Experiences of satsangis

‘बेटा सब ठीक हो जाएगा’ -सत्संगियों के अनुभव

पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत

मिस्त्री हंसराज इन्सां सुपुत्र श्री सोहन सिंह, निवासी मूनक जिला संगरूर से अपनी लड़की सुरिन्द्र कौर इन्सां पर परम पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की हुई अपार रहमत का वर्णन करते हंै:

प्रेमी जी बताते हैं कि मेरी लड़की सुरिन्द्र कौर इन्सां की शादी सन् 1993 में हुई। सन् 1996 में बच्चे की आशा (उम्मीदवारी) हो गई थी, परन्तु बच्चा बच्चेदानी वाली ट्यूब में चला गया, जिसके कारण बच्चा तथा ट्यूब डॉक्टर ने आॅपरेशन करके निकाल दिए। उसके बाद फिर कभी भी बच्चे की उम्मीद न हुई। हमने लड़की का टोहाना, संगरूर, पटियाला के अस्पतालों में बहुत ईलाज करवाया, परन्तु लड़की कहीं से भी ठीक न हुई। लड़की के ईलाज पर लाखों रुपया भी खर्च किया, परंतु कहीं से भी आशा की किरण दिखाई न दी।

सन् 2010 में प्यारे सतगुरु जी की रहमत से अचानक सरसा दरबार में जाने का अवसर मिला। उस दिन पूज्य हजूर पिता जी ने दात के रूप में आलुओं का प्रशाद दिया। उस समय मेरी लड़की सुरिन्द्र कौर भी हमारे साथ थी। मैंने अपनी लड़की की तकलीफ के बारे में पूजनीय हजूर पिता जी की पावन हजूरी में अर्ज कर दी। इस पर पूजनीय पिता जी ने पवन वैद्य जीएसएम भाई सेवादार को खुद बताकर दवाई बनाने का आदेश दिया।

पूजनीय गुरु जी ने हमें वचन फरमाया, ‘बेटा, सब ठीक हो जाएगा।’ और बेटी को वचन किए, ‘बेटा! जब दवाई लेनी है, पहले आधा घण्टा नाम जपना है, फिर दवाई खानी है।’ बेटी ने पूजनीय पिता जी के वचनानुसार दवाई सुमिरन करके ली तथा वचनों पर पूरा-पूरा अमल किया। सतगुरु जी की अपार रहमत से 15 अगस्त 2011 को मेरी बेटी के घर लड़की ने जन्म लिया। उसके बाद लड़के ने जन्म लिया। मेरी बेटी का ससुर परिवार तथा हमारा परिवार पूजनीय हजूर पिता जी, का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं तथा दोनों परिवार यही प्रार्थना करते हैं कि प्यारे सतगुरु पिता जी हमारे पूरे परिवार को अपने पवित्र चरण कमलों से हमेशा जोड़े रखना जी।

बता दें कि प्र्रेमी मिस्त्री हंसराज जी इन्सां तो खुद पूज्य सतगुरु जी के पवित्र चरणों में अपनी ओड़ निभा गए हैं जी।

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