बीड़ी-सिगरेट और दूसरे तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाले जीवन से खिलवाड़ करते हैं। बाद में जमा-पूंजी को इलाज पर फूंक देते हैं। यह विश्व भर की समस्या है।
इसीलिए 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस ( World No-Tobacco Day ) मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इसके खतरे बताए जाते हैं। इस बार जागरूकता कार्यक्रम संभव नहीं है। लिहाजा सोशल मीडिया, फेसबुक लाइव, रेडियो/वीडियो प्रसारण, विज्ञापनों के जरिए धूम्रपान के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। एक सिगरेट व्यक्ति के जीवन के अमूल्य 11 मिनट का समय कम कर देती है।
स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल के सदस्य और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि युवा शुरू में दिखावे के चक्कर में सिगरेट या दूसरे तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में आते हैं। आदत हो जाने पर इससे छुटकारा पाना कठिन हो जाता है। विज्ञापनों और फिल्मी दृश्यों को देखकर युवाओं को लगता है कि सिगरेट पीने से उनका स्टेटस प्रदर्शित होगा। उनकी यही गलत सोच उन्हें धूम्रपान के अंधेरे कुएं में धकेल देती है। धूम्रपान करने या अन्य किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी आशंका रहती है।
इसमें मुंह और गले का कैंसर प्रमुख है। इसके अलावा इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है, जिससे संक्रामक बीमारियों का भी पूरा खतरा रहता है। धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक करीब 30 फीसद ही धुआं पहुंचता है, शेष बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुआं उन लोगों को प्रभावित करता है, जो धूम्रपान नहीं करते। यह (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और खतरनाक होती है।
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तम्बाकू से होने वाले रोग
- मुंह, गला, फेफड़े, कंठ, खाद्य नली, मूत्राशय, गुर्दा, पैनक्रियाज, सेरेविक्स कैंसर।
- तम्बाकू सेवन से ब्रोंकाइटिस व इम्फीसिया जैसी सांस में तकलीफ की समस्याएं होती हैं।
- हृदय व रक्त संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं। तम्बाकू के शौकीनों की जान अधिकतर हृदयाघात से जाती है।
- पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में जनन क्षमता में कमी व अन्य प्रजनन समस्याएं होती हैं।
- सांस में बदबू, मुंह-आंखों के आसपास झुर्रियां।
- घर में धूम्रपान से बच्चों को निमोनिया, श्वांस रोग, अस्थमा, फेफड़े की गति धीमी जैसे रोग।
इतने गुना बढ़ जाती आशंका
हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार
- फेफड़े कैंसर की आशंका 20-25 गुना ज्यादा।
- दिल का दौरा पड़ने का खतरा 2 से तीन गुना अधिक।
- अचानक मौत होने का खतरा 3 गुना अधिक।
- सामान्य व्यक्ति की तुलना में वह व्यक्ति 30 से 60 गुना अधिक बीमार रहता है।
धूम्रपान से होने वाले रोग
- फेफड़ों का कैंसर: सबसे अधिक असर मनुष्य के फेफड़ों पर पड़ता है। 90 प्रतिशत फेफड़ों का कैंसर पुरुषों में और 80 प्रतिशत महिलाओं में होता है।
- मुंह का कैंसर: भारत में कैंसर के मरीजों की कुल संख्या में 40 प्रतिशत मरीज मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं। इसका एकमात्र कारण धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन है।
- बर्जर डीजीज: अधिक धूम्रपान से पांव की नसों में बीमारी हो जाती है। कभी-कभी पांव काटना पड़ता है।
- हृदय रोग: धूम्रपान से उच्च रक्तचाप व कार्डियोवैस्कुलर रोग अधिक होते हैं। इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा 2 से तीन गुना अधिक, अचानक मौत होने का खतरा 3 गुना अधिक होता है। साथ ही सामान्य व्यक्ति की तुलना में व्यक्ति 30 से 60 गुना अधिक बीमार रहता है।
- मोतियाबिंद: धूम्रपान करने वालों में मोतियाबिंद होने की 40 प्रतिशत अधिक आशंका रहती है।
- बहरापन: धूम्रपान करने वाले की सुनने की शक्ति कम हो जाती है। बहरेपन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- पेट की बीमारी: पेट में छाले हो जाते हैं, स्मोकर्स अल्सर का इलाज कठिन है एवं ये छाले बार-बार होते हैं।
- हड्डियों के रोग: आस्टियोपोरोसिस होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। टूटने पर हड्डी जुड़ने में 80 प्रतिशत अधिक समय लगता है।
- चेहरे पर झुर्रियां: धूम्रपान करने वाले की त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है और व्यक्ति जल्दी बूढ़ा दिखने लगता है।
Tambaku Chhodne Ke Liye Upay: तम्बाकू छोड़ने में उपयोगी टिप्स
- आसपास से तम्बाकू की सभी चीजें हटा दें।
- एक दिन तय कर उस दिन प्रण कर लें कि भविष्य में बिल्कुल तम्बाकू का सेवन नहीं करूंगा।
- तम्बाकू छोड़ने के बाद शरीर के जहरीले व रासायनिक पदार्थों से मुक्त होने के अच्छे प्रभाव पर गौर करें।
- तलब लगे तो उसे थोड़ी देर के लिए भुला दें। धीरे-धीरे घूंट लेकर पानी पिएं, गहरी सांस लें व ध्यान हटाने के लिए दूसरा कार्य करें।
- सामान्य दिनचर्या बदलें, सुबह टहलने जाएं।
- ऐसी जगह न जाएं जहां तलब तेज हो।
- तम्बाकू की तलब घटाने के लिए सौंफ, मिश्री, लौंग या दालचीनी का प्रयोग करें।
- ऐसे दोस्तों के साथ रहें जो तम्बाकू सेवन से दूर रहने को प्रेरित करें।
- तम्बाकू सेवन न करने से होने वाली बचत को ध्यान कर अपने फैसले को मजबूत बनाएं।
- यदि तम्बाकू छोड़ देंगे तो लोग आपके नक्शे-कदम पर चलेंगे।
- भोजन में फल व ताजी हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें। पानी खूब पिएं।
तंबाकू का सेवन छोड़ने पर पहले तीन माह में फेफड़े मजबूत व साफ होने लगते हैं। ब्लड फ्लो में भी सुधार होता है। एक साल के अंदर दिल की बीमारी का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है। तंबाकू छोड़ने के 10 साल बाद लंग कैंसर से होने वाली मौत का आंकड़ा आधा रह जाता है। 15 साल में हृदय रोग होने की संभावना अब उतनी ही है, जितना की धूम्रपान नहीं करने वालों की होती है।
डॉ. रोहित स्वामी,
कैंसर रोग विशेषज्ञ, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर
तम्बाकू के घातक रसायन
- निकोटिन: कीड़े मारने में इस्तेमाल की जाने वाली दवा।
- अमोनिया: फर्श की सफाई में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ।
- आर्सेनिक: चींटी मारने वाला जहरीला पदार्थ।
- कार्बन मोनो आॅक्साइड: कार से निकलने वाली खतरनाक गैस।
- नेप्थालीन: इससे मोथबॉल्स बनाए जाते हैं।
- तारकोल: सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ।
- रेडियोएक्टिव पदार्थ: परमाणु हथियार में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ।
- हाइड्रोजन साइनाइड: गैस चैंबर में इस्तेमाल की जाने वाली जहरीली गैस।