साल होमवर्क तो किया है लेकिन इस पर भी उतना दबाव नहीं रहा। यदि आपके बच्चे की भी लिखने की आदत खराब हो गई तो उनकी ये आदत आप इस तरीकों से सुधार सकते हैं।
Table of Contents
लिखना क्यों है जरूरी
यह हम सब जानते हैं कि कोई भी लिखी हुई बात ज्यादा समय तक हमारे दिमाग में रहती है। इसको ऐसे समझिए कि बड़े होने के बाद भी हम कई बातें इसलिए लिखते हैं कि समय रहने पर याद रह सके। या फिर कई दफा घरेलू खर्चों का हिसाब भी घरों में लिखते हैं, तो आपको आगे के महीनों के खर्चों से तुलना में मदद मिलती है। कुल-मिलाकर लिखने के फायदे हर उम्र में मिलते जाते हैं। छोटी उम्र हो या बड़ी लिखना हमेशा लाभदायक होता है।
आॅनलाइन एग्जाम हैं तो क्या…
बच्चों के आॅनलाइन एग्जाम हो रहे हैं तो ज्यादातर माता पिता पहले की तरह कोर्स याद करने के बाद लिखा कर नहीं देखते हैं। जबकि ये आदत ही सबसे बड़ी दिक्कत है। बच्चे इसी आदत के चलते लिखने को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। उन्हें भी अब लिखना बेकार का काम लगने लगा है। उनको कोर्स याद हो जाना ही काफी लगता है। जबकि लिख कर देखने से याद किया हुआ मन में पक्का तो हो ही जाता है। इस तरह से कई सारे शब्द लिखने की प्रैक्टिस भी हो जाती है। मगर ये प्रैक्टिस आजकल छूटी हुई है।
लिखवा कर देखें
बच्चे की क्योंकि लिखने की आदत छूट गई है इसलिए ये जरूरी है कि उनको ज्यादा से ज्यादा लिखने का काम दिया जाए। उन्हें समझाया जाए कि याद करने से काम नहीं चलेगा। लिखने की प्रैक्टिस के लिए सबसे पहले तो रोज नियम से होमवर्क मिलना चाहिए। अब एग्जाम के समय स्कूल से तो होमवर्क मिलेगा नहीं।
इसलिए आप खुद ऐसा कीजिए। बच्चे को आप होमवर्क जरूर दीजिए। बच्चा शुरू में आनाकानी करेगा लेकिन आप उससे पूरा ना सही थोड़ा ही होमवर्क करने को कहिए। धीरे-धीरे उसकी लिखने की आदत वापस हो जाएगी। इसके अलावा जब भी कुछ नया याद कराएं तो उसे लिखने के लिए जरूर कहें। वो लिखेगा तो याद किया हुआ और अच्छे से याद होगा।
आॅनलाइन है तो क्या…
आप लिखने की आदत सुधारने के लिए ये भी कर सकती हैं कि बच्चे से आॅनलाइन पेपर पहले लिखवा कर देख लें। आॅनलाइन पेपर में भी 1 से डेढ़ घंटे का समय मिलता ही है। अब इतने समय में सारे विषय न सही लेकिन कुछ विषयों के सवालों को लिखवाकर भी देखा जा सकता है। आप सवाल पूछ लीजिए और वो लिख कर दिखा दे। फिर आप आॅनलाइन जवाब दे दीजिए। इस तरह से उसे भी असली पेपर वाला अहसास होगा। वो पेपर की तैयारी भी ऐसे करेंगे जैसे उन्हें आॅफलाइन पेपर देना हो।
ड्राइंग बनाओ और लिखो
बच्चे अक्सर ही ड्राइंग बनाते हैं। आप बच्चों से अपनी ड्राइंग के बारे में सबकुछ डिटेल में बताने हो कहें। बस शर्त ये होगी कि उन्हें सबकुछ लिख कर बताना होगा। जैसे की पेंटिंग में ‘एक बच्चा है, वो आइसक्रीम खा रहा है’ आदि। जब वो लिखेगा तो उसे भी कुछ दिन बाद ही सही लेकिन लिखना अच्छा जरूर लगेगा।
उसको ये एक्टिविटी भी इतनी अच्छी लगेगी कि हो सकता है वो आप से खुद ही आगे आकर इसे रोज करने की जिद्द करने लगे। इसके दो फायदे होंगे बच्चे की ड्राइंग भी अच्छी होगी, राइटिंग अच्छी होगी। इन सबके बीच बच्चे की लिखने की आदत भी पक्की हो जाएगी। वो लिखने में मजा ढूंढने लगेगा। फिर कई बार बिना कहे भी आपको लिख कर दिखाया करेगा।
खुद भी लिखें
बच्चा माता-पिता में अपने आदर्श तलाशता है। ऐसे में अगर बच्चों को लिखने की आदत डालनी है तो सबसे पहले खुद भी कई सारे काम पहले की तरह लिखकर ही करें। हर काम के लिए मोबाइल ना तलाशें। महीने का हिसाब-किताब जो अब मोबाइल पर किया करती थीं कम से कम वो काम तो लिख कर ही कीजिए। इस तरह से बच्चों से ये भी कहने के लिए होगा कि देखो मैं भी तो लिख रही हूं। लिखना अच्छी बात होती है, ये बच्चे को समझ आ जाएगा। वो लिखने के लिए मोटिवेट होगा और लिखने की कोशिश भी खूब करेगा।