दिल कहेगा ‘हैप्पी-हैप्पी’ आपका दिल (हृदय) एक मिनट में लगभग 70 बार धड़कता है। यह करीब 4 लीटर रक्त को पंप करके शरीर के सभी अंगों में आॅक्सीजन और पोषक तत्व सप्लाई करता है, जो स्वस्थ तन के लिए अति आवश्यक है। यानि दिल का स्वस्थ रहना ही आपके शरीर की तंदुरूस्ती का असल राज है।
डेरा सच्चा सौदा हमेशा से प्रयासरत रहा है कि लोगों का दिमाग ही नहीं, दिल का मिजाज भी हमेशा तंदुरुस्त रहे। इसके लिए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा हृदय संबंधी बीमारियों को लेकर लगातार जागरुकता कैंप लगा रहा है। यही नहीं, डेरा सच्चा सौदा द्वारा दिल के आकार में निर्मित शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सरसा में किफायती दरों पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
खास बात यह भी है कि इस अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हरियाणा की नवीनतम कैथ लैब एवं इको कॉर्डियोग्राफी मशीन की सुविधा शुरू हो गई है। यहांं हृदय रोग में स्टेंट आदि डालने के लिए प्रख्यात फिलिप्स कंपनी की नवीनतम टेक्नोलॉजी वाली अजूरियन 5 सी 12 मशीन स्थापित की गई है। वहीं हृदय रोग की जांच के लिए ई.पी.आई. क्यू. सी.वी. एक्स.आई. मशीन की सुविधा भी उपलब्ध है। New Heart Machine
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हृदय रोगों (सीवीडी) से होने वाली मौतें दुनिया भर में मौतों का प्रमुख कारण हैं। यह आंकड़ा दुनिया-भर में 1990 में 1.21 करोड़ से बढ़कर 2021 में 2.05 करोड़ हो गया है। जबकि दुनियाभर में 50 करोड़ से अधिक लोग हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया 2010 की तुलना में 2025 तक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से समयपूर्व मृत्यु दर को 25 फीसदी तक कम करना बड़ा चुनौतीपूर्ण है। खासकर भारत में एक बड़ी चिंता यह है कि दुनिया के इस हिस्से में लोगों को कम उम्र में दिल की बीमारी हो रही हैं। मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन ये सभी इसके पीछे के कारण हैं। रिपोर्ट में माना गया है कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारी पूरी दुनिया में, खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में उत्पन्न होती है। 80 फीसदी तक समय से पहले दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोका जा सकता है।
दरअसल, हृदय में 4 वाल्व होते हैं जो रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। ये वाल्व रक्त को एक कक्ष से बाहर निकालने के लिए और अगले कक्ष में या रक्त वाहिका में जाने देने के लिए खुलते हैं। वाल्व रक्त को पीछे की ओर बहकर गलत कक्ष में जाने से रोकने के लिए बंद होते हैं।
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मरीजों के लिए वरदान है शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल
पूरी दुनिया की आस्था का केंद्र डेरा सच्चा सौदा में पहुंचने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल, सरसा एक वरदान साबित हो रहा है। यहां उच्च स्तरीय कैथ लैब एवं इको कार्डियोग्राफी मशीन की सुविधा शुरू होना हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए राहतभरी खबर है। यहां प्रख्यात फिलिप्स कंपनी की नवीनतम टेक्नोलॉजी वाली अजूरियन 5 सी 12 मशीन यहां पर स्थापित की गई है, जो हृदय रोग के दौरान ब्लॉकेज की समस्या के बाद स्टेंट डालने जैसी बेहतर सुविधा उपलब्ध हो रही।
शाह सतनाम जी स्पैशलिटी अस्पताल के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजी डॉ. अवतार सिंह कलेर (एम.डी., डी.एम.) ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अजूरियन 5 सी 12 मशीन में एडवांस फीचर हैं जो सिर से लेकर पैर तक पतली एवं बारीक नसों की भी गहनता से जांच करने में सक्षम है। यह सीलिंग माउंटेड मशीन है जो छत से जुड़ी हुई है। इससे पूरे शरीर की जांच करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसमें रेडिएशन सेफ्टी अव्वल श्रेणी की है। इस मशीन में रोड मैप की सुविधा अत्याधुनिक है, जिसको ‘कोर्डिनरी रोड मैप’ कहा जाता है। इससे मरीज की नाड़ी में खून के बहाव को आसानी से जांचा जा सकता है, तथा नसों में आ रही रूकावट कैसी है तथा कहां है, उसको आसानी से परखा जा सकता है।
मशीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मूल समस्या को परखने में सक्षम है, जिससे चिकित्सक को बार-बार मरीज को डाई देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। क्योंकि बार-बार डाई देने से किडनी पर विपरीत असर पड़ता है, इसलिए यह मशीन दूसरी मशीनों से अलग और बेहतर है। डॉ. कलेर ने खर्च संबंधी धारणा पर भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कई बार होता है कि मशीन नवीनतम है तो इलाज पर उसका खर्च अधिक होगा, ऐसा यहां बिल्कुल भी नहीं है। इस अस्पताल का इतिहास रहा है कि यहां उपचार के जो चार्जेज लिए जाते हैं वो दूसरों के मुकाबले बहुत कम होते हैं। बता दें कि इस अस्पताल में अजूरियन 5 सी 12 मशीन के अलावा हृदय संबंधी रोगों की जांच के लिए ई.पी.आई. क्यू. सी.वी. एक्स.आई. मशीन भी लगाई गई हैै। जिस पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
क्या है स्टेंट?
कोरोनरी हृदय रोग से पीड़ित लोगों में कोरोनरी धमनियां वसायुक्त जमाव से अवरुद्ध हो जाती हैं, जिन्हें प्लाक कहा जाता है। स्टेंट एक छोटी धातु की नली होती है जो धमनी (रक्त वाहिका) को खोलने में मदद करती है। ज्यादातर स्टेंट पर एक दवा लगी होती है जो धमनी को संकरा होने या फिर से अवरुद्ध होने से बचाने में मदद करती है।
नियमित अभ्यास और संतुलित खुराक जरूरी
प्रसिद्ध कार्डियोलॉजी डॉ. अवतार सिंह कलेर ने बताया कि हार्ट यानि दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है जो एक पंप के रूप में कार्य करता है, जो पूरे शरीर में खून और आॅक्सीजन पहुंचाता है। अगर दिल ठीक से कार्य नहीं करता, तो हमारा शरीर भी सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाएगा। इसलिए दिल की सेहत पर ध्यान देना आवश्यक है। हालांकि गलत लाइफस्टाइल और बिगड़ते खानपान के चलते आज हृदय रोगों का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि हृदय रोगों का खतरा पहले बड़ी आयु के लोगों को माना जाता था, लेकिन आजकल कम उम्र में भी हृदय रोग देखने को मिल रहे हैं।
आजकल, जीवन के 40 बसंत देखने से पूर्व ही बहुत से लोगों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जो हृदय रोग का कारण भी हो सकती हैं। यदि आपको हमेशा थकावट महसूस होती है, या फिर लगातार तनाव से परेशान हो और धड़कन अनियमित है तो यह इस बीमारी के शुरूआती लक्षण हैं। ऐसे में नियमित योग, संतुलित खान-पान और दिमाग को तरोताजा रखने के लिए अच्छी आदतों को अपनाकर आप दिल से जुड़ी बीमारियों से काफी हद तक खुद को बचा सकते हैं।
ध्यान रखें संतुलित आहार लें:
- हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद अपने आहार में शामिल करें।
- नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम रखें।
तनाव कम करें:
- नियमित सुमिरन (मेडिटेशन) एवं योग करें, जिससे मानसिक तनाव दूर होगा और शांति का अनुभव होगा। अच्छा संगीत सुनें और पूरी नींद लें। क्रोध करने से बचें।
धूम्रपान और शराब से बचें:-
- अगर आप धूम्रपान और मद्यपान (शराब का सेवन) करते है तो इसे तुरंत छोड़ दें। धूम्रपान एवं मद्यपान न केवल आपके दिल बल्कि आपके पूरे शरीर के लिए हानिकारक है।
नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं:
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं। अगर कोई समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार उपचार लें।