मृत्यु जैसा भयानक कर्म काट दिया – सत्संगियों के अनुभव
बहन गुरचरण कौर इन्सां पत्नी श्री मक्खन सिंह निवासी 73 ट्रू सोल काम्लैक्स गांव शाह सतनाम जी पुरा जिला सरसा (हरियाणा) से परम पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने भाई पर हुई अपार रहमत का वर्णन करती है:-
28 मई 2021 की बात है कि मैं सुबह सुमिरन कर रही थी। सुमिरन के दौरान मेरे सतगुरु पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मुझे एक भयानक दृष्टान्त दिखाया। मैंने देखा कि एक डैॅड बॉडी पड़ी है, जिस पर कपड़ा दिया हुआ था। सतगुरु जी ने मुझे अहसास करवाया कि यह डैॅड बॉडी मेरे भाई गुरमेल सिंह पुत्र श्री दरबारा सिंह निवासी शाह सतनाम जी पुरा की है।
मुझे चिंता हो गई तथा मुझे ख्याल आया कि मेरे भाई ने श्री अमृतसर साहिब जाना है। क्योंकि उसके ससुराल श्री अमृतसर साहिब में हैं। वह श्री अमृतसर साहिब जाएगा तथा उसका ऐक्सीडैन्ट होगा। 28 मई की शाम को मैं अपनी छोटी बहन कुलदीप कौर को साथ लेकर अपने भाई गुरमेल सिंह को हॉस्पिटल की कैंटीन में मिली जहां पर उसकी सेवा लगी हुई थी। मैंने अपने भाई को सारी बात साफ-साफ बताई कि मैंने सुमिरन के दौरान तेरी डैॅड बॉडी पड़ी देखी है। इसलिए मुझे डर लगता है कि तुमने ससुराल जाना है। मेरी छोटी बहन ने भाई को कहा कि तू कार लेकर नहीं जाना, तो मैंने कहा कि कार तो ले जानी पड़ेगी।
मैंने कहा कि तू कार को धीरे चलाना तथा बाकी और भी जो मैं अपनी तरफ से समझाा सकती थी, उसे समझाया। उसके उपरान्त 16-17 जून 2021 को मेरा भाई गुरमेल सिंह अपनी पत्नी मनजीत कौर के साथ श्री अमृतसर साहिब अपने ससुराल गया। जब वहां से 23 जून को वापिस आ रहा था तो मुदकी के नजदीक अमृतसर-बठिंडा हाईवे रोड से अचानक उनकी गाड़ी कई पल्टे खाकर करीब 15 फुट नीचे गिर गई तथा बुुरी तरह से टूट-फूट गई। जो लोग सड़क पर जा रहे थे, सभी भागकर गाड़ी के पास आ गए। लोगों ने देखा कि मेरा भाई होश में नहीं था और उसका सिर स्टेरिंंग पर था।
इतने में मौजूद लोगों ने मेरी भाभी मनजीत कौर के गले में लॉक्ट देखकर मुदकी की साध-संगत के जिम्मेवार भाईयों को सूचना दी जो उनको श्री गुरु गोबिंद सिंह मैडीकल कॉलेज व हस्पताल फरीदकोट ले गए। सतगुरु का देन तो दिया ही नहीं जा सकता। मेरे भाई का बहुत बड़ा मृत्यु जैसा कर्म जिसको सतगुरु ने मेरे भाई की सेवा या भाभी की सेवा या हम सब की प्रार्थनाओं से सूली से सूल कर दिया। हस्पताल वालों ने भी 3-4 घण्टों के पश्चात छुट्टी दे दी।
सतगुरु पूज्य हजूर पिता जी की रहमत से मेरा भाई पहले की तरह स्वस्थ है। सतगुरु जी की रहमत का बदला चुकाया ही नहीं जा सकता।