9 अगस्त पर विशेष गुरु जननी तुझे प्रणाम… मुबारक हो ‘गुरु मां’ का 83वां जन्म दिन
मां का जग में कोई सानी नहीं होता। मां को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। मां की प्रशंसा करते हुए हमारे मनिषियों ने तो यहां तक कहा है कि ‘हर घर तक अपनी मौजूदगी का अहसास करवाने के लिए ही भगवान ने मां को बनाया है’ और ऐसी मां, जिसकी पावन कोख से खुद भगवान स्वरूप संत-महापुरुष अवतार धारण करते हैं उसका दर्जा सबसे ऊंचा (महान्) हो जाता है।
उस मां का नाम सुनते ही हर शीश श्रद्धा में झुकने लगते हैं। क्योंकि स्वयं भगवान स्वरूप संत-जन उस पवित्र कोख को ऐसा सौभाग्य प्रदान कर दुनिया में उसे एक हस्ती का खिताब बख्श देते हैं। उस मां, जन्मदायिनी का दर्जा अव्वल हो जाता है।
ऐसी ही महान गुरु मां है पूजनीय माता नसीब कौर जी इन्सां, जिनकी कोख से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 15 अगस्त 1967 को अवतार धारण कर अति पवित्र व अमर कर दिया। ऐसी महान मां को लख-लख सजदा। शत-शत नमन।
साध-संगत महान गुरु मां को समर्पित 9 अगस्त को शुभ जन्म दिन, ‘गुरु मां डे’ के रूप में धूमधाम से मनाती है। पूजनीय माता नसीब कौर जी का इस बार 83वां जन्म दिन मनाया जा रहा है। इस शुभ ‘गुरु मां डे’ अर्थात 9 अगस्त की हर किसी को एक कशिशमय उडीक रहती है।
जीवन दर्शन:- पूजनीय माता नसीब कौर जी इन्सां का शुभ जन्म 9 अगस्त, 1934 को आदरणीय पिता सरदार गुरदित सिंह जी व आदराीय माता जसमेल कौर जी के घर गांव किक्कर खेड़ा, तहसील अबोहर जिला फाजिल्का में हुआ। पूजनीय माता जी का शुभ विवाह श्री गुरुसरमोडिया के नम्बरदार पूजनीय बापू सरदार मग्घर सिंह जी के साथ हुआ।
पूजनीय माता जी नेकदिल व मिलनसार शख्सियत हैं। उनका भक्ति-भाव उनकी इस शख्सियत को चार-चांद लगा देता है। एक बहुत बड़े घराने की स्वामिनी होकर भी उन्होंने कभी अपने व्यवहार से, शब्दों से, अर्थात मन वचन और कर्म से कभी भी किसी को ठेस तक नहीं पहुंचाई है।
उनका सरल व सहज स्वभाव हर किसी को अपना बना लेता है। घर के सारे छोटे-बड़े काम स्वयं करना और हर जिम्मेवारी को संजीदगी से निभाना उनकी नियति में शुमार रहा है और आज भी उनको अपने हाथों से काम करते देख मन धन्य-धन्य कह उठता है।
पूजनीय माता जी को हर काम की जानकारी होना व उसमे रूचि रखना उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है। उनके इस कला-कौशल का ही जादू है कि पूजनीय बापू जी घर के छोटे-छोटे काम-काज से लेकर खेती-बाड़ी के काम-धंधों में भी पूजनीय माता जी से विचार-विमर्श जरूर करते और उनकी सलाह लेना ना भूलते। उनकी जिंदगी का सिद्धान्त एक उच्च मार्गदर्शन वाला रहा है जिसका लोग आज भी अनुसरण करते हैं!
पूजनीय माता जी पाक-कला में एक निपुण गृहिणी हैं। उनके हाथों से बने पकवान खाने को मन हर समय लालायित रहता था। घर में जो भी कोई रिश्तेदार-संबंधी आता, पूजनीय माता जी के हाथ से बने मखन व घी तो उनके लिए स्पैशल डिश थी। पूजनीय माता जी के इस हुनर का ही जलवा है कि आप जी के बनाए देसी घी की महक अदभुत थी और दूर-दराज तक इसकी चर्चा आम बात थी।
आस-पड़ौस व गांव में लोग पूजनीय माता जी को आदर-सम्मान से ‘नम्बरदारनी’ कहके बुलाते और आप जी से सलाह-मशविर करके उचित मार्गदर्शन हासिल करते। आप जी हर किसी को नेक सलाह तो देते ही, बल्कि गरीबों, जरूरतमंदों को उनके परिवार की जरूरतों का सामान देकर भी उनकी मदद किया करते, जो कि आज भी हम देख रहे हैं!
संतान सुख:
पूजनीय माता-पिता जी ने तमाम सुख-सुविधाओं के होते हुए भी 18 वर्षों तक संतान न होने की पीड़ा को महसूस किया है। क्योंकि 18 वर्षों के बाद आप जी के घर पूज्य गुरु जी ने अवतार धारण किया। इतने लम्बे अरसे के बाद संतान सुख पाकर मां-बाप के घर-आंगन में ही नहीं, पूरी कायनात में खुशियां उमड़ आई! पूजनीय माता-पिता जी व रिश्तेदार संबंधियों ने 15 अगस्त, 1967 की इस पवित्र घड़ी को लख-लख नमन किया और जमकर खुशियां मनाई।
पूजनीय माता जी ने ऐसे लाल को जन्म दिया जिनकी एक झलक पाने को लोग दीवाने हो जाते हैं। पूरी दुनिया इस दीवानदगी में शामिल है। पूजनीय माता जी का लाल पूज्य गुरु डॉ. एमएसजी इन्सां रूहों के रहनुमा, महान संत होने के साथ फिल्मी दुनिया की भी अजीज हस्ती बन चुके हैं। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं रह गया है जिसमें आप जी का नाम शुमार न हो। आप जी दिन-रात इन्सानियत को बुलंदियों पर ले जाने को अग्रसर हैं।
दुनिया आप जी के अकथ प्रयासों को ‘वाह-वाह’ कह रही है। चहूं ओर और दसों दिशाओं में डेरा सच्चा सौदा का नाम गूंज रहा है। पूज्य गुरु जी की अपार कृपा से हर घर में खुशियां बरस रही हैं। इनायतों, खुशियों के ऐसा मसीहा की जन्म-दात्री पूजनीय माता नसीब कौर जी इन्सां के इस महान करम पर करोड़ों लोग फिदा हैं।
ऐसी महान गुरु मां के सदा ऋणी हैं! बलिहारे जाते हैं! पूजनीय माता जी की एक झलक पाकर हर कोई धन्य, धन्य हो जाता है। आप जी के मीठे बोल तन-मन को सुकून से भर जाते हैं। आप जी का प्यार, स्नेह दुर्लभ है। ऐसी महान गुरु जननी, गुरु मां का 83वां जन्म दिन सारी खलकत को मुबारक! मुबारक! पूजनीय माता जी, तुम्हें चरण वंदना! शत्-शत् प्रणाम कहते हैं!
सलाम, सलाम
गुरु जननी तुझे सलाम
तेरी शान निराली है जग में ऊंचा तेरा नाम
तेरी सुलखनी कोख से
मिला जग को गुरु महान
सदा ऋणी हैं तेरे हम
मिला रूहों को मुकाम
लख-लख हो बधाई माता जी
मुबारक हों तुम्हें खुशियां तमाम।।
-मलकीत सिंह इन्सां