Apricot खूब खाईए खुबानी

गर्मियों में फलों की खूब डिमांड रहती है। कई लोग टेस्ट के लिए इन्हें खाते हैंं, तो कई लोग फायदों के लिए। इन फलों में Apricot खुबानी भी एक है। इसके अंदर कई औषधीय गुण मौजूद हैं। सेहत और त्वचा के लिए इसे बहुत लाभदायक माना जाता है। खुबानी यानी ऐप्रिकॉट एक बीजयुक्त फल है। इस फल में कई प्रकार के विटामिन्स और फाइबर होते हैं।

खुबानी के बीज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। खुबानी के अनेकों लाभ हैं। खुबानी को न सिर्फ फल के रूप में बल्कि खुबानी के बीज भी इम्यू्न सिस्टम मजबूत करने में सहायक होते हैं। यह गर्मियों का फल है। इसके सेवन से त्वचा में भी निखार आता है। खुबानी के बीजों में कैंसर निरोधी तत्व भी मौजूद होते हैं। शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि खुबानी-बीज में पाया जाने वाला विटामिन बी-17 सामान्य कोशिकाओं के लिए पूर्णत: सुरक्षित है, जो कैंसर से बचाव में लाभकारी है।

Apricotखुबानी एक गुठलीदार फल है। वनस्पति-विज्ञान के नजरिए से खुबानी, आलू बुखारा और आड़ू तीनों एक ही “प्रूनस” नाम के वनस्पति परिवार के फल हैं। उत्तर-भारत और पाकिस्तान में यह बहुत ही महत्वपूर्ण फल समझा जाता है। खुबानी की गुठली के अन्दर का बीज एक छोटे बादाम की तरह होता है और खुबानी की बहुत सारी किस्मों में इसका स्वाद एक मीठे बादाम-सा होता है। इसे खाया जा सकता है, लेकिन इसमें हल्की मात्रा में एक हैड्रोसायनिक ऐसिड नाम का जहरीला पदार्थ होता है। बच्चों को खुबानी का बीज नहीं खिलाना चाहिए, बड़ों के लिए यह ठीक है, लेकिन उन्हें भी एक बार में 4-5 बीजों से अधिक नहीं खाने चाहिएं।

रंग से खुबानी के फ्लेवर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन इसमें जो कैरोटीन होता है, उसमें जरूर अंतर आ जाता है। खुबानी का रंग जितना चमकीला होगा, उसमें विटामिन-सी और ई और पोटेशियम की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। सूखी खुबानी में ताजी खुबानी की तुलना में 12 गुना आयरन, सात गुना फाइबर और पांच गुना विटामिन ए होता है। सुनहरी खुबानी में कच्चे आम व चीनी मिला कर बहुत स्वादिष्ट चटनी बनती है। खुबानी का ड्रिंक भी बहुत स्वादिष्ट होता है, जिसे ‘एप्रीकॉट नेक्टर’ कहते हैं।

Apricot खुबानी का पेड़ व पैदावार-

खुबानी का पेड़ 8 से 12 मीटर तक ऊंचा होता है। ऊपर से पेड़ की टहनियां और पत्ते घने फैले हुए होते हैं। फूल 5 पंखुड़ियों वाले, सफेद या हल्के गुलाबी रंग के छोटे होते हैं। खुबानी का फल एक छोटे आडू के बराबर होता है। इस का रंग पीले से ले कर नारंगी होता है, लेकिन जिस तरफ सूरज पड़ता हो उस तरफ फल थोड़ा लाल भी हो जाता है।
विश्व में सबसे ज्यादा खुबानी तुर्की में उगाई जाती है। तुर्की के बाद ईरान का स्थान है। खुबानी एक ठंडे प्रदेश का पौधा है अधिक गर्मी में फल या तो मर जाता है या पैदा नहीं होता। भारत में खुबानियां उत्तर के पहाड़ी इलाकों में पैदा की जाती है, जैसे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड इत्यादि।

रिसर्च-

एक रिसर्च के अनुसार बादाम में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनके साथ अगर विटामिन ई और सी का सेवन किया जाए तो कॉलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। यह दोनों विटामिन खुबानी में पाए जाते हैं। इसीलिए अगर बादाम और खुबानी का सेवन एक साथ किया जाए तो यह काफी फायदेमंद होता है।

पौष्टिकता का घनत्व-

इस स्वादिष्ट फल के पौष्टिकता के तथ्यों को भी उजागर करना चाहिए। खुबानी के बीज में विटामिन बी-17 (लेट्राइल) भरपूर मात्रा में रहता है जो कैन्सर प्रतिरोधक का काम करता है। इसमें प्राकृतिक चीनी मौजूद रहती है। जो आसानी से हजम हो जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए और सी, राइबोफ्लेविन और नियासिन है और मिनरल में कैल्शियम, फॉसफोरस, आइरन है और सोडियम, सल्फर, मैंगनीज, कोबाल्ट और ब्रोमीन का भी पता चलता है। रोचक बात यह है कि जब यह फल पकता है, विटामिन ए की मात्रा दुगुनी हो जाती है। जब फल सूखता है तब सिर्फ इसका कैलोरी ही दुगुना नहीं हो जाता है, बल्कि कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन की भी मात्रा बढ़ जाती है।

Apricot खुबानी खाने  के फायदे-

  • खुबानी फाइबरयुक्त फल है। इससे पाचन तंत्र ठीक होता है। खुबानी खाने से कब्ज संबंधी समस्या दूर होती है। खुबानी कई पाचन संबंधी विकार और बवासीर रोग को दूर करने में भी लाभकारी है। खुबानी फल से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। सूखे खुबानी पेट के लिए लाभकारी  हैं।
  • खुबानी से हृदय संबंधी रोगों से आसानी से निजात पाई जा सकती हैं। खुबानी से कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता हैं।
  • खुबानी में  प्रचूर मात्रा में विटामिन ए होते हैं। विटामिन ए और  एंटीआॅक्सीडेंट आंखों की कोशिकाओं और ऊतकों के नुकसान की पूर्ति करते हैं। मोतियाबिंद वाले रोगियों के लिए खुबानी उत्तम फल है। खुबानी के बीज से भी आंखों संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
  • खुबानी खाने से लिवर को सुरक्षित रखा जा सकता है। खराब खान-पान का सबसे ज्यादा और जल्दी असर लिवर पर पड़ता है जिससे हिपेटिक स्टीटोसिस बीमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। लेकिन खुबानी लिवर की अंदरूनी साफ-सफाई कर उसे इस बीमारी से दूर रखती है।
  • खुबानी खाने से कब्ज संबंधी परेशानी खत्म होती है।

Apricot विशेष सावधानी-

ताजे खुबानी में कुछ मात्रा में आॅक्जलेट रहता है जो उन लोगों के लिए अच्छा नहीं होता है, जिनके किडनी में कैल्शियम आॅक्जलेट संग्रहित होता है। और दूसरी तरफ सूखे खुबानी में सल्फर या उसका यौगिक (जैसे सल्फर डाइआॅक्साइड) होता है, जो दमे के बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

इन रोगों से पीड़ितों के लिए बेहतर होगा कि वे खुबानी का प्रयोग अपने चिकित्सक की सलाह से ही करें।

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