It is very important to instill confidence in daughters since childhood - Sachi Shiksha Hindi

आज के समय में बेटियों का पालन पोषण और उनका सही तरीके से मार्गदर्शन करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। इस बदलते दौर में बेटियों में बचपन से ही आत्मविश्वास भरना बेहद जरूरी है। ताकि जैसे-जैसे वो बड़ी होती जाएं समाज में अपनी अलग पहचान के साथ छाप भी छोड़ें।

कहते हैं कि बेटियां अपने माता-पिता के लिए बेहद खास होती हैं। जितनी वो खास होती हैं उतनी ही खास उनकी देखभाल भी होती है। जैसे-जैसे बेटियां बड़ी होती जाती हैं, वैसे-वैसे उनके प्रति माता-पिता की जिम्मेदारी भी बढ़ती जाती है। बात यदि पुराने युग की करें तो पहले घर-परिवार में बेटियों के पैदा होने पर उन्हें शगुन और साक्षात देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता था।

लेकिन आज के समय में भी बेटियां अपने आत्मविश्वास से ऊंचे से ऊंचा आसमान छूने की प्रतिभा रखती हैं।
आज के समय में उनका दर्जा लड़कों से कम नहीं है। ये सब कुछ उनके माता-पिता की परवरिश का नतीजा होता है, जिससे उनका सिर गर्व से ऊपर उठता है। बहुत से माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चों की तरक्की देखना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि उनकी बेटी हर दिशा में आगे बढ़े, चाहे वो कोई भी काम क्यों ना हो।

हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी बेटी की सही तरीके से परवरिश कैसे करें ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ सके।

बेटी को करें प्रोत्साहित

जब बेटी बड़ी होती है, तो उसकी जरूरतें भी बढ़ती जाती हैं। आप उसे जमीन से जुड़े रहना सिखाएं। यदि वो आगे बढ़ाने के लिए अपने भविष्य को लेकर कुछ चुनाव करती है तो उसे हताश ना करें। उसका साथ दें। एक बच्चे के लिए उसके माता-पिता का साथ बेहद जरूरी होता है। आप उसे प्रोत्साहित करें। ताकि उसके अंदर का आत्मविश्वास कम ना हो।

बेटी की करें तारीफ

आप अपनी बेटी को बताएं कि वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है। उसके अंदर कोई भी कमी नहीं है। उसके अंदर ऐसी बात है जो उसे बाकियों से जुदा बनाती है। इससे बिटिया का आत्मविश्वास और भी बढ़ेगा।

सीखने का दें अवसर

यदि बेटी को संगीत या किसी भी तरह की एक्टिविटी में इन्ट्रेस्ट है, लेकिन वो इनमें फिट नहीं बैठते, ऐसे में यदि आप उसका साथ नहीं देंगे तो उसका मनोबल टूटता चला जाएगा। उसे सीखने का अवसर जरुर दें। उसे अपनी असल प्रतिभा धीरे-धीरे खुद समझ आएगी और वो आगे बढ़ेगी।

बेटी को सिखाएं समाजिकता

बेटी को समाज और उससे जुड़ी बातों के बारे में सिखाएं। उसे सिखाएं कि यदि उससे कोई दोस्ती नहीं करता तो उसका क्या कारण हो सकता है। समाज के प्रति उसके अंदर नकारात्मकता ना भरें। वरना एक समय के बाद वो समाज को नकारात्मक नजरिये से देखने लगेगी। उसे सभी पहलुओं के बारे में जरुर सिखाएं।

बढ़ाएं बेटी की क्षमता

यदि आपकी बेटी अपना होमवर्क कर रही है तो यूं ही उसकी मदद ना करें। वो जब तक आपसे मदद नहीं मांगती तब तक उसकी मदद मत करें। उसे उसकी क्षमता के अनुसार काम करने दें। उसे अपने दम पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।

ना थोपें अपनी मर्जी

आज के समय में बेटियां स्पोर्ट्स को ज्यादा पसंद कर रही हैं और उसी में अपना भविष्य भी तय कर रही हैं। यदि वो एक जिमनास्टिक बनना चाहती है या फुटबॉल खेलना चाहती है तो उसे आगे बढ़ने दें, ना कि अपना फैसला या अपनी चाह उस पर थोपें। आप ये जरूर पता लगा सकते हैं, कि वो किस खेल को खेलने के लिए ज्यादा सक्षम है। आप खुद उसके लिए कोई खेल तय ना करें।

मत बनाइए कमजोर

आप एक बेटी के माता-पिता हैं तो ये बिल्कुल भी ना सोचें कि वो एक बेटी होने के नाते जीवनभर संघर्ष करेगी। आप उसकी किसी ताकत या कमजोरी की धारणा बिल्कुल ना बनाएं। उसकी खूबियों को प्रोत्साहित करने के साथ उसकी कमजोरियों को भी समय पर पहचानें और उसे सुधारने की कोशिश करें।

बेटी को दिखाएं रोल मॉडल

अक्सर ऐसा होता है जब भी आप कोई न्यूज देखते या पढ़ते हैं तो उसमें आपको कई महिलाएं सीनेटरी, खिलाड़ी, चिकित्सक या एथलीट दिखेंगी। ये अच्छा तरीका होता है अपनी बेटी को इन महिलाओं के बारे में दिखाना और समझाना। आप इनमें से कोई भी अपनी बेटी के लिए रोल मॉडल चुनने में उसकी मदद कर सकते हैं।

तो ये कुछ ऐसी खास टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप अपनी बिटिया को अच्छी परवरिश देने के साथ उसमें आत्मविश्वास भर सकते हैं। अगर आपकी भी बेटी है तो आप हमारी बताई हुई टिप्स को जरूर आजमाएं। आपको इससे बेहतर परिणाम मिलेगा।

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