स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अब लोगों में काफी बढ़ने लगी है जिसके चलते अब कुछ लोग पौष्टिक आहार खाना ही पसंद करते हैं और अपौष्टिक आहार बहुत मजबूरी होने पर लेते हैं।
इसी पौष्टिक आहार में स्प्राउट्स एक चमत्कारी फूड है जिसमें बड़ी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जैसे पोटेशियम, आयरन, विटामिन ई, एंटी आक्सीडेंटस और प्रोटीन आदि। स्प्राउटस में फल और सब्जियों के मुकाबले ज्यादा एंजाइम्स होते हैं जो हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाते हैं और हमें भी लाइफस्टांईल संबंधी कई बीमारियों से बचाकर रखते हैं।
स्प्राउट्स का सेवन नाश्ते में सबसे बेहतर होता है पर इसका सेवन लंच में और शाम के स्नेकस के रूप में भी किया जा सकता है।
मूंग साबुत के स्प्राउटस को कम से कम आठ घंटे तक भिगो कर रखना पड़ता है, फिर उसका पानी निकालकर एक पोटली में या स्प्राउटमेकर में 6 से 8 घंटे तक रखना पड़ता है। तभी स्प्राउट्स खाने लायक बनते हैं।
इसी प्रकार काबुली चने को 24 घंटे तक भिगोकर रखा जाता है, फिर पोटली में बांधकर पानी का हल्का छींटा देकर छोड़ दिया जाता है। इसे फिर 24 घंटे बाद देख लें कि स्प्राउट्स तैयार हो गए हैं या नहीं।
काले चने के स्प्राउट्स बनने में 24 घंटे तक उन्हें भिगोकर रखना चाहिए फिर पानी निकालकर पोटली में बांधकर रख दें और सूखने पर छींटा पानी का देती रहें। तब भी इसको बनने में 30 से 36 घंटे लग जाते हैं।
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स्प्राउट्स के लाभ | Benefits of Sprouts
- मूंग साबुत के स्प्राउट्स में फोलेट की मात्रा अधिक होती है जिसके नियमित सेवन से दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड संबंधी रोग दूर होने में मदद मिलती है। टीनएजर्स और युवा लोगों को इसका नियमित सेवन करना चाहिए।
- काबुली चने के स्प्राउट्स में फाइबर की मात्रा प्रचुर होती है जिसे खाने के बाद काफी समय तक पेट भरा रहता है।
- चने के स्प्राउट्स से ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है और कोलेस्ट्राल की मात्रा भी कम होती है।
- इसमें कैलरी और फैट्स की मात्रा कम होती है। इसलिए दिल संबंधी बीमारी होने से लाभ मिलता है।
- काले चने के स्प्राउट्स में कार्बोहाइडेऊटस और विटामिन बी-6 की काफी मात्रा होती है जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।
- इसके सेवन से त्वचा संबंधी समस्याओं को लाभ मिलता है और डायबिटीज जैसा रोग नियंत्रित रहता है।
- बींस के स्प्राउट्स में जिंक की मात्रा प्रोटीन और विटामिन्स होते हैं जो महिलाओं की सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
- बालों और नाखूनों को टूटने से बचाते हैं।
कैसे खाएं
स्प्राउट्स में खीरा, टमाटर, उबला आलू, हरी मिर्च, बंदगोभी, बारीक कटा प्याज, किशमिश, बादाम, सूखा नारियल और नींबू मिलाकर थोड़ा सा नमक डालकर चाट के रूप में खाया जा सकता है। चाहें तो मूंग, चने, बींस के स्प्राउट्स मिलाकर खा सकते हैं। सूप या सलाद में स्प्राउट्स मिलाकर खाए जा सकते हैं। जो लोग कच्चे स्प्राउट्स नहीं खा सकते, उन्हें स्टीम कर स्प्राउट्स खाने चाहिए।
किन्हें नहीं खाना चाहिए
जिनका पेट, तिल्ली कमजोर हो, उन्हें स्प्राउट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को भी नहंीं खाने चाहिए। 5 साल से कम आयु के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को भी खाने के लिए न दें।
बासी और खुले में पड़े स्प्राउटस का सेवन नहीं करना चाहिए।
– नीतू गुप्ता