असाध्य रोग भी काट देता है सुमिरन

असाध्य रोग भी काट देता है सुमिरन

सत्संगियों के अनुभव
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रहमो-करम

प्रेमी जिले सिंह पुत्र श्री साधू राम गाँव थेह बनेड़ा तहसील गुहला-चीका जिला कैथल (हरियाणा) से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहमत के बारे बताते हैं:-

दिसम्बर 2007 में परम पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की याद में लगाए ‘याद-ए-मुर्शिद’ नि:शुल्क आँखों के विशाल कैम्प के दौरान मैं डेरा सच्चा सौदा सरसा में सेवा पर आया हुआ था। 15 दिसम्बर को मैंने अपने घर फोन किया कि मेरा स्वास्थ ठीक नहीं है। मेरे बेटे सुरेश ने मुझे घर आने के लिए कहा। अगले दिन राजस्थान में पूज्य हजूर पिता जी के सत्संगों का कार्यक्रम था।

मैंने घर आने से इन्कार कर दिया और सत्संग में जा रहे सेवादारों के साथ राजस्थान चला गया। इसके उपरान्त वापिस डेरा सच्चा सौदा सरसा में आ गया और सामान सम्भाल समिति में सेवा करने लगा। 22 दिसम्बर को अम्बाला में सत्य रक्षा दिवस था। इस सम्बन्ध में मैं 21 दिसम्बर की रात को अम्बाला पहुँचा। हालांकि वह रात मैंने बहुत ही तकलीफ में गुजारी। दर्द से मेरा अंग-अंग टूट रहा था।

सुबह सत्य रक्षा दिवस था। सत्य रक्षा दिवस की समाप्ति के बाद पूज्य गुरू जी सीधे साध-संगत को अपने पावन दर्शन से निहाल करने के लिए अम्बाला के हुड्डा ग्राउंड में पधारे। पूज्य गुरु जी के दर्शन पाने के लिए वहां लाखों की गिनती में साध-संगत मौजूद थी। पूज्य गुरु जी ने इस दौरान वचन फरमाया, ‘साध-संगत जी! जिसको असाध्य रोग है, वह 90 प्रतिशत सुमिरन करने से और 10 प्रतिशत दवाई लेने ठीक हो जाएगा।

’ उस दिन मुझे काफी दर्द होता रहा। दर्द के चलते शरीर में इतनी कमजोरी आ गई थी कि मेरी टाँगें मेरा भार नहीं उठा पा रही थी। शाम को मैं अपने घर चीका पहुँच गया। उस शाम मैंने रात का खाना नहीं खाया, केवल एक गिलास दूध पिया। अगले दिन सुबह मैं अकेला ही चीका के एक अस्पताल में चला गया। डाक्टर ने मेरा चैकअप किया, रिपोर्ट करवाई। उन्होंने मुझे बताया कि शरीर में काला पीलिया बहुत बढ़ चुका है, आप जल्दी से जल्दी दाखिल हो जाओ।

करीब चार महीने दाखिल रहना पड़ेगा तथा उपरांत घर पर रहकर भी दो साल दवाई खानी पड़ेगी। फिर कहीं जाकर तुम्हारा काला पीलिया नैगेटिव हो सकता है। डाक्टर की सलाह पर मैं तुरन्त दाखिल हो गया। जीभा और ख्यालों से मैं नाम का सुमिरन करता रहा। दाखिल होने के छ: दिन बाद यानि 28 दिसम्बर को लैबोरेट्री में टैस्ट करवाया तो मेरा काला पीलिया निल हो चुका था। डाक्टर ने मुझे छह दिन के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी।

मैं घर आ गया। उसी रात पूज्य सतगुरु जी महाराज ने मुझे सपने में दर्शन दिए तथा फरमाया, ‘बेटा घबराना नहीं, तेरा काला पीलिया कुछ दिनों में ही ठीक हो जाएगा।’ कुछ दिन बाद मैं 10 जनवरी को डेरा सच्चा सौदा सरसा आश्रम में अपनी सेवा पर पहुंच गया तथा आश्रम में बीमारी वाला प्रशाद ले लिया। 26 जनवरी तक मैंने अपनी समिति में ड्यूटी दी। अगले दिन अपने घर वापिस आ गया।

28 जनवरी को मैंने लैबोरेट्री में काले पीलिये का दोबारा टैस्ट करवाया तो लैब वाले ने रिपोर्ट देखकर कहा कि तुझे काला पीलिया बिल्कुल भी नहीं है। लैबोरेट्री वाले ने हैरानी जातते हुए बताया कि काला पीलिया एक साल तक नैगेटिव नहीं होता है, लेकिन तेरा एक महीने में कैसे हो गया। मैंने उसको बताया कि यह पूज्य गुरु जी के वचनों का खेल है, जिसे वह मान भी गया। मैंने वही रिपोर्ट जब उसी हस्पताल के डॉ. गांधी को दिखाई, वह कहने लगा कि इतनी जल्दी काला पीलिया नैगेटिव नहीं हो सकता। डाक्टर साहिबान कहने लगे कि मैं तो अपनी लैबोरेट्री में चैक करवाऊँगा। जब मैंने वहां दोबारा चैकअप करवाया तो उसमें भी रिपोर्ट नैगेटिव ही आई।

यह सब देखकर डा. गांधी ने कहा कि अब दवाई खानी है या नहीं, यह आपकी इच्छा है। पूज्य गुरू जी की ऐसी रहमत का मैं उम्रभर ऋण नहीं उतार सकता, जिन्होंने प्रसाद देकर अपने वचनों द्वारा ही मेरी इतनी बड़ी बीमारी को चुटकी में खत्म कर दिया।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, Google+, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!