Pain in legs and back.. do you have 'driver foot'?

पैरों और कमर में दर्द.. कहीं आपको ‘ड्राइवर्स फुट’ तो नहीं

आॅफिस से लौटने के बाद कमजोरी, पैरों और कमर में दर्द शहरी युवाओं में आम बात हो गई है। अच्छा और संतुलित भोजन, वर्कआउट होने के बाद भी आखिर ऐसा क्यों होता है। लोगों को लगता है कि उनके शरीर में विटामिन डी या फिर बी-12 की कमी हो गई। ऐसे में बिना डॉक्टरी परामर्श के लोग सप्लीमेंट्स लेने लग जाते हैं, इस बात से अनजान कि असल समस्या कुछ और ही है। ऐसे में जब डॉक्टर को दिखाने जाते हैं तो पता चलता है कि उन्हें ‘ड्राइवर्स फुट’ है। अब आप भी यही सोच रहे होंगे कि यह तो पहली बार सुना है। जी हां, यह समस्या उन लोगों को होती है जो ज्यादा ड्राईविंग करते हैं।

क्या है ड्राइवर्स फुट:

यह पैरों के दर्द की एक सामान्य समस्या है, जो ज्यादातर ड्राइवरों को हो जाती है। आमतौर पर दर्द पैर की एड़ियों में महसूस होता है। पैर के अंगूठे में भी तेज दर्द होता है, फुट की आर्च में भी सूजन आ जाती है और फुट के अंगूठे की बाल में भी लगातार दर्द होता है, क्योंकि यह हिस्सा लगातार एक्सिलेटर पर रहता है। ट्रैफिक जाम इस दर्द को ज्यादा बढ़ा देता है, क्योंकि इस दौरान लंबे समय तक पैर एक ही हालत में रहता है।

ये हैं लक्षण:

फुट की बाल में दर्द होना:

पैर का वह भाग, जो पैडल से टच होता है, उसमें सबसे ज्यादा दर्द होता है। निरंतर पैडल को दबाने से दर्द और बढ़ जाता है, जिसके चलते पैरों की उंगलियों पर खरोंचें आ जाती हैं और हड्डियों में तेज दर्द होता है।

एड़ियों में दर्द होना:

ड्राइविंग करते समय हमेशा एड़ियां गाड़ी के फर्श पर होती हैं, इससे उनमें खरोंच आ सकती है और दर्द हो सकता है। ब्रेक लगाने, एक्सिलेटर दबाने वगैरह से यह दर्द और बढ़ सकता है।

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पैरों के अगले हिस्से में दर्द होना:

ज्यादा ट्रैफिक में लंबे समय तक पैडल को दबाने से पैरों में तनाव हो सकता है। इससे पंजों के आगे के हिस्से में दर्द हो सकता है। हालांकि, यह दर्द तुरंत गायब हो जाता है, लेकिन जो लोग रोजाना लंबी दूरी तक ड्राइविंग करते हैं या पेशेवर ड्राइवर हैं, उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर समय रहते इलाज न कराया जाए, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

फुट की आर्च में सूजन हो जाना:

आमतौर पर जिन लोगों को इस तरह की समस्या होती है, उन्हें एड़ी और फुट की आर्च में तेज दर्द होता है. लंबे समय तक ड्राइव करने के बाद जब गाड़ी से उतरते हैं, तब यह दर्द और ज्यादा बढ़ जाता है।

उपचार:

  • इस दर्द से आराम पाने के लिए सब से पहला जरूरी और आसान उपाय है कि स्ट्रैचिंग और एक्सरसाइज करें।
  • लंबी ड्राइव से बचें।
  • ज्यादा भारी सामान उठाने से तुरंत आराम मिल जाता है।
  • शरीर के प्रभावित क्षेत्र पर दिन में कई बार 20-30 मिनट तक बर्फ लगाएं।
  • साथ ही प्लांटर फैशिया और एचिलिस टेंडन को स्ट्रैच करने के लिए एक्सरसाइज करें। इस से न केवल आप को आराम मिलेगा, बल्कि दोबारा यह समस्या होने का डर भी कम हो जाएगा।
  • शुरूआती दौर में हील पैड्स के साथ सूजन कम करने वाली दवाएं ही काफी रहती हैं।
  • बहुत ही कम मामलों में सर्जरी की जरूरत होती है। यदि समय के साथ हालात गंभीर हो जाते हैं और अगर दवाओं से भी इलाज न हो पाए, तो डाक्टर सर्जरी करने की सलाह भी दे सकते हैं।

ऐसे करें रोकथाम:

  • यदि आप लंबे समय से ड्राइविंग कर रहे हैं, तो ऐंठन से बचने के लिए तुरंत ड्राइविंग बंद कर दें।
  • अपने पैरों के खून के बहाव को ठीक करने के लिए मसाज करें और हलके हाथ से रगड़ें। इस से मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और ऐंठन कम हो जाएगी।
  • हमेशा आरामदायक जूते पहनें, जो आप के पैरों में अच्छी तरह फिट हों।
  • मांसपेशियों में लगातार ऐंठन, शरीर में विटामिन और इलैक्ट्रोलाइट की कमी से भी यह समस्या हो सकती है। सही मात्रा में ऐसी तरल चीजों का सेवन करें, जिन में पोटैशियम और मैग्नीशियम ज्यादा मात्रा में हो।

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