You can do smart business even without investing money

बिना पैसा लगाकर भी आप कर सकते हैं स्मार्ट बिजनेस | एक समय पर बिजनेस खोलने का अर्थ होता था-

किसी चीज का उत्पादन शुरू करके मार्केट में अपने पैर जमाना। लेकिन आज बिजनेस के ऐसे-ऐसे रूप विकसित हो गए हैं, जिनमें बिल्कुल जरूरी नहीं है कि प्रोडक्शन का मूल काम आप ही कर रहे हों। अपने आस-पास गौर से देखेंगे तो ऐसे अधिकांश बिजनेस आपको दिख जाएंगे, जो किसी और के बनाए सामान को बेचने या उनसे जुड़ी सेवाएं उपलब्ध करवाने के एक मंच के रूप में काम कर रहे हंै और अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं।

इस तरह के बिजनेस में न तो आपको मूल बिजनेस की तरह ज्यादा निवेश करना पड़ता है और न ही ज्यादा साजो-सामान ही जुटाना पड़ता है। यहां काम आती है आपकी नेटवर्किंग, मैनेजेरियल स्किल्स और चीजों को नए ढंग से पेश करने की क्रिएटिविटी।

तो जानिए, ऐसे कुछ बिजनेसेज के बारे में, जिनमें सीधे तौर पर प्रोडक्शन से जुड़े बिना भी है कमाई की अच्छी संभावनाएं।

कैब सर्विसेज:

एक समय था जब गाड़ियां किराए पर देने का बिजनेस शुरू करने से पहले लोगों को तीन-चार नई-पुरानी गाड़ियां खरीदकर रखनी पड़ती थीं। आज कंप्यूटर या मोबाइल आधारित ऐसे कई एप्प आ चुके हैं, जहां एक सर्विस प्रोवाइडर किसी एरिया विशेष के टैक्सी चालकों, आॅटो चालकों या अन्य वाहनों की सर्विस बुकिंग के आधार पर उपलब्ध करवाकर देते हैं। इसमें सर्विस प्रोवाइडर बुकिंग से लेकर कार सप्लाई करने तक के काम को देखता है।

ड्रेस सर्विसेज:

ड्रेसेज का कारोबार आज एक ऐसा कारोबार है, जिसमें कभी मंदी नहीं आती। ऐसे में भारी डिमांड का लाभ उठाते हुए बहुत से लोग बाजारों से थोक में अच्छे कपड़े खरीदकर, बेचने लगे हैं। ये लोग अपने इस बिजनेस की शुुरूआत घर से भी करते हैं और स्टोर खोलकर भी। इस कारोबार में सफलता तब तक पूरी तरह प्रत्याशित नहीं कही जा सकती, जब तक आप तेजी से बदलते फैशन और पब्लिक की डिमांड की समझ नहीं बना लेते। इसमें आपको पब्लिक की डिमांड को समझना होगा, फिर ही ये काम आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

कुक्ड फूड सर्विसेज:

फूड सर्विसेज उपलब्ध करवाने के लिए भी आज जरूरी नहीं कि आप खुद घर में ही खाना बनवाकर सप्लाई करें या अपना ही रेस्तरां खोलें। आज डिमांड के आधार पर फूड सर्विस उपलब्ध करवाने वाले ये सर्विस प्रोवाइडर्स अपने नेटवर्क में चुने हुए कुक्स या रेस्तरांओं से टाईअप रखते हैं और उन्हें कमीशन या इनकम के किसी अन्य मॉडल के आधार पर आॅर्डर दिलवाते हैं। हाल ही के दिनों में आप देख भी रहे हैं कि एक जोमेटो नामक कंपनी ने अच्छा खासा बिजनेस कुक्ड फूड सर्विसेज में चला रखा है।

फ्लोरल सर्विसेज:

आॅफिसेज की संख्या बढ़ने के साथ-साथ फ्लोरल सर्विसेज की मांग भी बढ़ी है। निजी एवं आधिकारिक समारोहों की संख्या भी पहले की तुलना में काफी बढ़ी है। इन सभी स्थानों पर फूलों का सजावट में इस्तेमाल किया जाता है और फ्लोरल सर्विस प्रोवाइडर फूल के थोक विक्रेताओं से फूल खरीदकर इन्हें डिजाइनर अंदाज में फूलों की सप्लाई करते हैं। आॅफिसेज में तो यह सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होती है।

शिफ्टिंग सर्विसेज:

बिजी वर्क लाइफ की भाग-दौड़ के बीच घर की शिफ्टिंग जैसे भारी काम के लिए वक्त निकालना किसी के बस की बात नहीं रह गई है। ऐसे में या तो लोगों को शिफ्टिंग के नाम पर छुट्टियां लेनी पड़ती हैं या महीनों अपने घर को फैले रहने देना पड़ता है। इस स्थिति में शिफ्टिंग में मदद करने वाले बिजनेस आजकल खास डिमांड में हैं। ये लोग घर आकर सारा सामान पैक कर जाते हैं और नई जगह पहुंचाकर सेट कर देते हैं।

डिजाइनिंग सर्विसेज:

डिजाइनिंग की सर्विस आपको एक ऐसे बिजनेस का मालिक बना देती है, जहां आपकी कला ही आपकी कमाई है। यहां आपको किसी वस्तु का उत्पादन तो नहीं करना लेकिन अपने दिमाग को क्रिएटिव डिजाइन्स की क्रिएशन में जरूर लगाना है। डिजाइनिंग की सर्विस से जुड़े ये बिजनेस इंटीरियर डिजाइनिंग के भी हो सकते हैं और फैशन या ज्वैलरी डिजाइनिंग के भी।

डीलिंग सर्विसेज:

भले ही डीलरशिप को लंबा समय बीत चुका है, लेकिन प्रॉपर्टी की बढ़ती मांग और लोगों में मौजूद नए-नए व्हीकल्स की चाह ने इस बिजनेस को फलने-फूलने में खास मदद की है। आपके संपर्कों का मजबूत नेटवर्क आपको प्रॉपर्टी डीलिंग के बिजनेस में स्थापित कर सकता है, वहीं बहुत से डीलर्स आॅनलाइन या आॅफलाइन पुराने व्हीकल्स के विक्रेता बनकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

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