चिंता और तनाव से छुटकारा पाय
जीवन के कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले कुछ चिंताओं, घबराहट, भय, परेशानी, तनाव, अंदोलन, इत्यादि, जैसी समस्याआंे का सामना करना पड़ता है ।चिंता आतंक (डर), अनियमित दिल की धड़कन, शर्मिंदगी,
मासपेशियों में तनाव, शारीरिक तथा मानसिक बिमारी और यहां तक कि कैंसर जैसी कई विकारों का कारण बनती है ।विश्राम, शिथिलता, कौशल स्वस्थ तरीके और बेफिक गतिविधि प्रत्येक व्यक्ति के तनाव और चिंता
कम करने अथवा बढ़ी हुई शान्ति की स्थिति प्राप्त करने में सहायता करता है ।
मानव जीवन के उचित प्रबंधन में अधिकतम अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए सकारात्मक पहलुओं के साथ सभी तरीकों पर अच्छे विचार, नियोजन और कार्याें का उचित उपयोग करना चाहिए ।इन सफलताओं
का अलग-अलग स्थितियों में विश्लेषण किया जाना चाहिए और आगे की उन्नति के लिए सुधार कर सकें ।
अच्छा आराम शरीर को शक्ति प्रदान करता है । उर्जा और ध्यान को बढ़ाता है । अंगो में दर्द और बिमारी दूर
करने में सहायता करता है, कई मनो वैज्ञानिक समस्याओं का समाधान करता है, प्रेरणा और नैतिक स्थिति को बढ़ा देता है । यह बेहतर है अगर हम अपनी उत्तम जरूरतों, बड़ा होने के स्थिति, स्वस्थता पर विचार
करें और आवश्यक विश्राम पाने के लिए तनाव को त्याग दें ।
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चिंता की चुनौतीः-
चिंता, विकार परिवारों में बहुत हद तक रहती है ।इसमें कोई संदेह नहीं कि चिंता सामान्य जीवन को बढ़ाने के लिए हमारी क्षमता में हस्ताक्षेप करती है लेकिन हम आत्मविश्वास, विश्राम की कला या मामूली इलाज से
बुरे प्रभावो का प्रबंध कर सकते है । अवसाद और तनाव को दूर करने के लिए सकारात्मक व्यवहार, जीवनशैली में उचित बदलाव, आहार समयोनज, योगिक किया, ईश्वर के प्रति सर्मपण, मानसिक स्वास्थय परामर्श
इत्यादि से चिंता की वजह और सीमा का पता लगा सकते है ।प्रत्येक व्यक्ति को संतुलित भोजन लेना, शराब और कैफिन को त्यागना, प्रयाप्त नींद लेना, सकारात्मक विचारों और संतोष का पालन करना, सामाज सेवा
करने के लिए शान्त दृश्य और उचित समय का उपयोग करना चाहिए ।कोध के समय थोड़ा रूक जाएं और गलती के समय थोड़ा झुक जाएं ।
तनाव से राहत प्रबंधित करेंः-
तनाव, अवसाद या बढ़ी हुई मंदी का प्रमुख कारण है, जो उदासी, निराशा, उत्साह या आशा की कमी को दर्शाता है, प्रभावित व्यक्ति दुखी हो जाता है और झुंझलाहट अनुभव करता है ।इससे शरीर, विचारों, भावनाओं
और व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़ता है इनसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसी कई समस्याएं पैदा होती है ।एक तनावग्रस्त घटना फलाईट टू फलाईट प्रतिकिया पैदा कर सकती है जिससे शरीर के
माध्यम से एडेªनालिन और कोर्टिसोल हारमोन का बहाव बढ़ जाता है ।
बहुत अधिक एडेªनालिन शरीर को उत्तेजित, और बढ़ती दिल की धड़कन से डर और गुस्सा दिलाता है । इस बिमारी से बचाव के लिए
सकारात्मक संभावनाओं को अपना कर, अपनी निराशा की वास्तिवक और प्रर्याप्त उर्जा को नियंत्रित करने के लिए देखें और उसे बिना रूकने वाले बढ़े हुए संकल्प में बदल दें । ना काफ़ी पर काबू पायें ।एक गौरवशाली
भविष्य की और अनिच्छा के बिना आगे की गतिविधियों को प्रगति दें ।
मेहनत और कौशल द्वारा शिथिलता धारण करनाः-
1.संतुलित आहार, ताजी सब्जियां और फल पर ध्यान कंेद्रित करें ।
2.योग और दैनिक व्यायाम के बारे में जानंे, जैसे सरल चलना, साईकल चलाना या बागवानी में काम करना ।
3.मालिश, एक्युपंक्चर और मासेपेशियों के उचित छूट को बढ़ावा देना ।
4.अच्छी आदतें और रोचक व्यवहार के तरीकों से पूरी सोच और सुधार करना ।
5.अपनी दोस्ती और सभी संबंधो के बारे में ठीक सोचें और धन्यवाद करें ।
6.अध्यात्मिक गुरू के दर्शन, दीक्षा और प्रार्थना प्राप्त करने के लिए अपने विचार अनुकूल बनाएं रखें ।
7.संतोष धन जो आपके पास पहले से है इसकी प्रशंसा कीजिए ।यह कुदरती धन है ।इसके लिए ईश्वर का धन्यवाद कीजिए कि आपको अच्छा संतोष मिला है ।
8.अतीत की विफलताओं पर पश्चाताप न करें बल्कि वर्तमान स्थितियों के अनुसार और उपयोगी भविष्य की योजना के बारे में ध्यान करें ।
9.दूसरों द्वारा की गई प्रगति पर चिंता न करें ।भगवान ने तुम्हें दुसरों के उपकार का आशीष दिया है ।
10.अपनी दैनिक उपलब्धियों और उपयोगी घटनाओं के लेख बनायें ताकि छोटे लेख लम्बी याद से बेहतर बन जाएगें ।
11.उन बातों को पूरा करने का प्रयास करें जो बिना तनाव उपलब्ध कर सकते है ।सकारात्मक सोच के साथ अच्छी आदतों का विकास करें ।सच्चा चरित्र वह है जब आप एकांत मंे निजी शक्ति रखतें है ।
12.जिन लोगों को आप किसी कारण से प्यार नहीं करते उन्हें फूलों की पेशकश करें ।
13.खुशी से जुड़ी खुशी दौगूनी हो जाती है परंतु दुखो से सांझा किया दुख आधा हो जाता है ।
14.सभी धर्मांे की दया, सहनशीलता, अभिनव भावनाओं के लिए नम्रता, साहस, निश्चित भाईचारे और सम्मान के गुणों को प्राप्त करें ।
15.आनन्द का अनुभव करें कि गुलाब के पौधों में कांटे होते हुए भी सुंदर व खुशबूदार गुलाब के फूल निकलते है ।
16.कभी आप नीचा महसूस करें तो अपनी अध्यात्मिकता का आर्शिवाद प्राप्त करने का प्रयास करें ।
17.अपने दोष और कमियों को स्वीकार कर क्षमा मांगे ।
श्जैसी करनी आपनी, तैसा ही फल लेय ।
कूड़े करम कमाय के, साई दोष न देय ।।
तनावमुक्त और निश्चित होने के विविध लाभः-
• बुरी, दुष्ट, पीड़ित तथा शिथिल स्थिति पर जीत ग्रहण करने के लिए अत्यंत शक्ति और विश्वास प्राप्त करें ।
•अपनी पूरी सांस न लेने की किया, दिल और मस्तिष्क की स्वास्थय स्थिति को ठीक नहीं कर पाती ।
•कोध, नफ़रत और शरीर दर्द से बचाव मिलता है ।
• किसी भी रोग से प्राकिृतिक रूप से सुरक्षा, निरायद, आकमण से बचाव, शरीर के प्रतिरोध बढ़ जाते है ।
• गर्मवस्था और बच्चों का जन्म सुरक्षित रहता है ।
• पारिवारिक जीवन की अवस्था का वरदान बढ़ जाता है ।
• व्यवहार अच्छा होने से समाज ओर देश में प्रतिष्ठा अच्छी बन जाती है ।
• प्रत्येक व्यक्ति कैप्टन नहीं बन सकता ।
प्रसन्नता सड़क के अंत में नहीं बल्कि रास्ता अच्छा बिताने से प्राप्त होती है । किसी प्रकार की चिंता और तनाव नहीं रखना चाहिए । जीवन में सफलताएं अच्छी मेहनत और विचारों से प्राप्त मिल सकती है ।
• जीवन में अच्छे लक्ष्य पाने के लिए विशेष योगयता, गहन विचार, कुशलता, अभ्यास और निपुणता का प्रयोग करें ।
आत्मिक, अध्यात्मिक और धार्मिक प्रयासः-
चिंता चिता समान है ताकि कीजिए जो अनहोनी होए । बिस्तर पर सो कर जब आप उठते हैं तो शीघ्र ही ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें ।
अपनी आत्मा को पूर्ण विश्वास और धारणा के साथ सम्पर्ण
करें । सुख, सम्पति, स्वरूप, संयम, सादगी, सफलता, साधना, सम्मान एवं समृद्धि की मंगल कामनाओं से सुप्रभात अपनायें ।चित्र ही नहीं, चरित्र भी सुदर हो, भावना, साधना और दृष्टिकोण भी सुंदर हो ।
शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक शांति मानवीय जीवन की सफलता का विशेष योगदान और उत्तम प्रयास है ।
प्रार्थना, चिंतन, मनन और ईश्वर समपर्ण मनुष्य में कोध, लालच, कामुकता, विलास की इच्छाएं अंहकार, दोष, अन्याय की सोच, चिंता, दबाव को दूर भगाती है ।बल्कि आत्मविश्वास का वरदान प्राप्त होता है ।
चिंता और तनाव जड़ से समाप्त हो जाती है ।
डा. त्रिलोकी नाथ चुघ
पूर्व समन्यवक, शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान,
सिरसा (हरियाणा) ।