सत्संगियों के अनुभव : पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
दातार की रहमत से बेटे की मुराद हुई पूरी
मास्टर सुरेशपाल इन्सां पुत्र श्री देस राज इन्सां गाँव झरौली खुर्द डाकघर कलसानां जिला कुरुक्षेत्र(हरियाणा), पूज्य गुरु जी की अपार रहमत का वर्णन करते हुए बताते हैं कि मेरे दो पुत्रियां थी, परन्तु मन में हमेशा यही ख्याल रहता कि अगर वाली दो जहान पूज्य सतगुरु जी एक पुत्र बख्श दें तो बहुत बढ़िया हो जाए।
उधर मेरी पत्नी मुझसे भी बढ़कर इस कमी को महसूस करती थी। वह कहती रहती कि गैर सत्संगी औरतें मुझे तरह-तरह के तानें मारती हैं। वह कहती हैं कि अगर तुम्हारे बाबे(परम पूजनीय हजूर पिता संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां) में ताकत है तो मुण्डा (लड़का) क्यों नहीं दे देते? कभी-कभी तो मेरी पत्नी यहां तक कह देती कि आप पूज्य गुरु जी से मिल कर अर्ज करो, परन्तु मैं कह देता कि अगर मौका मिला तो देखेंगे।
सतगुरु की रहमत से गाँव के भंगीदास की सेवा मुझे मिली हुई है। नवम्बर 2013 को बेपरवाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस के शुभ भण्डारे पर मैं डेरा सच्चा सौदा सरसा दरबार में था। भण्डारे के उपरांत पूज्य हजूर पिता जी ने तेरावास में सेवादारों की मीटिंग बुलाई। मुझे भी जाने का अवसर मिला। जब पूज्य शहनशाह जी सेवादारों की मीटिंग में विराजमान हुए तो मैं मन ही मन अरदास करने लगा कि पिता जी पुत्र की दात बख्शो जी।
इसी दौरान पूज्य गुरु जी ने अपने पावन मुखारबिन्द से वचन फरमाए,‘भई जेहडेÞ मुण्डा भालदे हण, उह भई थोड़ा जेहा सुमिरन करना तां असीं वी मालिक अग्गे अरदास करांगे।’ पूज्य गुरु जी के यह वचन सुन कर मेरे मन को अत्यन्त खुशी हुई। कुछ समय के उपरान्त मेरी पत्नी को सोते समय पूज्य गुरु जी ने स्वप्न में दर्शन दिए और वचन फरमाया, ‘बेटा, आपके घर लड़का पैदा होगा।’
सतगुरु की मेहर से सितम्बर 2014 दिन बुधवार को हमारे घर लड़के ने जन्म लिया, जिस से सारे परिवार की खुशी का कोई ठिकाना न रहा। समस्त परिवार की पूज्य सतगुरु हजूर पिता जी के चरणों में यही अरदास है कि हम पर अपनी दया-मेहर का हाथ हमेशा बनाए रखना ताकि परिवार की सेवा-सुमिरन करते हुए आप जी के चरणों में ओड़ निभ जाए जी।
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