एक का नाम गुरविंदर, दूसरे का नाम गुरबख्श रखना -Experiences of Satsangis
सत्संगियों के अनुभव Experiences of Satsangis एक का नाम गुरविंदर, दूसरे का नाम गुरबख्श रखना
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार रहमत
प्रेमी...
Experiences of Satsangis…सब भ्रम मुकावण आया सी
60वीं पावन स्मृति (18 अप्रैल) विशेष Experiences of Satsangis
याद-ए-मुर्शिद परम पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज
...सब भ्रम मुकावणआया सी
संत परोपकारी होते हैं। संसार में...
बेटा! भक्ति में शक्ति है, करते रहो..Experiences of Satsangis
सत्संगियों के अनुभव Experiences of Satsangis पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
‘‘बेटा! भक्ति में शक्ति है,...
Experiences of Satsangis सतगुरु जी ने अपने शिष्य व उसके पिता की मदद की
सत्संगियों के अनुभव Experiences of Satsangis
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार रहमत
सतगुरु जी ने अपने शिष्य व उसके पिता की मदद...
Experiences of Satsangis: सतगुरु जी ने बकरों के बहाने पोते बख्शे
सत्संगियों के अनुभव Experiences of Satsangis पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम
सतगुरु जी ने बकरों के बहाने पोते बख्शे Satguru spared grandchildren...
सुमिरन के लिए अलसुबह आकर उठाते प्यारे मुर्शिद
सत्संगियों के अनुभव : पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार रहमत
सुमिरन के लिए अलसुबह आकर उठाते प्यारे मुर्शिद
प्रेमी राम गोपाल इन्सां पुत्र सचखण्डवासी कृष्ण चन्द रिटायर्ड एस.ई. सिंचाई विभाग (हरियाणा) निवासी शाह सतनाम जी नगर सरसा ने अपने जीवन से जुड़ी अनमोल यादों एवं सतगुरु की रहमत का इस प्रकार बखान करते हुए बताया कि सन् 1990 की बात है। उस समय हम सपरिवार भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड की कालोनी हिसार में रहते थे।
दातार की रहमत से बेटे की मुराद हुई पूरी
सत्संगियों के अनुभव : पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
दातार की रहमत से बेटे की मुराद हुई पूरी
मास्टर सुरेशपाल इन्सां पुत्र श्री देस राज इन्सां गाँव झरौली खुर्द डाकघर कलसानां जिला कुरुक्षेत्र(हरियाणा), पूज्य गुरु जी की अपार रहमत का वर्णन करते हुए बताते हैं कि मेरे दो पुत्रियां थी, परन्तु मन में हमेशा यही ख्याल रहता कि अगर वाली दो जहान पूज्य सतगुरु जी एक पुत्र बख्श दें तो बहुत बढ़िया हो जाए।
जो मांगा वही देता गया मेरा सार्इं
सत्संगियों के अनुभव : पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम - जो मांगा वही देता गया मेरा सार्इं
प्रेमी हरीचंद पंज कल्याणा सरसा शहर(हरियाणा) से पूज्य बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की अपार दया मेहर का वर्णन इस प्रकार करता है:-
जो पीठ पीछे से भी दर्शन कर लेगा, नरकों में नहीं जाएगा
एक बार पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज किसी गाँव में सत्संग फरमाने गए हुए थे। उस गाँव में एक परिवार का एक व्यक्ति अत्याधिक शराबी-कबाबी व दुराचारी था।
सतगुरु जी ने अपने शिष्यों की मांग पूरी की
सन 1952 की बात है कि मेरे गांव के कुछ सत्संगी भाइयों ने डेरा सच्चा सौदा सरसा में पहुँच कर बेपरवाह मस्ताना जी के चरण-कमलों में विनती की कि शहनशाह जी हमारे गांव में सत्संग करो जी। बेपरवाह जी ने उनकी विनती मंजूर कर ली।