Food Serve: जितनी इच्छा थाली में उतना ही परोसें भोजन
अगर आप किसी भी भोज में देखें तो ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगें, जो परोस तो ज्यादा लेते हैं लेकिन खा नहीं पाते और जूठा छोड़ देते हैं। आप कहीं भी जाएं, हमेशा ध्यान रखें कि जो खाद्य पदार्थ आपको पसंद है, वो ही
परोसें और सिर्फ उतना ही लें, जितना आप खा सकते हैं। वहीं अगर यह प्रोग्राम आपके द्वारा या आपके घर पर आयोजित किया जा रहा है, तो विशेष ध्यान रखें कि खाने की जगह पर एक बैनर लगाकर भी लोगों को जूठन न
छोड़ने के लिए जागरूक कर सकते हैं।
…हम पागल ही अच्छे हैं शहीदी दिवस (23 मार्च) विशेष
...हम पागल ही अच्छे हैं शहीदी दिवस (23 मार्च) विशेष Martyr's Day
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव का नाम आदरपूर्वक लिया जाता है जो अंतिम सांस तक आजादी...
Teach Children : बच्चों को थोड़ी सभ्यता सिखाइए
अपने उद्दंड असभ्य व्यवहार के लिए क्या पूर्णत: बच्चे ही दोषी हैं? आंशिक रूप से माना यह जीन्स का खेल है वर्ना क्यों एक ही घर में एक से वातावरण में पले बढ़े बच्चों...
बेटियांजो बनींसमाज का गौरव
बेटियांजो बनींसमाज का गौरव Daughters who became the pride of society
किसी ने शायद ठीक ही कहा है कि बेटे यदि भाग्य से मिलते हैं तो बेटियां सौभाग्य से। ऐसे ही नसीब वाले हैं मैहना...
ऐसे मनाएं holi जो सबके लिए हो खास
ऐसे मनाएं happy holi जो सबके लिए हो खास उत्तर भारत में होली का त्यौहार बड़े उत्साह और खुशी से मनाया जाता है। होली का त्यौहार रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाता...
जिसका बादशाह बादशाहत भी सारी उसी की
जिसका बादशाह बादशाहत भी सारी उसी की
रूहानियत में यह नियम अटल है कि जो अपने गुरु सच्चे मुर्शिदे कामिल के वचनों को दृढ़ता से मान लेता है वही परमपिता परमात्मा की हर खुशी का हकदार बनता है। ‘जो तेरी रमज पछाण गया उह कुल इलमां नूं जाण गया’। बादशाह ने एक बार नुमाइश लगाई।
मुद्रा योजना से युवा संवार रहे अपनी तकदीर
मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है। इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है। Mudra scheme
बन आए जिन्दाराम के लीडर
रूहानी बख्शिश का होना आध्यात्मिकतावाद का अनोखा व दुर्लभ वृत्तान्त होता है। कोई ईश्वरीय ताकत ही इस पदवी को हासिल कर सकती है।
खुशी का इजहार बसंत पंचमी
भारत त्यौहारों का देश है। देशवासी प्रत्येक ऐसे अवसर को त्यौहार के रूप में मनाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं। हमारे देश के त्यौहार केवल धार्मिक अवसरों को ध्यान में ही रखकर नही मनाये जाते बल्कि ऋतु परिवर्तन के मौके का भी पर्व के रूप में ही स्वागत किया जाता है।
सतगुरु जी ने अपने शिष्यों की मांग पूरी की
सन 1952 की बात है कि मेरे गांव के कुछ सत्संगी भाइयों ने डेरा सच्चा सौदा सरसा में पहुँच कर बेपरवाह मस्ताना जी के चरण-कमलों में विनती की कि शहनशाह जी हमारे गांव में सत्संग करो जी। बेपरवाह जी ने उनकी विनती मंजूर कर ली।