समृद्ध किसान हैं दर्शन भालारा
शहद का है अपना आॅनलाईन प्लेटफार्म | Honey has its own online platform
दर्शन भालारा को शहद उत्पादक कहने के बजाय शहद-प्रेमी या फिर स्वास्थ्य-प्रेमी कहें तो उचित होगा। दरअसल गुजरात के जामनगर जिला के खेराली गांव केदर्शन भालारा एक ऐसे किसान हैं Honey has its own online platform
जो उच्च गुणवत्ता के शहद का उत्पादन करते हैं। एमबीए की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात उनके पास 40 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी छोड़ गांव में अपनी 36 एकड़ की सिंचित व उपजाऊ, जमीन पर शहद व्यवसाय शुरू किया।
दर्शन भालारा ने बताया कि सन् 2014 में प्रधानमंत्री मोदी अपने एक वक्तव्य में कृषि क्षेत्र में वेल्यू एडिशन पर कुछ बातें कर रहे थे। उस दौरान मैंने कृषि कार्य करने का फैसला किया। मैंने शहद उत्पादन पर अपना ध्यान केन्द्रित किया। पहली बार उन्होंने अपने अजवाइन के खेत में शहद का बाक्स रखा। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फिलहाल वे 900 बक्सों में विभिन्न किस्म जैसे सौंफ, अजवाइन, लीची, शीशम और बेर इत्यादि फूलों से उत्पन्न हुई शहदों का उत्पादन कर रहे हैं। दर्शन भालारा का शहद बाजार में मिलने वाले शहद से अति विशिष्ट है। आपके शहद में आर्द्रता (नमी) की मात्रा अंतर्राष्ट्रीय मानदण्ड से एक प्रतिशत भी अधिक नहीं है। इसका कारण यह है कि शहद पूर्ण रूप से परिपक्व होने के बाद ही उसे छत्ते से निकाला जाता है। दरअसल जब मधु-मक्खी शहद बनाने का कार्य जब पूरा कर लेती है तब वह उस छत्ते को वेक्स (मोम) से बंद कर लेती है। जब ऐसा होता है तब यह जान लेना चाहिए कि शहद पूर्ण रूप से परिपक्व हो गया है। इसके बाद प्राप्त किया गया शहद ही विशुद्ध शहद कहा जा सकता है।
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लेकिन इस विधि से प्राप्त शहद का वजन बहुत ही कम हो जाता है।
अपरिपक्व शहद निकाल लेने से उत्पादन काफी मात्रा में बढ़ जाता है, मुनाफा भी बढ़ता है। परन्तु ऐसा शहद बहुत ही कम हितकारी होता है। यदि आप विशुद्ध (प्योर) शहद पाना चाहते हैं तो फिर उसकी लागत अधिक हो जाती है। कुछ कंपनियां उसमें फ्रूट सिरप और कोर्न सिरप तथा पेस्टीसाइडस भी मिलाती हैं। यह शहद डेरी के दुग्ध जैसा होता है जिसमें भेडें, बकरी, जर्सी गाय, भैंस इत्यादि सबका दूध मिक्स होता है। भालारा का शहद 100 प्रतिशत विशुद्ध और परिपक्व है और सही माने में यही असली शहद है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि देशी बक्से में मधुमक्खी-पालन करने के बाद भी शायद शुद्धतम रूप में शहद नहीं पाया जा सकता, क्योंकि उसमें लार्वा, अंडे और अन्य अशुद्धियों का समावेश हो ही जाता है। दर्शन भालारा अधिकतर न्यूजीलैंड की पद्धति से बने बक्से का ही उपयोग करते हैं। वे पैकिंग पर भी विशेष ध्यान देते हैं।
इनका मानना कि शहद की पैकिंग शीशे की बोतल में ही होना चाहिए इसीलिए वे मलेशिया से खास प्रकार की बोतलें मंगवाते हैं और उसी में शहद की पैकिंग की जाती है। वे बक्स के अन्दर थमोर्कोल रखने के बाद ही शहद सप्लाई (आपूर्ति) करते हैं। वे है ‘मधुधारा’ ब्रांड के नाम से शहद को बेचते हैं। बिना किसी डिस्ट्रिब्यूटर और स्टॉकिस्ट के वे अपने सारे कार्य खुद ही निपटाते हैं। दर्शन भालारा एक आदर्श के रूप में किसान बनकरसामने उभरे हैं।
खास बातें:-
- विदेशों में भी जाता है शहद
- क्वालिटी से कोई समझौता नहीं
- मुद्रा लोन के तहत तीन लाख रुपये लोन लिया
- आज 18 लोग नियमित रूप से कर रहे हैं काम
- 2300 रुपये किलो बेचता है शहद
- 1700 रुपये लागत आती है शहद बनाने में
- आॅनलाइन खुद का है प्लेटफार्म
- पुरानी जमाने की तकनीक पर बनाता है शहद
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