सतगुरु प्रत्येक क्षण अपने शिष्य की सम्भाल करता है
सतगुरु प्रत्येक क्षण अपने शिष्य की सम्भाल करता है
पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम
सत्संगियों के अनुभव
प्रेमी चरण दास पुत्र श्री गंगा सिंह गांव कबरवाला तहि. मलोट जिला श्री मुक्तसर साहिब हाल आबाद...
आत्मविश्वास रखें और कमियां स्वीकारें
आत्मविश्वास रखें और कमियां स्वीकारें
जीवन में सफलता के पीछे हर कोई भागता है, मगर सफलता उसी शख्स के पीछे दौड़ती है, जो खुद पर अटूट विश्वास और हर तूफान से भिड़ जाने का दम...
‘मेरे सतगुर, तेरी याद से है रोशन सारा जहां’ याद-ए-मुर्शिद परम पिता शाह सतनाम...
पावन स्मृति विशेष Yaad-e-Murshid
याद-ए-मुर्शिद परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ‘मेरे सतगुर, तेरी याद से है रोशन सारा जहां’
13,14,15 दिसम्बर पूज्य परम पिता जी को समर्पित
डेरा सच्चा सौदा में साध-संगत मौजूदा पूज्य गुरु संत...
याद में गुज़रे पल जो…
याद-ए-मुर्शिद Yaad-e-Murshid
रूहानियत के सच्चे रहबर, महान परोपकारी, दु:खी-गरीबों के मसीहा व महान विश्व समाज सुधारक परम पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज का समूचा जीवन मानवता हित में समर्पित रहा है। डेरा...
‘तू डायरी में लिख, 2 दिसंबर 1992, सवेरे 8 बजे…!’ -सत्संगियों के अनुभव
‘तू डायरी में लिख, 2 दिसंबर 1992, सवेरे 8 बजे...!’ -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार रहमत
प्रेमी हरी चंद इन्सां पुत्र श्री भगवान दास गांव बप्पां जिला सरसा से...
पुस्तकों से संभव है चिकित्सा व दीर्घायु
पुस्तकों से संभव है चिकित्सा व दीर्घायु
स्वस्थ व रोगमुक्त रहने के लिए व्यक्ति क्या कुछ नहीं करता है? इसके लिए उसने कैसी-कैसी विधियाँ खोज डाली हैं यह सुनकर आश्चर्य भी होता हे और हँसी...
रूह-ए-सरताज ले लिया अवतार जी :15 अगस्त विशेष
रूह-ए-सरताज ले लिया अवतार जी :15 अगस्त विशेष
महापुरुषों की पवित्र वाणी में दर्ज है कि परमपिता परमात्मा अपना हर कार्य अपने अवतार संत-महापुरुषों के रूप में करता है। ‘संतां हत्थ सौंपी पूंजी’। चाहे कोई माने या न...
Solved Difficulties: कर दी सब मुश्किलें हल
सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
बहन दविंदर कौर इन्सां पत्नी प्रेमी जसवीर सिंह इन्सां पुत्र प्रेमी जीवन राम इन्सां, निवासी गांव बनूड़, तहसील राजपुरा,...
मेरा सतगुरु ‘मोया राम’ नहीं, वो ‘जिंदाराम’ है
फरवरी 1960 में मेरी शादी हुई। जब शादी हुई तो मेरे पति बीमार थे। वह इतने बीमार थे कि कुछ खाते-पीते नहीं थे। हर कोई कहता था कि ये बचेंगे नहीं, चोला छोड़ेंगे। उन दिनों में बेपरवाह मस्ताना जी महाराज डेरा सच्चा सौदा रानियां में पधारे हुए थे।
प्रचण्ड आग से सुरक्षित निकाला
सत्संगियों के अनुभव - पूज्य परम पिता जी की रहमत प्रचण्ड आग से सुरक्षित निकाला
प्रेमी दारा खान इन्सां निवासी न्यू गुरु अर्जनदेव जी कालोनी भोगल रोड राजपुरा टाऊन जिला पटियाला (पंजाब)।
प्रेमी जी लिखित में...