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बीमारियों से रखे दूर वर्कआउट

आज के समय में स्त्री-पुरुष दोनों कार्यालय जाते हैं और कई कई घंटे लगातार कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं, जिसका प्रभाव शरीर के विभिन्न अंगों पर समय के साथ-साथ पड़ता जाता है। आज का कार्पोरेट कल्चर अपने कर्मचारियों को लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करने को कहता है। परिणाम स्वरूप कई बीमारियां जैसे लोअर बैक पेन, डायबिटीज, हृदय रोग, आंखों की कई बीमारियां, पैरों में दर्द, हाथों में दर्द, गर्दन का दर्द आदि का शिकार बन जाते हैं।

अगर हम कार्यस्थल पर बैठे-बैठे काम के दौरान भी 10 मिनट का वर्कआउट कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं। workouts

  • जहां तक संभव हो आप टेबल-चेयर पर बैठकर काम करें। चेयर पर बैठकर काम करने से आपके शरीर का पॉश्चर बेहतर रहता है। लैपटॉप पर काम करने के लिए कोई निर्धारित स्थान न होने के कारण हम कभी फर्श पर, कभी बिस्तर पर ही बैठकर काम करने लगते हैं जिसके कारण पॉश्चर ठीक न होने से हम कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं, विशेषकर कमर दर्द और स्पांडिलाइटिस।
  • कम्प्यूटर और कुर्सी की पोजिशन ऐसी हो कि स्क्रीन पर आसानी से देखा जा सके। स्क्रीन पर देखने के लिए जबरन झुकना या गर्दन ऊपर उठाकर न देखना पड़े।
  • माउस को की-बोर्ड के पास की-बोर्ड ट्रे में रखें, ताकि कुहनी का लेवल कीबोर्ड से हल्का सा नीचे हो।
  • काम करते समय कुहनी और हाथ आर्म रैस्ट पर रखें, ताकि कंधों में कोई खिंचाव न आए, न ही उस पर दबाव पड़े।
  • टाइप करते समय कुहनी को पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए, इस बात का ध्यान रखें।
  • मॉनीटर को टेबल के पिछली तरफ सटाकर रखें ताकि आंखों की मॉनिटर से पर्याप्त दूरी हो। कुर्सी टेबल के पास रखें, ताकि कोहनी, हाथों व कमर का प्रोपर सपोर्ट मिले।

वर्कआउट जो आप कर सकते हैं:- workouts

  • कुर्सी-मेज पर काम करते समय हर दो घंटे बाद चाहें तो बैठे-बैठे थोड़ी एक्सरसाइज करें या खड़े होकर करें।
  • बैठे-बैठे पंजों और एड़ियों को चलाएं, गोलाई में और आगे पीछे। पैरों की अंगुलियों को स्ट्रेच करें।
  • कॉफ मसल्स को स्ट्रेच करें। ऐसा करने से जब हम चलते हैं तो ये ब्लड को ऊपर की ओर पंप करती हैं।
  • दोनों हाथों को उठाकर कंधों पर रखें और कुहनियों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लाक वाइज चलाएं। इससे बाजुओं की मांसपेशियां लचीली बनती हैं।
  • मुट्ठी बंद कर गोल गोल घुमाएं, हाथों की अंगुलियों को स्ट्रेच करें, हाथों को ऊपर नीचे करें।
  • दोनोें हाथों की अंगुलियों को क्रॉस कर पीछे कमर के निचले हिस्से तक ले जाएं, रिलेक्स करें। दोनों हिप पर दोनों हथेलियां रखें और कंधे से गर्दन को झुकाते हुए थोड़ा नीचे जाएं। इसी प्रकार कमर पर दोनों हाथों को रखकर पीछे की ओर कंधों को खींचें।
  • आंखों को गोलाई में (क्लॉक वाइज व एंटी क्लाकवाइज) घुमाएं, आराम करें। आंखों को ऊपर छत की ओर, नीचे फर्श की ओर पूरी स्ट्रेच कर देखें। आंखों को झपकाएं, बंद करें, हथेलियों से आंखों को गर्मी दें। आंखें रिलैक्स होंगी। ठंडे पानी से आंखें दो-तीन बार धोएं।
  • इसी प्रकार गर्दन की एक्सरसाइज करें। गर्दन को गोेल-गोल बहुत आराम से घुमाएं। गर्दन को धीरे-धीरे पहले दाएं ले जाएं और फिर बाएं ले जाएं। फिर आगे की ओर। ये सब बहुत आराम से करें। गर्दन बहुत नाजुक होती है।
    -नीतू गुप्ता

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