tips to strength your financial position and manage expenses during this pandemic- Sachi Shiksha

कोरोना में बचत: भविष्य में न आए पैसे की कमी, जीवन रहे सुरक्षित
अभी पूरी दुनिया में इस बात को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है कि आने वाले समय में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। कोरोना महामारी के असर का अनुमान लगा पाना मुश्किल है। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट नहीं है कि वैश्विक समस्याओं की रिकवरी किस तरह होगी। आज के समय में लग्जरी चीजों की बजाय कई दूसरी आवश्यक बातों पर विचार करना अहम है। इसमें एक हमारी सुरक्षा के लिए वित्तीय स्वास्थ्य के बारे में भी जरूरी फैसला लेना है।

अधिकांश लोग महामारी के दौरान निवेश कैसे करना चाहिए, इस पर बात कर रहे हैं। कई लोग वेल्थ संबंधित परामर्श चाहते हैं। इसी तरह, अधिकांश निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो समायोजित करने का एक अहम समय है। यहां यह कहना चाहूंगा कि कोई नहीं जानता की बाजार की चाल कैसी रहेगी। वास्तव में, यदि कोई भविष्य को लेकर दावा करता है, तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास करना चाहिए। किसी के पास स्पष्टता नहीं है। आइए ऐसे कुछ जरूरी टिप्स को जानते हैं, जिनकी मदद से आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं, जिससे न्यूनतम वित्तीय नुकसान के साथ इस संकट से बाहर आ सकें।

पर्याप्त इमरजेंसी फंड को बनाएं

ऐसे संकट के समय में एक पर्याप्त इमरजेंसी फंड को बनाना सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अगर आपकी आय पर संकट आता है या कोई अप्रत्याशित मुश्किल जैसे मेडिकल या फैमिली इमरजेंसी की स्थिति में आपको इमरजेंसी सुरक्षा प्रदान करेगा। आप यह सुनिश्चित करें कि आपका इमरजेंसी फंड कम से कम 6 महीने के खर्च को पूरा करता हो।

बजट को देखते हुए खर्च करें

अपने जरूरी वित्तीय कामों को करने के लिए जैसे इमरजेंसी फंड बनाना, किराये का भुगतान, ईएमआई, इंश्योरेंस प्रीमियम आदि के लिए आपको सख्त खर्चों में कटौती के कदम उठाने की जरूरत है। लॉकडाउन ने कुछ खर्चों जैसे रोजाना सफर में कटौती की है, तो इससे आपकी बचत को बढ़ावा मिलना चाहिए, इसलिए अपने खर्चों में कटौती के लिए गैर-जरूरी खर्चों से बचें।

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस को भी प्राथमिकता दें

इस समय पर्याप्त इंश्योरेंस को सुनिश्चित करें। अगर आपके पास टर्म प्लान है, तो यह सुनिश्चित करें कि आप प्रीमियम का भुगतान समय पर करें जिससे कोई चूक नहीं हो। आपका लाइफ इंश्योरेंस प्लान आपकी असामयिक मौत पर आप पर निर्भर लोगों को मदद करेगा। इसी तरह अपने और परिवार वालों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्लान को सुनिश्चित करें जो कम से कम 5 लाख रुपये की कवरेज राशि के साथ हो। अगर आप आॅफिस द्वारा दिए गए प्लान पर निर्भर हैं, तो आप अलग से प्लान ले लें जिससे नौकरी खोने की स्थिति में कोई मुश्किल नहीं हो।

अपने जरूरी निवेश को न रोकें

निवेश आपके वित्तीय भविष्य की सुरक्षा करने के लिए जरूरी होता है। हालांकि, जीवन में कुछ लक्ष्य दूसरों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए अगर आप कैश की किसी कमी से जूझ रहे हों, तो यह कोशिश करें कि आप निवेश को रोके बिना मैनेज कर सकते हैं। कम महत्वपूर्ण निवेश या जो किसी वित्तीय लक्ष्य से सीधे संबंधित नहीं हैं, उन्हें कैश जमा करने के लिए कम किया जा सकता है। आप कुछ में ठहराव भी दे सकते हैं, उदाहरण के तौर पर म्यूचुअल फंड एसआईपी जब आप कैश की बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं और स्थिति के ठीक होने पर निवेश को दोबारा शुरू कर सकते हैं।

सावधानी के साथ लोन लें

इस समय में बहुत से लोग लोन लेने की सोच रहे हैं, लेकिन आप लोग तभी लें जब बहुत जरूरी है। दूसरे स्रोतों से कैश लेने की कोशिश करें जैसे इमरेंजसी फंड और गैर-जरूरी निवेश का लिक्विडेशन। इसके साथ जरूरत से ज्यादा लोन नहीं लें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास लोन का पुनर्भुगतान करने की क्षमता है। अगर आप अपने उधार को नहीं चुका पाते, तो आपकी स्थिति और खराब होगी।

क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करें

अक्सर क्रेडिट कार्डों को अनाप-शनाप खर्च के पीछे सबसे बड़ा कारण बताया जाता है। हालांकि, यही कार्ड कई तरह के बेनिफिट आॅफर करते हैं। शर्त यह है कि इन्हें सही से इस्तेमाल किया जाए। चूंकि अक्सर क्रेडिट साइकिल के अंत होने के 15 दिन बाद पेमेंट की बारी आती है, इसलिए हर खरीद के लिए करीब 15-45 दिनों का क्रेडिट पीरियड मिलता है। सही मायनों में क्रेडिट कार्ड आपको बैंक की तरफ से दी जाने वाली एक सुविधा है, जो पहले पैसे खर्च करने और बाद में उसे चुकाने की सुविधा देता है।

आप क्रेडिट कार्ड से आॅनलाइन या आॅफलाइन पेमेंट कर सकते हैं। अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाते तो आपको उस पर जुर्माना भरना पड़ता है। हर बिलिंग साइकिल के अंत में आपको बिल की न्यूनतम रकम जरूर चुकानी चाहिए। क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होने और खरीदारी करने के बीच कर्जमुक्त अवधि मिलती है। अगर आप समय से क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुका देते हैं तो आपको कोई पेनाल्टी नहीं देनी होती। आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होता जाता है। अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाते तो आप पर ब्याज की रकम जमा होती है। कई बार बकाया रकम और फाइनेंस चार्ज पर भी लेट पेमेंट लगता रहता है।

कई आॅफलाइन और आॅनलाइन शॉप्स खास तरह के कार्डों पर डिस्काउंट आॅफर करते हैं। हालांकि, इन आॅफर को पाने के लिए बेवजह की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट भी आॅफर करते हैं. इन पॉइंट को जुटाकर बाद में कोई प्रोडक्ट खरीदा जा सकता है।

टेलीकॉम बिल को कंट्रोल में रखें

बीते एक से दो साल में आपके टेलीकॉम बिल जरूर नीचे आए होंगे। टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा को इसका श्रेय दिया जा सकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो आपको इस पर अंकुश लगाने की निश्चित ही जरूरत है। संभव है कि आप अब भी बहुत पुराने प्लानों का इस्तेमाल कर रहे हों। वर्क फ्रॉम के चलते बिजली, टेलीफोन और इंटरनेट का खर्च बढ़ सकता है। अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स के चलते भी यह बढ़ सकता है। ऐसा नहीं है कि आप इन सबको बंद कर दें लेकिन, इन सेवाओं को देने वालों की छंटनी कर आप काफी बचत कर सकते हैं।

किराये पर अंकुश लगाएं

किराये पर जो लोग रहते हैं, उनके लिए कॉस्ट घटाने के दो तरीके हैं। इनमें सबसे आसान दूसरे घर में शिफ्ट कर जाने का है। ज्यादातर लोग इन दिनों घर से काम कर रहे हैं। यह ट्रेंड आगे भी बने रहने की उम्मीद है। ऐसे में कार्यस्थल के करीब स्थित महंगे घर से कुछ दूरी पर सस्ता घर लिया जा सकता है। दूरदराज के इलाकों में कम पैसे में ज्यादा अच्छा घर मिल जाता है। दूसरा विकल्प मकान मालिक से किराया घटाने के लिए कहना है। उनसे कहा जा सकता है कि अस्थायी रूप से ही सही लेकिन किराये में राहत दी जाए। अगर आपके मकान मालिक के साथ अच्छे संबंध हैं तो निश्चित ही इस विकल्प के बारे में सोचा जा सकता है।

ब्याज लागत को घटाएं

जैसे किराये के मकान में रहने वालों के लिए किराया बड़ा खर्च होता है। वैसे ही अपने घर में रहने वालों के लिए भारी भरकम हाउसिंग लोन की ईएमआई बड़ा खर्च है। वहीं, कार, एजुकेशन, पर्सनल लोन इत्यादि जैसे कर्ज भी ब्याज का बोझ बढ़ाते हैं। आपका पहला कदम सभी महंगे लोनों को साफ करने का होना चाहिए। इसके लिए घर की तिजोरी में बंद पड़े सोने का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। गोल्ड लोन की ब्याज दरें अमूमन पर्सनल लोन, कार लोन इत्यादि से कम होती हैं। इससे महंगे कर्जों को उतारा जा सकता है।

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