आस्था हो तो ऐसी
जो टस से मस न हो सके
सच न कभी दबा है और न कभी दबेगा, न कभी झुका है और ना ही कभी झुकेगा। जैसे सूरज के प्रताप को सैकड़ों बादलों के झुंड भी छुपा नहीं सकते, उसी तरह सच रूपी सूरज का प्रकाश एक दिन अवश्य दुनिया के सामने आकर रहता है। दुनिया को सच का राह दिखाने वाले डेरा सच्चा सौदा को लेकर भी कई मिथ्या बातें चलाई गई, लोगों को भ्रमाया गया, डराया गया, लेकिन आस्था टस से मस न हुई। अपितु श्रद्धा का यह समुद्र और गहरा होता जा रहा है, जो दिन-ब-दिन पहले की अपेक्षा कई गुणा शक्ति से आध्यात्मिक एवं इन्सानियत की राह पर आगे बढ़ता ही जा रहा है।
करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए डेरा सच्चा सौदा आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है, जिसकी जीती-जागती तस्वीर 12 नवंबर को देखने को मिली। समय था, पूजनीय सार्इं शहनशाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस का। पाक-पवित्र मुकदस दिवस की इस पावन बेला पर शाह सतनाम जी धाम में नामचर्चा का आयोजन किया गया। कहने को यह बेशक नामचर्चा थी, लेकिन संगत का प्यार जिस कदर उमड़ा, उससे यह पावन दिवस स्वत: ही भंडारे का रूप ले गया। ऐसा लग रहा था मानो पूरी दुनियाभर से लोग सार्इं जी को सजदा करने पहुंचे हों।
हर तरफ संगत ही संगत नजर आ रही थी। शाही स्टेज से लेकर आश्रम के मुख्य द्वार तक पूरा पंडाल खचाखच था। मुख्यद्वार के सामने से गुजरते मुख्य मार्ग पर भी श्रद्धा का सैलाब इस कदर उमड़ा हुआ था मानो मानव सिरे की शृंखला बनाई गई हो। जहां तक नजर दौड़ रही थी संगत ही नजर आ रही थी। कहीं पर भी खाली जगह नजर नहीं रही थी। पूजनीय सार्इं बेपरवाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस की खुशी संगत नाच-गाकर भी मना रही थी। टैÑफिक पंडाल से संगत बड़े-बड़े समूह बनाकर भजन गाती हुई सत्संग पंडाल की ओर बढ़ रही थी।
कई बहनें तो अपने सिर पर जागो उठाकर चल रही थी, सार्इं जी को बर्थडे विश करने का उनका यह अनूठा अंदाज देखने वालों को खूब भा रहा था। पंजाबी बोलियां, व लोक गीतों के द्वारा महिलाएं पावन अवतार दिवस की सभी को बधाइयां दे रही थीं। ऐसी उमड़ती-घुमड़ती टोलियां के बीच बहुत ही सुंदर नजारा देखने को मिल रहा था। संगत के चेहरे पर भी एक अलग सी खुशी चमक रही थी। हर कोई एक-दूसरे को अवतार दिवस की मुबारकबाद दे रहा था। जैसे ही नामचर्चा की शुरूआत में ‘धन-धन सतगुरू तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगा, लाखों की संख्या में पहुंची साध-संगत ने एक सुर में सार्इं जी को सजदा किया। खास बात यह रही कि पावन अवतार दिवस का पूरा कार्यक्रम पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों पर केंद्रित रहा।
करीब पौने दो घंटे तक पूज्य गुरू जी ने रिकार्डिड वीडियो के माध्यम से साध-संगत को अपने अनमोल वचनों से निहाल किया। पूज्य गुरू जी ने जहां पूज्य सार्इं मस्ताना जी महाराज के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई, वहीं सार्इं जी के निराले खेलों का भी बेशुमार बखान किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में जब पूज्य गुरू जी के अलग-अलग दिलकश अंदाज साध-संगत को स्क्रीन पर देखने को मिले तो संगत ने तालियों की गड़गड़ाहट से आसमां गुंजायमान कर दिया और पवित्र नारा लगाकर पूज्य गुरू जी को इस पावन अवतार दिवस की बधाइयां दी। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की पावन मर्यादानुसार दिलजोड़ माला पहनाकर कुल का क्राउन की एक शादी समेत कुल 15 युगल विवाह बंधन में बंधे। साध-संगत को पावन दिवस की खुशी पर बंूदी का प्रसाद भी वितरित किया गया, जिसके उपरांत संगत ने गुरू का लंगर छक्क कर खुद को धन्य पाया।