हवाई जहाजों का रंग सफेद ही क्यों होता है
हवाई जहाजों का रंग सफेद ही क्यों होता है
हवाई जहाज में सफर करना हर किसी का सपना होता है। उसमें बैठ कर हजारों मील ऊपर हवा से नीचे देखने का मजा ही कुछ और...
शाह मस्ताना पिता प्यारा जी… याद-ए-मुर्शिद 62वां पावन स्मृति (18 अप्रैल) विशेष
शाह मस्ताना पिता प्यारा जी... याद-ए-मुर्शिद 62वां पावन स्मृति (18 अप्रैल) विशेष
रूहानियत के बादशाह पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के परोपकारों की गणना सूर्य को दीपक दिखाने के मानिंद है। संत परोपकारी होते...
अनाथ मातृ-पितृ सेवा मुहिम: बहन हनीप्रीत इन्सां ने बुजुर्गों की सेवा कर मनाया मदर्स-डे
अनाथ मातृ-पितृ सेवा मुहिम: बहन हनीप्रीत इन्सां ने बुजुर्गों की सेवा कर मनाया मदर्स-डे
पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से डेरा सच्चा सौदा द्वारा समाज में 139...
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
वाणी पर संयम बहुत जरूरी है। शायद इसीलिए कहा भी गया है, ‘कम बोल अच्छा बोल’। बंदूक से निकली गोली वापस नहीं होती, ठीक उसी तरह मुख से निकली...
Badhti Jansankhya: बढ़ती जनसंख्या एक चुनौती
Badhti Jansankhya Par Nibandh: हमारे यहां अक्सर बच्चों को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है, लेकिन यह सौगात गर यूं ही मिलती रही तो भारत जनसंख्या के मामले में दुनियाभर का पहला राष्टÑ बनते...
सतगुरु जी की रहमत से ही पुत्र की दात प्राप्त हुई -सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी की रहमत से ही पुत्र की दात प्राप्त हुई -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रहमो-करम
प्रेमी रण सिंह इन्सां सुपुत्र श्री राम लाल इन्सां...
सतगुरु जी ने बख्शी अपनी अपार रहमतें -सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी ने बख्शी अपनी अपार रहमतें -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार कृपा
एसडीओ श्री करम सिंह जी इन्सां पुत्र स. जलौर सिंह जी, निवासी गांव नानकसर जिला फरीदकोट...
पूज्य डॉ. एमएसजी हजूर पिता जी की दया-मेहर,‘‘खुशियां तो बहुत आती हैं, पर…।’’
पूज्य डॉ. एमएसजी हजूर पिता जी की दया-मेहर,‘‘खुशियां तो बहुत आती हैं, पर...।’’
सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी की अपार रहमत का उपरोक्त अनुसार वर्णन 29 अप्रैल 2008 का है। बहन आशा इन्सां पत्नी प्रेमी प्रताप...
‘तू ज्योंदा ही मत्थे लग गया…’ -सत्संगियों के अनुभव
‘तू ज्योंदा ही मत्थे लग गया...’ -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज की दया-मेहर
प्रेमी शगुन लाल इन्सां पुत्र सचखण्डवासी श्री पाली राम जी, निवासी श्री गंगानगर (राज.) से पूजनीय बेपरवाह सार्इं...
अपनी जड़ों से जुड़े रहिए
अपनी जड़ों से जुड़े रहिए
मनुष्य अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में विश्व के किसी भी देश में रहे परन्तु उसे उसके संस्कार अपनी जड़ों से दूरी नहीं बनाने देते। उनके संस्कार, उनकी सांस्कृतिक विरासत उसे...