बिहार के ऋतुराज ने गूगल को पढ़ाया सिक्योरिटी का पाठ, ढूंढ निकाला ‘बग’
बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में गलती पकड़ी है, जिसे गूगल ने मान लिया है। कंपनी ने बिहारी बॉय ऋतुराज (19) की प्रतिभा का लोहा माना है।
साथ ही गलती को अपने रिसर्च में भी शामिल किया है। गूगल की सिक्योरिटी में कमी निकालने वाले बेगूसराय के ऋतुराज चौधरी को अब कंपनी की ओर से ईनाम भी दिया जाएगा।
ऋतुराज का कहना है कि वो साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में ही बेहतर करियर बनाना चाहते हैं।
Also Read :-
- बेहतरीन बदलाव से आईफोन का नया आॅपरेटिंग सिस्टम लांच | HongmengOS
- घंटों मोबाइल पर पढ़ाई से कुंठित हो सकते हैं बच्चे
- गूगल को टक्कर देने की तैयारी, भारत में लांच होगा नीवा सर्च र्इंजन
Table of Contents
मणिपुर से बी-टेक की पढ़ाई कर रहे हैं ऋतुराज
ऋतुराज बेगूसराय के मुंगेली गंज में रहते हैं। वह फिलहाल मणिपुर ट्रिपल आई टी से बी-टेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता राकेश चौधरी ज्वैलर हैं। ऋतुराज ने गूगल में बग (दोष, कमी) पकड़ा है। इसके बाद उन्होंने गूगल ‘बग हंटर साइट’ के लिए इसकी जानकारी मेल करके दी। इसके कुछ दिनों बाद गूगल की ओर से उन्हें मेल आया। इस मेल में कंपनी ने अपने सिस्टम की कमी को स्वीकार किया और ऋतुराज को शुक्रिया कहा। साथ ही उस कमी पर काम करने के लिए उसे अपनी रिसर्च लिस्ट में शामिल करने की जानकारी भी दी। गूगल ने ऋतुराज को अपनी रिसर्चर लिस्ट में भी शामिल किया है।
ऋतुराज ने बताया कि गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन है, परंतु उसके साइट पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते थे, जिसे उन्होंने ढूंढ कर गूगल को रिपोर्ट किया। इसके बाद कंपनी उसमें सुधार कर रही है। उन्होंने कई सॉफ्टवेयर में बग ढूंढे और उसे रिपोर्ट किया। इसी क्रम में उन्होंने कुछ बड़ा करने का सोचा और गूगल में बग ढूंढने में सफलता हासिल की।
गूगल की ओर से मिलेगा ईनाम
गूगल अक्सर अपने सर्च इंजन में कमी ढूंढने वालों को ईनाम देता है। ऐसे में दुनियाभर के कई बग हंटर इन कमियों को ढूंढते हैं। ऋतुराज की इस कामयाबी पर कंपनी की ओर से उन्हें भी ईनाम दिया जाएगा। ऋतुराज की यह खोज इस वक्त पी-2 फेस में चल रही है। जैसे ही यह पी-0 फेस में आ जाएगी तो ऋतुराज को पैसे मिल जाएंगे। देश-विदेश से कई रिसर्चर बग हंट पर काम करते हैं। हर बग हंटर पी-5 से अपनी शुरूआत करता है। उन्हें पी-0 के लेवल तक पहुंचना होता है।
गूगल खुद देता है कमियां ढूंढने का न्योता
ऋतुराज ने बताया- कोई बग हंटर अगर पी-2 के लेवल से ऊपर जाता है तो उस बग को गूगल की टीम अपनी रिसर्च में शामिल करती है ताकि वह पी-2 से पी-0 तक पहुंच पाए। अगर गूगल इस तरह की खामियां नहीं हटाएगा तो कई तरह के ब्लैकहेट हैकर्स उसका सिस्टम हैक कर जरूरी डेटा को लीक कर सकते हैं। इससे कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में गूगल या अन्य कंपनियां खुद ही अनेकों बग हंटर्स को ‘बग हंटर साइट’ के जरिए न्योता देती हैं कि वह आगे आकर गलतियां खोजें और गलती निकलने पर कंपनी की ओर से ईनाम भी दिया जाता है।
पहले पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता था मन
ऋतुराज की इस कामयाबी पर पूरा गांव काफी खुश है। उनके घर बधाई देने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों की लाइन लगी है। ऋतुराज के घरवालों ने कहा- वो बचपन से ही चंचल था और उसकी दिलचस्पी पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं थी। उसे पढ़ने के लिए कोटा भेजा था। वहां भी वो 2 सालों तक कामयाब नहीं हो पाया, लेकिन अब उसकी इस कामयाबी ने हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
बेटे की उपलब्धि पर पिता राकेश चौधरी ने कहा, बेटे की इस सफलता से हम काफी खुश हैं। आगे वो और भी बेहतर करेगा जिससे देश को साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी।